रीवा। पंचायत चुनाव के सियासी घमासान के बीच एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. घटना जिले के गंगेव जनपद के सेंदहा ग्राम पंचायत के नेवरिया गांव की है. यहां सरकार और स्थानीय नेताओं द्वारा किए गए दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. नाराज ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव में पोलिंग बूथ तक पहुंचकर वोट डालने के लिए गांव के लोगों के लिए हेलीकॉप्टर की व्यावस्था किए जाने मांग की (rewa villagers demand helicopter) चुनाव आयोग (Election Commission MP) और सरकार से की है.
सरकार से हेलीकॉप्टर की मांग: ग्रामीणों ने सरकार से यह अनोखी मांग इसलिए की है कि, गांव से पोलिंग बूथ तक पहुंचे वाले मार्ग की हालत बेहद खराब है. बरसात के महीने में चुनाव के दौरान ग्रामीणों का पोलिंग बूथ तक पहुंच पाना काफी मुश्किल होगा. इसके चलते सेंदहा ग्राम पंचायत के ग्रमीणों का कहना है कि, सेंदहा से नेवरिया गांव के पोलिंग बूथ तक पहुंचकर वोट डालने के लिए उन्हें हेलीकॉप्टर (Helicopter) या फिर हवाई जहाज की आवश्यकता है. सरकार उनकी मांग पूरी करे अन्यथा वह वोट डालने से वंचित रह जाएंगे.
सेदहा ग्राम पंचायत के नेवरिया में आने जाने के लिए सड़क नहीं है. हालात यह हैं की ग्राम नेवरिया के लोग बरसात के दिनों में 3 से 4 महीने गांव से बाहर निकलने और गांव में प्रवेश करने के लिए 100 बार सोचते हैं. राजनीतिक रसूख के चलते कुछ सरपंच प्रत्याशियों ने पहले से निर्धारित सेदहा ग्राम के पोलिंग स्टेशन क्रमांक 97 को बदलकर नेवरिया में करवा दिया था. इसका कारण यह था कि, पिछले चुनाव में प्रत्याशी के वोट सेदहा ग्राम में कम थे, इसलिए नेवरिया में पोलिंग बूथ बनवाया गया था. - शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता
आजादी के 75 साल बाद भी नहीं बनी सड़क: इस मामले को प्रकाश में लाने वाले रीवा जिले के सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के मुताबिक गंगेव जनपद में कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां आजादी के 75 वर्ष बीत जाने बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. चुनाव नजदीक आते ही क्षेत्र के नेता वोट मांगने जनता के बीच जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद वही नेता जनता से किए गए वादे भूल जाते हैं.
फर्जी प्रतिवेदन का आरोप: मामले की शिकायत जिले के अधिकारियों से की गई तो मनगवां एसडीएम ए.के सिंह को जांच कर 3 दिन के अंदर प्रतिवेदन सौंपने को कहा गया. इस पर एसडीएम ने नेवरिया में जाकर नेवरिया के लोगों से पंचनामा हस्ताक्षर करवाकर प्रतिवेदन दे दिया और बताया कि नेवरिया के लोग चाहते हैं कि पोलिंग स्टेशन न बदला जाए, लेकिन सवाल यह था कि, शिकायत तो सेदहा और भमरिया के लोगों द्वारा की गई थी. उन्होंने पोलिंग बूथ बदलने की मांग की थी, ना कि नेवरिया के लोगों ने. इधर, सेदहा और भमरिया के लोगों ने सेदहा में पोलिंग बूथ बनाए जाने की भी मांग की है.
मामले की जानकारी प्राप्त हुई है. ग्रामीणों की मांग है की पोलिंग बूथ तक जाने के लिए जो सड़क खराब है उसकी मरम्मत करवाई जाए अन्यथा वह वोट डालने से वंचित रह जाएंगे. ग्राम पंचायत का निरीक्षण करवाया जा रहा है. ग्रामीणों से चर्चा करके वैधानिक कादम उठाया जाएगा. - शैलेंद्र सिंह, अपर कलेक्टर रीवा
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हरिजन,आदिवासी वोटर की संख्या ज्यादा: सेदहा और भमरिया के कुल मतदाताओं की संख्या 409 है. इसमें 85 प्रतिशत से अधिक हरिजन और आदिवासी मतदाता हैं, नेवरिया ग्राम के अधिकतर मतदाता सामान्य वर्ग के हैं. उनकी संख्या 373 है. इस प्रकार भमरिया एवं सेदहा ग्राम के लोगों का कहना है कि क्षेत्र की जनता को वोट डालने पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए सरकार या तो सुगम रास्ते की व्यवस्था करें या फिर उन्हें गांव से पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए इंतजाम करें.