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JP Nadda Statement On Familism: परिवारवाद पर नड्डा का बयान, भाजपा के दिग्गज नेताओं को सताई बेटों के भविष्य की चिंता

जेपी नड्डा ने भाजपा में परिवारवाद (JP Nadda Statement On BJP Familism)को लेकर दो टूक बयान देकर बुंदेलखंड के दिग्गज भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी है. शिवराज सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री जयंत मलैया की जिनके बेटे अगले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, परिवारवाद को लेकर भाजपा की रणनीति के खुलासे के बाद नेता जहां पशोपेश में हैं और नेताजी भी अपने बेटों के भविष्य को लेकर असमंजस में हैं.

JP Nadda Statement On BJP Familism
परिवारवाद पर नड्डा का बयान
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Published : Jun 2, 2022, 11:10 PM IST

सागर। मध्यप्रदेश के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने (Madhya Pradesh tour JP Nadda) भाजपा में परिवारवाद को लेकर दो टूक बयान देकर बुंदेलखंड के दिग्गज भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. इन दोनों नेताओं को पार्टी ने एक तरह से बीजेपी ने मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया है. दूसरी तरफ नड्डा द्वारा नेता पुत्रों को लेकर पार्टी की रणनीति का खुलासा करने से नेता पुत्रों की चुनावी तैयारियों पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं. ( Nadda statement on familism) जी हां हम बात कर रहे हैं शिवराज सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री जयंत मलैया की जिनके बेटे अगले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन परिवारवाद को लेकर भाजपा अध्यक्ष के बयान के बाद ये नेता पशोपेश में हैं.

JP Nadda Statement On Familism
शिवराज सरकार के मंत्री और इनके पुत्र
JP Nadda Statement On Familism
शिवराज सरकार के मंत्री और इनके पुत्र
परिवारवाद को लेकर पार्टी की रणनीति पर खुलकर बोले नड्डा: मध्य प्रदेश के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी में परिवारवाद को लेकर बनाई गई रणनीति पर खुलकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भले ही पार्टी चुनाव हार जाए, लेकिन परिवारवाद को लेकर जो रणनीति तैयार की गई है, पार्टी उस पर कायम रहेगी. परिवारवाद को लेकर तमाम विपक्ष पर निशाना साधते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि देश में लंबे समय से परिवारवाद की राजनीति चलती आ रही है. लेकिन हमारी कोशिश है कि पिता की जगह बेटा ले, इस परंपरा को रोका जाए. उत्तर प्रदेश में भी कई ऐसे नेता हैं जिनके बेटे सक्षम हैं और मध्य प्रदेश में भी यही हाल है. मध्य प्रदेश में उपचुनाव हुए, अगर हम परिवारवाद पर भरोसा करते तो चुनाव जीत जाते, लेकिन हमने चुनाव हारना ठीक समझा. परिवारवाद को लेकर रणनीति पर समझौता नहीं किया. उन्होंने परिवारवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पिता के बाद बेटे को टिकट देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा रही है. हम नेता पुत्रों को साधुवाद करते हैं, लेकिन सभी जान लें कि टिकट तो कार्यकर्ता को ही मिलेगा.
JP Nadda Statement On Familism
भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें
JP Nadda Statement On Familism
भाजपा में परिवारवाद को लेकर दो टूक बयान

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गोपाल भार्गव बेटे अभिषेक भार्गव कर रहे हैं विधानसभा चुनाव की तैयारी: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बुंदेलखंड के दिग्गज ब्राह्मण नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव 1985 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने अपने बेटे अभिषेक भार्गव को एक तरह से उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. मौजूदा सरकार में गोपाल भार्गव भले पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं, लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र रेहली में उनके बेटे विधायक के तौर पर काम कर रहे हैं. पिछले दिनों गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा में हुए रहस महोत्सव और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के सामूहिक विवाह सम्मेलन में अभिषेक भार्गव ही मुख्य भूमिका में नजर आए. एक तरह से तय माना जा रहा है कि गोपाल भार्गव अब चुनावी राजनीति से दूर होकर अपने बेटे को आगे बढ़ाना चाहते हैं. 2013 से लगातार वह बेटे को लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. पार्टी की परिवारवाद को लेकर मौजूदा रणनीति के चलते उनके बेटे के भविष्य पर सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है. उम्र में 70 के आंकड़े के करीब पहुंच चुके गोपाल भार्गव को पार्टी भी धीरे-धीरे मार्गदर्शक मंडल में बैठाने की तैयारी कर रही है. हाल ही में बनाई गई पार्टी की प्रदेश कोर कमेटी से उनको विदा कर दिया गया है.

जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया भी विधानसभा टिकट की दौड़ में : भाजपा के दिग्गज जैन नेता जयंत मलैया 2018 में विधानसभा चुनाव हार कर वैसे भी सक्रिय राजनीति से दूर हो चुके हैं. अब अपने बेटे सिद्धार्थ मलैया को अपना चुनावी उत्तराधिकार सौंपना चाहते हैं. लेकिन पार्टी की रणनीति से उनके मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. 2018 में जयंत मलैया कांग्रेस के युवा प्रत्याशी राहुल लोधी से चुनाव हार गए थे, लेकिन बाद में राहुल लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. उन्हें दमोह उपचुनाव में टिकट भी दिया गया, लेकिन जयंत मलैया की नाराजगी के चलते भाजपा को सीट गंवानी पड़ी. जयंत मलैया का भारी विरोध भी हुआ और पार्टी ने फौरी तौर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की, लेकिन जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया दमोह विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद यात्रा निकाल रहे हैं और यात्रा के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार कर रहे हैं. परिवारवाद को लेकर पार्टी की रणनीति के चलते जयंत मलैया के बेटे को भी आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट मिलना टेढ़ी खीर नजर आ रहा है.

JP Nadda on Familialism : परिवारवाद पर समझौता नहीं, चाहे पार्टी को नुकसान ही क्यों न हो

शिवराज और सिंधिया के खास मंत्रियों के भी ऐसे ही होंगे हाल: भले ही गोपाल भार्गव और जयंत मलैया के बेटों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हो लेकिन बीजेपी अगर परिवार बात को लेकर अपनी मौजूदा रणनीति पर लंबे समय तक कायम रहती है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सबसे करीबी भूपेंद्र सिंह के बेटे अभिराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत के भविष्य पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं. क्योंकि, उम्र के तकाजे के चलते भले ही यह नेता अभी मार्गदर्शक मंडल में ना पहुंचे हो लेकिन आगामी कुछ सालों में इनका हाल भी गोपाल भार्गव और जयंत मलैया की तरह हो सकेता है.

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नाराज हुए दिग्गजों पार्टी को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा : परिवारवाद को लेकर पार्टी की रणनीति के चलते अगर गोपाल भार्गव और जयंत मलैया के बेटों को 2023 के विधानसभा में टिकट नहीं मिला, तो भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. गोपाल भार्गव जहां दिग्गज ब्राह्मण नेता के तौर पर जाने जाते हैं और चुनावी बिसात बिछाने में उनको महारत हासिल है. तो दूसरी तरफ जयंत मलैया बुंदेलखंड के सबसे अमीर नेताओं में शुमार होने के साथ-साथ जैन समाज के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं. पिछले साल हुए दमोह उपचुनाव में वह अपनी ताकत का प्रदर्शन भी कर चुके हैं और सत्ताधारी दल को दमोह सीट गंवाना पड़ी थी.

सागर। मध्यप्रदेश के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने (Madhya Pradesh tour JP Nadda) भाजपा में परिवारवाद को लेकर दो टूक बयान देकर बुंदेलखंड के दिग्गज भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. इन दोनों नेताओं को पार्टी ने एक तरह से बीजेपी ने मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया है. दूसरी तरफ नड्डा द्वारा नेता पुत्रों को लेकर पार्टी की रणनीति का खुलासा करने से नेता पुत्रों की चुनावी तैयारियों पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं. ( Nadda statement on familism) जी हां हम बात कर रहे हैं शिवराज सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री जयंत मलैया की जिनके बेटे अगले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन परिवारवाद को लेकर भाजपा अध्यक्ष के बयान के बाद ये नेता पशोपेश में हैं.

JP Nadda Statement On Familism
शिवराज सरकार के मंत्री और इनके पुत्र
JP Nadda Statement On Familism
शिवराज सरकार के मंत्री और इनके पुत्र
परिवारवाद को लेकर पार्टी की रणनीति पर खुलकर बोले नड्डा: मध्य प्रदेश के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी में परिवारवाद को लेकर बनाई गई रणनीति पर खुलकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भले ही पार्टी चुनाव हार जाए, लेकिन परिवारवाद को लेकर जो रणनीति तैयार की गई है, पार्टी उस पर कायम रहेगी. परिवारवाद को लेकर तमाम विपक्ष पर निशाना साधते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि देश में लंबे समय से परिवारवाद की राजनीति चलती आ रही है. लेकिन हमारी कोशिश है कि पिता की जगह बेटा ले, इस परंपरा को रोका जाए. उत्तर प्रदेश में भी कई ऐसे नेता हैं जिनके बेटे सक्षम हैं और मध्य प्रदेश में भी यही हाल है. मध्य प्रदेश में उपचुनाव हुए, अगर हम परिवारवाद पर भरोसा करते तो चुनाव जीत जाते, लेकिन हमने चुनाव हारना ठीक समझा. परिवारवाद को लेकर रणनीति पर समझौता नहीं किया. उन्होंने परिवारवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पिता के बाद बेटे को टिकट देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा रही है. हम नेता पुत्रों को साधुवाद करते हैं, लेकिन सभी जान लें कि टिकट तो कार्यकर्ता को ही मिलेगा.
JP Nadda Statement On Familism
भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें
JP Nadda Statement On Familism
भाजपा में परिवारवाद को लेकर दो टूक बयान

