सागर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए होने जा रहे चुनाव में अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद तस्वीर साफ होती नजर आ रही है. मुकाबला दिग्विजय सिंह और शशि थरूर के बीच में होता हुआ दिख रहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव उस दौर में हो रहे हैं.जब संगठन सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. भविष्य में 2024 का चुनाव है और बुरे वक्त से गुजर रही कांग्रेस वापसी की कोशिश में है. (Congress President Election)
निचले स्तर पर है संगठन में निराशाः संगठन निचले स्तर पर हताशा और निराशा के दौर से गुजर रहा है और आगामी लड़ाई के लिए संगठन की मजबूती जरूरी है. लंबे समय से कांग्रेस की कमान संभाले गांधी परिवार भले ही चुनाव मैदान में ना हो, लेकिन तय माना जा रहा है कि जिसको गांधी परिवार का भरोसा हासिल होगा, वही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा. ऐसी स्थिति में दिग्विजय सिंह बेहतर राष्ट्रीय अध्यक्ष साबित होंगे या फिर शशि थरूर का आकर्षक व्यक्तित्व कांग्रेस की नैया पार लगाएगा इसको लेकर अटकलें लगना शरू हो गई हैं. (Congress President Election)
शशि थरूर की हकीकतः तिरुअनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर की मौजूदा पहचान एक भारतीय राजनेता के तौर पर है. उन्हें पूर्व राजनयिक के तौर पर भी जाना जाता है. कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर 2009 से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले शशि थरूर अपने आकर्षक व्यक्तित्व के कारण जाने जाते हैं. उनकी पहचान एक बुद्धिजीवी के रूप में हैं. अंग्रेजी में उनकी विशेषज्ञता का लोहा माना जाता है. यूपीए-2 सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. अपनी आकर्षक छवि और लाइफस्टाइल के चलते शशि थरूर युवाओं और महिलाओं में काफी लोकप्रिय हैं. हालांकि उनके राजनीतिक जीवन कई विवादों में घिरा रहा है लेकिन उनकी खासी लोकप्रियता उन्हें दूसरे नेताओं से अलग बनाती है. (shashi tharoor congress president)
दिग्विजय सिंह की हकीकतः मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1977 से हुई थी. उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में राघोगढ़ से विधानसभा चुनाव जीता था. दिग्विजय सिंह गांधी परिवार के भरोसेमंद कहे जाते हैं. तेजतर्रार,जुझारू और जीवट इंसान के रूप में उनकी छवि है. उनकी संगठन की क्षमता पार्टी कई मौकों पर देख चुकी है. आरएसएस और बीजेपी के मुखर विरोधी के रूप में उनकी पहचान है. हालांकि इसी मुखरता और बयानों के चलते कई बार पार्टी को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.संगठन के प्रति समर्पण और पार्टी की विचारधारा के प्रति अटूट आस्था को लेकर दिग्विजय सिंह हमेशा संकट के समय पार्टी के लिए काम आते हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उन्हीं की सलाह पर उठाया गया कदम माना जा रहा है. (digvijay singh congress president)
शशि थरूर की वो खासियत,जो चुनाव में दे सकती हैं फायदाः कांग्रेस से जुड़े हुए शशि थरूर को भले ही सिर्फ 13 साल हुए हो लेकिन इन 13 सालों में उनकी एक अलग पहचान बनी है. पार्टी से हटकर व्यक्तिगत तौर पर उनके आकर्षक व्यक्तित्व और ज्ञान के कारण सिर्फ भारत में नहीं विदेश में भी उनका बड़ा नाम है. उन्हें एक बुद्धिजीवी के तौर पर जाना जाता है. अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक के तौर पर उनकी पहचान है. भारतीय राजनीति के अलावा संयुक्त राष्ट्र में काम करने का उनका अनुभव है 2009 में पहली बार सांसद बनने के बाद मंत्री बनने का भी मौका मिला अपने आकर्षक व्यक्तित्व के कारण युवाओं और महिलाओं में काफी लोकप्रिय हैं. (Shashi Tharoor to file nomination)
वो बातें जो शशि थरूर को चुनाव में दिला सकती है नुकसानः व्यक्तिगत तौर पर शशि थरूर अलग व्यक्तित्व के लिए पहचाने जाते हैं. लेकिन जब कांग्रेस संगठन से उनको जोड़ कर देखते हैं, तो कई ऐसी खामियां नजर आती हैं. जो उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के आड़े आ सकती हैं. कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं समूह G -23 के सदस्य रहे हैं. असंतुष्ट नेताओं में शामिल होने के कारण गांधी परिवार के भरोसेमंद नहीं हैं. मंत्री रहते हुए विवादों में घिरे रहे हैं. पत्नी की संदेहास्पद मौत के चलते कई तरह के आरोप भी लगे हैं. दक्षिण के नेता के तौर पर छवि है. हिंदी में कमजोर पकड़ के कारण उत्तर भारत में कम प्रभाव है. (Congress President Election) (shashi tharoor congress president)