रीवा। एमपी अजब है..एमपी गजब है...चोरी हुए मुक्तिधाम के मामले में फिर एक बार नया मोड़ सामने आया है. मामला गंगेव जनपद पंचायत के सेदहा गांव का है. यहां जनता के पैसों का बंदरबाट करने के लिए अधिकारियों ने मिलकर सारी हदें पार कर दीं. ग्राम पंचायत सेदहा में मुक्तिधाम के निर्माण के लिए 14 लाख 95 हजार की राशि स्वीकृत हुई थी. राशि भी ली गई और काम भी हुआ, लेकिन मुक्तिधाम जहां बनना था वहां कभी बना ही नहीं. अब इस बात की जांच भी की जा रही है कि मुक्तिधाम गया कहां और वह भी जमीन खोद कर. (Rewa MuktiDham Chori) (Rewa Muktidham Scam).
लेवलर से कर दिया समतल: ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग रीवा के कार्यपालन यंत्री आर एल कोकोटे, गंगेव जनपद के सहायक यंत्री श्रीकांत द्विवेदी एवं उपयंत्री डोमिनिक कुजूर के द्वारा इस मामले की फिर से जांच की गई. जांच के दौरान तीन बिंदुओं की जांच को जमीन का कॉम्पेक्शन और सरफेस से लेवल देखने के लिए कुदाल से खुदाई की गई. बघविल शांतिधाम और जिरौही में बने 2 अन्य शांति धाम की लगभग एक दर्जन जगह पर तकनीकी विशेषज्ञों की उपस्थिति में दो से ढाई फीट तक गहरी खुदाई की गई. इसमें मिट्टी का स्तर और कंपोजीशन देखा गया. देखने पर पाया गया कि, जिस बघविल शांतिधाम की सरफेस बनाने के लिए ही मात्र लगभग 9 लाख रुपये मिट्टीकरण होना बताया गया है. वहां कोई मिट्टीकरण हुआ ही नहीं है. मात्र लेवलर से समतल कर दिया गया है.(Rewa Sedha Panchayat Scam) खास बात यह है कि यह पूरा घोटाला सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी (Shivanand Dwivedi) की शिकायत के बाद सामने आया है. घोटाला सामने आने के बाद अब अधिकारी जमीन की खुदाई कर मुक्तिधाम को ढूढ़ने में जुटे हैं.
ऐसे हुआ घोटाला: मामले को लेकर जिले के सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी (Shivanand Dwivedi) का कहना है कि, सेदहा ग्राम पंचायत की तीन बिंदुओं की जांच में शांतिधाम और खेल का मैदान सम्मिलित हैं. इनमें तकनीकी स्वीकृति दिए जाने के दौरान आसपास की जमीन से किए जाने वाले कार्य का लेवल नहीं दर्शाया गया था. इसमें मन मुताबिक मूल्यांकन कर कार्य की पूरी राशि हजम कर ली गई थी. अब सवाल यह है कि जो मनरेगा और पंचायती कार्य की तकनीकी स्वीकृति दी जाती है उसमें कार्य का जमीनी मूल्यांकन अवश्य देखा जाता है. विशेषतौर पर यदि मनरेगा में काम किया जाना है तो उस मिट्टी का लेवल आसपास की मिट्टी के लेवल से आवश्यक तौर पर देखा जाता है. इसी आधार पर उस कार्य की लागत का प्रारंभिक आकलन कर टीएस जारी होते हैं. यह जांच इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि, तकनीकी तौर पर कार्यपालन यंत्री एसडीओ और उपयंत्री की उपस्थिति में मजदूर लगाकर कुदाल से कई जगह शांतिधाम और खेल मैदान की खोद कर जांच की गई. जांच के दौरान व्यापक अनियमितता प्रकाश में आई है. इसमें कई लाख रुपए की रिकवरी बनने का अनुमान है.
सिर्फ बाउंड्री वॉल ही बनी: मामला सेदहा ग्राम पंचायत के आराजी नंबर 3 पर बनाए गया यह शांतिधाम सेदहा ग्राम पंचायत की आराजी नंबर 3 पर ना होकर हिनौती ग्राम पंचायत के गदही ग्राम की आराजी नंबर 47 और 74 में बना . जिसमें सिर्फ जंगल के पत्थरों से बाउंड्री वॉल कर दिया गया था. इसकी जांच भी कमिश्नर रीवा संभाग के द्वारा एसडीएम सिरमौर से कराई गई थी. इसमें प्रतिवेदन संभागीय आयुक्त को भेजा जा चुका है. जाहिर है जिस स्थान के लिए तकनीकी स्वीकृति होती है. कार्य उसी स्थान पर किया जाता है. जिस प्रकार सेदहा ग्राम पंचायत का शांतिधाम हिनौती ग्राम पंचायत में बिना किसी शासकीय अनुमति के बना दिया गया और वह भी सिर्फ बाउंड्री वॉल बनाकर. इसलिए यह पूरा मामला रिकवरी की श्रेणी में आता है.(Rewa MuktiDham Chori) (Rewa Muktidham Scam).