Scuffle in BJP Leaders: जे पी नड्डा की सुरक्षा में चूक! भाजपाईयों में हुई धक्का-मुक्की, शिवराज ने मोर्चा संभालते हुए इस अंदाज में लगाई फटकार

गोपाल भार्गव बेटे अभिषेक भार्गव कर रहे हैं विधानसभा चुनाव की तैयारी: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बुंदेलखंड के दिग्गज ब्राह्मण नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव 1985 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने अपने बेटे अभिषेक भार्गव को एक तरह से उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. मौजूदा सरकार में गोपाल भार्गव भले पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं, लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र रेहली में उनके बेटे विधायक के तौर पर काम कर रहे हैं. पिछले दिनों गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा में हुए रहस महोत्सव और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के सामूहिक विवाह सम्मेलन में अभिषेक भार्गव ही मुख्य भूमिका में नजर आए. एक तरह से तय माना जा रहा है कि गोपाल भार्गव अब चुनावी राजनीति से दूर होकर अपने बेटे को आगे बढ़ाना चाहते हैं. 2013 से लगातार वह बेटे को लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. पार्टी की परिवारवाद को लेकर मौजूदा रणनीति के चलते उनके बेटे के भविष्य पर सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है. उम्र में 70 के आंकड़े के करीब पहुंच चुके गोपाल भार्गव को पार्टी भी धीरे-धीरे मार्गदर्शक मंडल में बैठाने की तैयारी कर रही है. हाल ही में बनाई गई पार्टी की प्रदेश कोर कमेटी से उनको विदा कर दिया गया है.

जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया भी विधानसभा टिकट की दौड़ में : भाजपा के दिग्गज जैन नेता जयंत मलैया 2018 में विधानसभा चुनाव हार कर वैसे भी सक्रिय राजनीति से दूर हो चुके हैं. अब अपने बेटे सिद्धार्थ मलैया को अपना चुनावी उत्तराधिकार सौंपना चाहते हैं. लेकिन पार्टी की रणनीति से उनके मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. 2018 में जयंत मलैया कांग्रेस के युवा प्रत्याशी राहुल लोधी से चुनाव हार गए थे, लेकिन बाद में राहुल लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. उन्हें दमोह उपचुनाव में टिकट भी दिया गया, लेकिन जयंत मलैया की नाराजगी के चलते भाजपा को सीट गंवानी पड़ी. जयंत मलैया का भारी विरोध भी हुआ और पार्टी ने फौरी तौर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की, लेकिन जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया दमोह विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद यात्रा निकाल रहे हैं और यात्रा के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार कर रहे हैं. परिवारवाद को लेकर पार्टी की रणनीति के चलते जयंत मलैया के बेटे को भी आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट मिलना टेढ़ी खीर नजर आ रहा है.

JP Nadda on Familialism : परिवारवाद पर समझौता नहीं, चाहे पार्टी को नुकसान ही क्यों न हो

शिवराज और सिंधिया के खास मंत्रियों के भी ऐसे ही होंगे हाल: भले ही गोपाल भार्गव और जयंत मलैया के बेटों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हो लेकिन बीजेपी अगर परिवार बात को लेकर अपनी मौजूदा रणनीति पर लंबे समय तक कायम रहती है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सबसे करीबी भूपेंद्र सिंह के बेटे अभिराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत के भविष्य पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं. क्योंकि, उम्र के तकाजे के चलते भले ही यह नेता अभी मार्गदर्शक मंडल में ना पहुंचे हो लेकिन आगामी कुछ सालों में इनका हाल भी गोपाल भार्गव और जयंत मलैया की तरह हो सकेता है.

JP Nadda visit MP: गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निवास पर पहुंचे जेपी नड्डा, शिवराज मंत्रिमंडल के साथ किया स्वल्पाहार

नाराज हुए दिग्गजों पार्टी को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा : परिवारवाद को लेकर पार्टी की रणनीति के चलते अगर गोपाल भार्गव और जयंत मलैया के बेटों को 2023 के विधानसभा में टिकट नहीं मिला, तो भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. गोपाल भार्गव जहां दिग्गज ब्राह्मण नेता के तौर पर जाने जाते हैं और चुनावी बिसात बिछाने में उनको महारत हासिल है. तो दूसरी तरफ जयंत मलैया बुंदेलखंड के सबसे अमीर नेताओं में शुमार होने के साथ-साथ जैन समाज के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं. पिछले साल हुए दमोह उपचुनाव में वह अपनी ताकत का प्रदर्शन भी कर चुके हैं और सत्ताधारी दल को दमोह सीट गंवाना पड़ी थी.

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