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Rewa Traffic Police प्रधान आरक्षक विकट सिंह ने दर्ज कराई विकट रिपोर्ट, मृत व्यक्ति के नाम FIR

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Published : Sep 4, 2022, 9:00 PM IST

एमपी अजब है...यहां की पुलिस गजब है. पुलिस विभाग में आए दिन नए नए कारनामें उजागर हो रहे हैं. ताजा मामला रीवा जिले के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र का है. बीते दिन यातायात थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक विकट सिंह ने विश्वविद्यालय थाना में अपने साथ हुई कथित मारपीट के आरोप में 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें एक व्यक्ति की लगभग डेढ़ वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी थी. जब की दो अन्य लोग जीवित है. मामले का खुलासा तब हुआ जब बनाए तीनों आरोपियों के परीजन न्याय की गुहार लगाने एसपी कार्यालय पहुंचे. (Rewa police beaten up) (Rewa Police Negligence) (Rewa traffic Police) (Rewa University Police Station) (Rewa Police assault allegation).

Rewa Traffic Police
रीवा यातायात थाना

रीवा। यातायात थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक का एक नया कारनामा सामने आया है. प्रधान आरक्षक विकट सिंह ने बीते दिनों मारपीट का आरोप लगाते हुए 3 लोगों के खिलाफ विश्वविद्यालय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. प्रधान आरक्षक ने शिकायत की थी कि, वह खाना खाकर अपने घर के बाहर टहल रहे थे तभी वहांं आयें 3 बदमाशों ने उनसे शराब पीने के लिए पैसों की मांग की शुरू कर दी. इस बात का जब उन्होंने विरोध किया गया तो बदामशों ने उनपर हमला बोल दिया और मौके से फरार हो गए. प्रधान आरक्षक ने पिंटू सोंधिया, सूर्य प्रताप कौल और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया था. इनमें से 2 लोग जिंदा हैं जबकि, एक की एफआईआर दर्ज होने के पहले ही मौत हो चुकी थी. इस प्राथमीकी ने विकट सिंह को ही विकट स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है.

रीवा प्रधान आरक्षक ने लगाया मारपीट का आरोप

मामले में आया नया मोड़: यातायात थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक के साथ हुई मारपीट में नया मोड़ निकल कर तब सामने आया जब मारपीट के तीनों आरोपियों के परिजन एक साथ एसपी कार्यालय पहुंचे. एसपी कार्यालय पहुंचे एक व्यक्ति का कहना था कि, फोर व्हीलहर में सवार कुछ लोग उसे रास्ते में पकड़कर मारपीट करने लगे. इसके बाद उसे वाहन में जबरन बैठाकर ले जाने लगे. तभी उसने एक व्यक्ति को दांतो से काट लिया था. इसके बाद प्रधान आरक्षक सादे कपड़ों में वहां पहुंच गए थे. तभी वाहन सवार सभी व्यक्ति वाहन छोड़कर मौके से भाग गए थे. इस बयान के बाद मामला और भी पेचींदा हो गया है. (Rewa Police Beaten up)

एक आरोपी की डेढ़ वर्ष पहले हो चुकी है मौत: प्रधान आरक्षक की शिकायत पर आरोपी बनाए गए अधिवक्ता सूर्य प्रकाश रावत का कहना है कि, घटना के दौरान वह वहां पर उपस्थित नहीं थे. इसके बावजूद भी उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है. मामले पर पिंटू सोंधिया के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. जो की बीते डेढ़ वर्ष पहले ही मर चुका है.

