सागर। उप्र के बाद मप्र की सियासत में बुलडोजर का बोलबाला चल रहा है, वहीं बुलडोजर चलने और ना चलने पर भी जमकर सियासत हो रही है. सागर के दो कद्दावर मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में भी बुलडोजर चर्चा का विषय बना हुआ है, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में बुलडोजर आए दिन अपना जलवा दिखाता रहता है. (Bulldozer Politics In Madhya Pradesh) सत्ता पक्ष कहता है कि माफिया, सूदखोर और अवैध कारनामों में लिप्त लोगों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का कहना है कि बुलडोजर का उपयोग भय का वातावरण बनाने और विपक्ष के सदस्यों को तोड़ने के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा जिला प्रशासन इन कार्रवाईयों को लेकर अपनी पीठ थपथपाते नजर आता है और सागर में ही 131 करोड़ की भूमि मुक्त कराने की बात करता है.
जिला प्रशासन का दावा: सागर में एंटी माफिया अभियान के तहत भू माफिया, खनन माफिया, गुंडा,बदमाश और अवैध शराब बेचने वालों को बुलडोजर का कहर झेलना पड़ रहा है. जिला प्रशासन के दावे को मानें तो बुलडोजर के सहारे अब तक 131 करोड़ 14 लाख रूपये से अधिक की भूमि मुक्त कराई गई है, लेकिन जिला प्रशासन के ही आंकड़ों पर गौर करें तो बुलडोजर सबसे ज्यादा प्रदेश के दो कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में चला है. इन इलाकों में बुलडोजर ने जमकर कार्रवाई की है.
पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के इलाके में बुलडोजर की कार्रवाई: प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने भी बुलडोजर के सहारे अपना रौद्र रूप दिखाया है, गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र रहली की बात करें तो रहली विकासखंड में 15 एकड़ की शासकीय भूमि के अतिक्रमण को हटाया गया है जिसकी बाजार कीमत करीब 30 लाख बताई गई है. इसी तरह रहली विधानसभा के गढ़ाकोटा में हत्या के प्रयास के आरोपी और सूदखोरी में लिप्त बलवंत और पिंटू द्वारा 6000 वर्ग फीट जमीन और 50 डिसमिल जमीन पर कब्जा कर बनाए गए आलीशान होटल को हटाया गया है, जिसकी बाजार मूल्य के हिसाब से कीमत 2 करोड़ रूपये बताई गई है. इसी तरह गढ़ाकोटा के सिमरिया बलेह गांव में शमशान की 1.12 एकड़ भूमि पर कब्जा हटाकर ग्राम पंचायत को सौंप दी गई है, बरखेड़ा गौतम गांव में सोनू कोरी द्वारा आधा एकड़ जमीन पर कब्जा कर बनाए गए ढाबे को भी हटा दिया गया है.
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा में बुलडोजर की कार्रवाई: मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र खुरई में खुरई खिमलासा रोड पर कृषि यंत्र फैक्ट्री वाले क्षेत्र में .82 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा हटाया गया है, जिसकी कीमत 3 करोड़ 20 लाख बताई जा रही है. इसी तरह संत कबीर दास वार्ड में नजूल की 15 वर्ग फीट भूमि से कब्जा हटाया गया है, जिसकी कीमत 26 लाख रुपए बताई गई है. इसके अलावा खुरई के ग्राम बरोदिया नोनागिर की शासकीय भूमि 3350 वर्ग फीट और 0.15 हेक्टेयर पर कब्जा हटाया गया है, इसकी कीमत 23 लाख 50 हजार बताई गई है.
विरोधी और विपक्षी भी हैं निशाने पर: प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में ज्यादातर शासकीय भूमि से कब्जे हटाने की बात कही जा रही है, लेकिन अधिकांश मामलों में सियासत तक जोर पकड़ लेती है. सागर जिले के कई इलाकों में हो रही बुलडोजर की कार्रवाई में विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के आरोप लग रहे हैं.
क्या कहना है गोपाल भार्गव का: मामले में मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि इलाके में सूदखोर और भू माफियाओं पर बड़ी बुलडोजर कार्रवाई हुई हैं, ज्यादातर मामलों में मनमाना ब्याज वसूलने की बात कही गई है. खासकर व्यापारी वर्ग को परेशान करने की बातें सामने आई हैं, जिसे लेकर गोपाल भार्गव का कहना है कि पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र के व्यापारियों की मीटिंग बुलाकर सूदखोरों और भूमाफिया द्वारा किए जा रहे जमीन पर कब्जे को लेकर पुलिस और प्रशासन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे.
भय का वातावरण और विपक्ष को कमजोर करने की साजिश: पूर्व मंत्री और मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि ये हाथी के दांत हैं, खाने के और दिखाने की और की तरह. इन कार्रवाई के जरिए जनता में भय का वातावरण बनाये जाने और विपक्ष को निशाने पर लिया जा रहा है. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए माफिया के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की थी और माफिया को ही निशाना बनाया जा रहा था, लेकिन फिलहाल की सरकार मुंह देख कर कार्रवाई कर रही है. जैन बुजुर्ग को पीट कर मारने वाले भाजपा नेता के घर पर बुलडोजर नहीं चलाया गया है, वहीं साधु के बाल काटने वाले भाजपा नेता के घर पर बुलडोजर नहीं चलाया गया. बुलडोजर सिर्फ विपक्ष के लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिए चलाया जा रहा है.