रीवा। जिले के ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के काले कारनामे आए दिन उजागर होते है. ताजा मामला गंगेव जनपद के ग्राम पंचायत बांस का है. ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव के द्वारा जांच अधिकारियों को निर्माण कार्यों का अभिलेख उपलब्ध न कराए जाने पर जिला पंचायत सीईओ ने नोटिस जारी किया है. नोटिस में जिला पंचायत सीईओ ने 7 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने की बात कही है. (rewa what happened in Panchayat scam)
सीईओ की जांच में भ्रष्टाचार उजागर हुआः दरअसल गंगेव जनपद के ग्राम पंचायत बांस में हुए भ्रष्टाचार की भनक सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को लग चुकी थी. जिसकी शिकायत उनके द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेड़े से की गई थी. मामले को संज्ञान में लेकर जब जिला पंचायत सीईओ ने प्रशासनिक टीम गठित की और कराए गए कार्यों की जांच कराई गई तो सरपंच सचिव के कारनामे उजागर होने शुरू हो गए. सामाजिक कार्यकर्त्ता शिवानंद द्विवेदी का कहना है कि उनकी शिकायत पर 9 बिन्दुओं की जाँच सीईओ जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े के द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों द्वारा करवाई गयी थी. तीन अधिकारियों की टीम ने जांच तो की लेकिन भ्रष्टाचार को दबाने के लिए तत्कालीन सरपंच सचिव के द्वारा जाँच टीम को अभिलेख उपलब्ध नहीं करवाए गए. जिसके कारण भ्रष्टाचार का आकलन नहीं किया जा सका. इस बाबत जानकारी सीईओ जिला पंचायत को प्रेषित कर जाँच टीम ने धारा 40 और 92 के लिए अनुशंसा की है. (rewa sarpanch corruption ceo notice scam)
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सरपंच को जारी हुआ नोटिसः इसके बाद सीईओ जिला पंचायत ने सरपंज को नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर अभिलेख जांच अधिकारियों को उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए हैं. कारण बताओ सूचना पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है की यदि 7 दिन के भीतर सरपंच सचिव द्वारा अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये जाते तो यह माना जाएगा की कोई भी कार्य धरातल पर हुए ही नहीं और अभिलेख नष्ट कर दिए गए हैं. जिसके लिए पूरे 9 कार्यों के लिए कुल 70 लाख 37 हजार रुपये की वसूली बनायी जाएगी और गबन के लिए धारा 92 के तहत प्रकरण दर्ज कर कलेक्टर न्यायालय के लिए प्रेषित किया जाएगा. (rewa sarpanch corruption ceo) (rewa ceo issued notice to Sarpanch)