रीवा। पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही चुनाव में ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर खुद को बीमार बताने की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे कर्मचारियों से सख्ती से निपटने की तैयारी रीवा कलेक्टर ने भी कर ली है. कलेक्टर ने ड्यूटी लगने से पहले ही एक आदेश जारी कर दिया है कि, यदि किसी कर्मचारी ने ऐसा किया तो उसे बीस साल की सेवा और पचास साल की उम्र के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कम्पल्सरी रिटायरमेंट) दिया जाएगा.
निर्वाचन ड्यूटी से बचाव के लिए मेडिकल आवेदन: चुनाव के मद्देनजर लोक शिक्षण संचालनालय ने अवकाश निरस्त कर दिए हैं. रीवा कलेक्टर द्वारा 27 मई को जारी आदेश में कहा गया है कि, पंचायत निर्वाचन में संलग्न अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा अपनी अस्वस्थता के कारण निर्वाचन कार्य सम्पादन में असमर्थता बताई जा रही है. इनके द्वारा निर्वाचन ड्यूटी से बचाव के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में मेडिकल बोर्ड/आवेदन प्रस्तुत किए जा रहे हैं. कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध शासन के नियमों के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्यवाही की जाएगी.
छुट्टी निरस्त होने से शिक्षकों में रोष: पंचायत चुनाव के लिए आचार संहिता लागू किए जाने के बाद छुट्टी निरस्त किए जाने से स्कूली शिक्षकों में नाराजगी है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार गैर शिक्षकीय कार्य के लिए टीचर्स की ड्यूटी ही सबसे पहले लगती है. छुट्टियां निरस्त होने ने शिक्षकों में रोष है.