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हड़ताल पर सहकारी समिति के कर्मचारी, शुरू नहीं हो सकी धान की खरीदी - नहीं हो सकी धान खरीदी

सहकारी समिति के कर्मचारियों की अनिश्चिकालीन हड़ताल के चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू नहीं हो पाई है, जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Paddy purchase did not start due to strike of cooperative society employees, farmers upset in rewa
सहकारी समिति के कर्मचारियों की हड़ताल से नही शुरू हुई धान खरीदी
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Published : Dec 3, 2019, 11:55 PM IST

रीवा। सहकारी समिति के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनती नजर आ रही है. इस हड़ताल की वजह से समर्थन मूल्य पर होने वाली धान की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. धान की खरीदी दो दिसंबर से शुरू होनी थी, लेकिन हड़ताल की वजह से इसकी शुरुआत नहीं हो सकी. जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

हड़ताल पर सहकारी समिति के कर्मचारी

खरीदी शुरू होने से पहले ही सहकारी समिति के कर्मचारी व प्रबंधक महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि जैसी मांगों को लेकर जिला सहकारी बैंक के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए.

धान खरीदी सहकारी समिति के माध्यम से होनी थी. जिसके लिए 68 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, लेकिन समिति प्रबंधक व कर्मचारियों की हड़ताल की वजह ये केंद्र बंद पड़े हैं. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को जिले के अधिकारियों ने मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन वो अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, कर्मचारी मानने को तैयार नहीं हुए. धान खरीदी शुरू न हो पाने के चलते सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है, क्योंकि किसान धान को बेचकर उन्हीं पैसों से खरीफ की फसल के लिए खाद- बीज लेकर फसल बोने की तैयारी करते हैं.

रीवा। सहकारी समिति के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनती नजर आ रही है. इस हड़ताल की वजह से समर्थन मूल्य पर होने वाली धान की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. धान की खरीदी दो दिसंबर से शुरू होनी थी, लेकिन हड़ताल की वजह से इसकी शुरुआत नहीं हो सकी. जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

हड़ताल पर सहकारी समिति के कर्मचारी

खरीदी शुरू होने से पहले ही सहकारी समिति के कर्मचारी व प्रबंधक महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि जैसी मांगों को लेकर जिला सहकारी बैंक के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए.

धान खरीदी सहकारी समिति के माध्यम से होनी थी. जिसके लिए 68 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, लेकिन समिति प्रबंधक व कर्मचारियों की हड़ताल की वजह ये केंद्र बंद पड़े हैं. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को जिले के अधिकारियों ने मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन वो अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, कर्मचारी मानने को तैयार नहीं हुए. धान खरीदी शुरू न हो पाने के चलते सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है, क्योंकि किसान धान को बेचकर उन्हीं पैसों से खरीफ की फसल के लिए खाद- बीज लेकर फसल बोने की तैयारी करते हैं.

Intro:रीवा जिले में सहकारी समिति के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से शुरू होने से पहले ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई समर्थन मूल्य पर धान खरीदी। 2 दिसंबर से शुरू होनी थी धान खरीदी, लेकिन हड़ताल की वजह से इसकी शुरुआत नहीं हो पाई जिसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को उठानी पड़ रही है।


Body:जिले में समर्थन मूल्य की धान खरीदी पहले 25 नवंबर से होनी थी लेकिन अफरीदी की शुरुआत ना हो पाने से इसकी शुरुआत 2 दिसंबर से होनी थी लेकिन इसके पहले ही सहकारी समिति के कर्मचारी व प्रबंधक अपने महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि जैसी मांगों को लेकर जिला सहकारी बैंक के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी, धान खरीदी सहकारी समिति के माध्यम से होनी थी और उसके लिए 68 खरीदी केंद्र बनाए गए थे लेकिन समिति प्रबंधक व कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से धान खरीदी की कब शुरू हो पाएगी यह कह पाना मुश्किल है क्योंकि धान की खरीदी बिना समितियों से नहीं हो सकती यह हड़ताल पर है जिन्हें जिले के अधिकारियों द्वारा मनाने की काफी कोशिश की गई लेकिन यह अपनी मांगे पड़े हुए हैं अब धान खरीदी शुरू होने से पहले शुरू नहीं हो पाई, सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है क्योंकि किसान धान को बेचकर उन्हीं पैसों से दूसरी फसलों के लिए खाद बीज लेकर फसल बोने की तैयारी करते हैं लेकिन धान खरीदी शुरू ही नहीं हो पा रही है ना ही किसानों को कोई जानकारी दी गई कि कब से शुरू होगी जिससे मंडी आकर किसान वापस लौट रहे हैं।

बाइट-01 रावेंद्र प्रसाद पांडेय, किसान
बाइट-02 संतोष कुमार गौतम, सहकारी समिति के कर्मचारी
बाइट-03 राजेन्द्र सिंह ठाकुर, जिला आपूर्ति नियत्रंक अधिकारी


Conclusion:
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