सागरा। कोयला, पेट्रोल, डीजल ये सभी ऊर्जा के संसाधन सीमित मात्रा में ही बचे हैं और जिस तेजी से इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है, ऐसे में यह साधन जल्द ही समाप्त भी हो सकते हैं. इसी के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा का उपयोग सबसे तेजी से बढ़ रहा है. जो कि सुरक्षित और सुलभ भी है. सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से प्रदूषण से भी बचा जा सकता है. इसके लिए शासन स्तर पर भी लगातार प्रयास कर रहा है. हर जगह अब सौर ऊर्जा के संयत्र लगाए जा रहे है. सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में भी सौर ऊर्जा का प्लांट लगाया गया.
इस यूनिट की क्षमता 500 केवी की है जिससे करीब 2 हजार 200 यूनिट बिजली हर दिन उपयोग में ली जा सकती है. इस यूनिट के लगने के बाद अब बीएमसी में 24 घंटे बिजली रहेगी. इस यूनिट के लगने से एक तरफ बिजली के बिल का भार कम होगा, वहीं इसके लगने के बाद बिजली गुल होने की स्थिति में डीजल से चलने वाले जनरेटर का उपयोग भी नहीं करना होगा. जिससे डीजल का खर्चा भी बचेगा और जनरेटर से होने वाले प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा.
प्रदेश सरकार से हुए अनुबंध के बाद दिल्ली की एक निजी कंपनी ने बीएमसी में सोलर पैनल को बीएमसी की खाली पड़ी छत पर लगाया है. इसका शुभारंभ भी सागर के स्थानीय बीजेपी विधायक शैलेद्र जैन ने कर दिया. यह यूनिट लगने के बाद अगले 25 सालों तक इसका मेंटिनेंस भी कंपनी द्वारा ही किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित कीमत करीब दो करोड़ रुपए बताई जा रही है. जिसका भुगतान शासन अपने अनुबंध के अनुसार किश्तों में करेगा. लेकिन बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में यह यूनिट लगने के बाद बिजली की समस्या बहुत हद तक खत्म हो जाएगी.