रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मऊगंज सहित कई शहरी इलाकों में सुअरों की लगातार मौतें होने से पशुपालकों के साथ आसपास के लोगों की चिंता बढ़ गई थी. सुअरों की मौत के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने जानवरों का टीकाकरण शुरू किया. इनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया. जांच रिपोर्ट में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है. पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक के मुताबिक राहत वाली बात यह है कि, इससे इंसानों या दूसरे जानवरों को कोई खतरा नहीं है. (Rewa African Swine Fever) (Rewa Veterinary Department)
भोपाल भेजा गया था सैंपल: सुअरों के बीच फैली बीमारी स्वाइन फीवर के बारे में पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. राजेश मिश्रा का कहना है की प्रथम रिपोर्ट 12 अगस्त को आई थी. इसके बाद विभाग की ओर से उन सभी स्थानों में जांच के साथ साथ टीकाकरण अभियान शुरू किया गया जहां पर सुअर पालक रहते हैं. सुअरों की मृत्यु दर काफी संख्या में है. डॉ. ने बताया कि जांच कर जानवरों के सैंपल को भोपाल भेजा गया था. केंद्र सरकार के हाई सिक्योरिटी लैब से सभी सैंपल की पुष्टि की गई है. इस बीमारी को अफ्रीकन स्वाइन फीवर बताया गया है. (African Swine Fever MP) (Rewa Swine Fever News) (Swine Fever Latest News Rewa)
बड़ी संख्या में एएसएफ से संक्रमित सूअर मारे गए
लैब से स्वाइन फीवर की पुष्टि: आपको बता दें कि रीवा शहर के वार्ड 15 में धोबिया टंकी इलाके में सुअरों के बीमार होने की जानकारी मिली थी. लक्षणों के आधार पर बीमार सुअरों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे. इसमें इस वायरस की पुष्टि हुई है. अफ्रीकन स्वाइन फीवर को कंट्रोल करने की राष्ट्रीय गाइडलाइन के मुताबिक जिस स्थान पर एएसएफ का संक्रमण पाया जाता है. उसके एक किलोमीटर के दायरे में सुअरों की किलिंग की जाती है. ताकि दूसरे जानवरों को संक्रमण से बचाया जा सके. इसके अलावा तीन किलोमीटर के दायरे में सभी जानवरों की सैंपलिंग कर निगरानी करनी पड़ती है.(Rewa Swine Fever News) (Swine Fever Latest News Rewa) (African Swine Fever MP)