अजब एमपी की गजब पुलिस: एक साल की उम्र में ही बच्चे को बनाया आरोपी, 34 साल बाद किया गिरफ्तार, जानें क्या है मामला

संदेह के दायरे में शिकायत: अब कौन गलत है, कौन सही. इसकी जांच अगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे तो मामला साफ हो पाएगा. प्रधान आरक्षक की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायत संदेह के दायरे में है. आरोपी बनाए गए लोगों के परिजनों का दावा है कि, पिंटू सोंधिया की बीते डेढ़ वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. मामले में बड़ा सवाल यह है कि, जिस व्यक्ति की डेढ़ वर्ष पहले मौत हो गई है वह किसी के साथ कैसे मारपीट कर सकता है. हालांकि, विश्वविद्यालय थाना प्रभारी विद्या वारिधी तिवारी का कहना है कि मारपीट में आरक्षक को चोटें आई हैं. मुकदमा कायम कर आरोपियों की तलाश की जा रही है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. (Rewa police beaten up) (Rewa Police Negligence) (Rewa traffic Police) (Rewa University Police Station) (Rewa Police assault allegation).

रीवा। यातायात थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक का एक नया कारनामा सामने आया है. प्रधान आरक्षक विकट सिंह ने बीते दिनों मारपीट का आरोप लगाते हुए 3 लोगों के खिलाफ विश्वविद्यालय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. प्रधान आरक्षक ने शिकायत की थी कि, वह खाना खाकर अपने घर के बाहर टहल रहे थे तभी वहांं आयें 3 बदमाशों ने उनसे शराब पीने के लिए पैसों की मांग की शुरू कर दी. इस बात का जब उन्होंने विरोध किया गया तो बदामशों ने उनपर हमला बोल दिया और मौके से फरार हो गए. प्रधान आरक्षक ने पिंटू सोंधिया, सूर्य प्रताप कौल और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया था. इनमें से 2 लोग जिंदा हैं जबकि, एक की एफआईआर दर्ज होने के पहले ही मौत हो चुकी थी. इस प्राथमीकी ने विकट सिंह को ही विकट स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है.

रीवा प्रधान आरक्षक ने लगाया मारपीट का आरोप

मामले में आया नया मोड़: यातायात थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक के साथ हुई मारपीट में नया मोड़ निकल कर तब सामने आया जब मारपीट के तीनों आरोपियों के परिजन एक साथ एसपी कार्यालय पहुंचे. एसपी कार्यालय पहुंचे एक व्यक्ति का कहना था कि, फोर व्हीलहर में सवार कुछ लोग उसे रास्ते में पकड़कर मारपीट करने लगे. इसके बाद उसे वाहन में जबरन बैठाकर ले जाने लगे. तभी उसने एक व्यक्ति को दांतो से काट लिया था. इसके बाद प्रधान आरक्षक सादे कपड़ों में वहां पहुंच गए थे. तभी वाहन सवार सभी व्यक्ति वाहन छोड़कर मौके से भाग गए थे. इस बयान के बाद मामला और भी पेचींदा हो गया है. (Rewa Police Beaten up)

एक आरोपी की डेढ़ वर्ष पहले हो चुकी है मौत: प्रधान आरक्षक की शिकायत पर आरोपी बनाए गए अधिवक्ता सूर्य प्रकाश रावत का कहना है कि, घटना के दौरान वह वहां पर उपस्थित नहीं थे. इसके बावजूद भी उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है. मामले पर पिंटू सोंधिया के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. जो की बीते डेढ़ वर्ष पहले ही मर चुका है.

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संदेह के दायरे में शिकायत: अब कौन गलत है, कौन सही. इसकी जांच अगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे तो मामला साफ हो पाएगा. प्रधान आरक्षक की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायत संदेह के दायरे में है. आरोपी बनाए गए लोगों के परिजनों का दावा है कि, पिंटू सोंधिया की बीते डेढ़ वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. मामले में बड़ा सवाल यह है कि, जिस व्यक्ति की डेढ़ वर्ष पहले मौत हो गई है वह किसी के साथ कैसे मारपीट कर सकता है. हालांकि, विश्वविद्यालय थाना प्रभारी विद्या वारिधी तिवारी का कहना है कि मारपीट में आरक्षक को चोटें आई हैं. मुकदमा कायम कर आरोपियों की तलाश की जा रही है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. (Rewa police beaten up) (Rewa Police Negligence) (Rewa traffic Police) (Rewa University Police Station) (Rewa Police assault allegation).

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