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12वीं में कम अंक मिलने पर छात्रा ने हाई कोर्ट में जंचवाई कॉपी, बढ़े 7 अंक

12वीं की परीक्षा में कम अंक मिलने पर सागर की छात्रा ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को हाई कोर्ट में चुनौती दी, सुनवाई के बाद कोर्ट ने बोर्ड को संशोधित अंक वाली मार्कशीट छात्रा को देने का आदेश दिया है.

नीलम लोधी
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Published : Aug 24, 2019, 6:50 AM IST

सागर। कक्षा 12वीं की परीक्षा में 500 में से 414 अंक हासिल करने वाली नीलम लोधी के अब 421 अंक हो गये हैं. एमपी बोर्ड को कोर्ट में चुनौती देकर वह एक साल से अपने हक के लिए लड़ रही थी. अब कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को 30 दिन के भीतर नई मार्कशीट जारी करने के आदेश दिए हैं, ये फैसला हाईकोर्ट में सात सुनवाई के बाद आया है.

हाई कोर्ट में जंचवाई कॉपी, बढ़े 7 अंक
दरअसल, सत्र 2017-18 में नीलम लोधी नें 12वीं परिक्षा दी थी, जिसमें उनके अंग्रेजी विषय में 56 मिले थे, जबकी हिन्दी में 90, गणित में 94, फिजिक्स में 88 और केमिस्ट्री में 86 अंकों के साथ डिक्टेंशन मिला था.


नीलम को अंग्रेजी विषय में कम नंबर मिलने का संदेह हुआ तो उसने एमपी बोर्ड से अपनी अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका मंगाई. इसकी जांच करने पर उसने पाया कि कई प्रश्न में सही उत्तर लिखने पर भी उसे शून्य अंक मिला है.


छात्रा ने अंक कम मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र तिवारी द्वारा उपलब्ध कराये गये दो वेल्यूअर से कॉपी चेक कराई. जिसके बाद नीलम के अंग्रेजी विषय में 7 अंक बढ़े जिससे उसके कुल अंक 56 से 63 हो गए.

सागर। कक्षा 12वीं की परीक्षा में 500 में से 414 अंक हासिल करने वाली नीलम लोधी के अब 421 अंक हो गये हैं. एमपी बोर्ड को कोर्ट में चुनौती देकर वह एक साल से अपने हक के लिए लड़ रही थी. अब कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को 30 दिन के भीतर नई मार्कशीट जारी करने के आदेश दिए हैं, ये फैसला हाईकोर्ट में सात सुनवाई के बाद आया है.

हाई कोर्ट में जंचवाई कॉपी, बढ़े 7 अंक
दरअसल, सत्र 2017-18 में नीलम लोधी नें 12वीं परिक्षा दी थी, जिसमें उनके अंग्रेजी विषय में 56 मिले थे, जबकी हिन्दी में 90, गणित में 94, फिजिक्स में 88 और केमिस्ट्री में 86 अंकों के साथ डिक्टेंशन मिला था.


नीलम को अंग्रेजी विषय में कम नंबर मिलने का संदेह हुआ तो उसने एमपी बोर्ड से अपनी अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका मंगाई. इसकी जांच करने पर उसने पाया कि कई प्रश्न में सही उत्तर लिखने पर भी उसे शून्य अंक मिला है.


छात्रा ने अंक कम मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र तिवारी द्वारा उपलब्ध कराये गये दो वेल्यूअर से कॉपी चेक कराई. जिसके बाद नीलम के अंग्रेजी विषय में 7 अंक बढ़े जिससे उसके कुल अंक 56 से 63 हो गए.

Intro:
सागर। कक्षा 12वीं की परीक्षा में 500 में से 414 अंक हासिल करने वाली नीलम लोधी के अब 421 अंक हो गये हैं। एमपीबोर्ड के वैल्यूवर को कोर्ट में चुनौती देकर वह एक साल से अपने हक के लिए लड़ रही थी। हाईकोर्ट की सात सुनवाई के बाद फैसला नीलम के पक्ष में आया है और हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को 30 दिन के अंदर छात्रा को संशोधित अंकों वाली मार्कशीट जारी करने के आदेश भी दे दिए हैं। दरअसल 12वीं की छात्रा ने अंग्रेजी विषय में 20 अंक कम देने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र तिवारी द्वारा उपलब्ध कराये गये 2 वेल्यूअर से कापी फिर से चेक कराई। कॉपी के पुर्नमूल्यांकन में छात्रा नीलम लोधी के अंग्रेजी विषय में 7 अंक बढ़े हैं।
Body:नीलम को हिन्दी विषय में 90, गणित में 94, फिजिक्स में 88 तथा केमिस्ट्री विषय में 86 अंकों के साथ डिक्टेंशन प्राप्त हुआ था। बोर्ड ने उसे अंग्रेजी विषय में 100 में से मात्र 56 अंक दिए थे। छात्रा को अंग्रेजी विषय में कम नंबर मिलने का संदेह हुआ। उसने एमपी बोर्ड से अपनी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका मंगाई। इसकी जांच करने पर उसने पाया कि कई प्रश्नों के सही उत्तर लिखने के बाद भी कॉपी जांचने वाले वैल्युअर ने उसे शून्य अंक दिया है। इस तरह उसे परीक्षा में न्यूनतम 20 अंक कम दिए गए हैं। कोर्ट ने अपने समक्ष कॉपी चैक कराई तो अंग्रेजी विषय में छात्रा के अंक 56 से बढ़कर 63 हो गए।

बाइट- नीलम लोधी, छात्रा
बाइट- सुनील लोधी, परिजनConclusion:null
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