रीवा। जिले के सिरमौर जनपद पंचायत क्षेत्र में टीएचसी पॉवर प्लांट से जुड़ी नहर में करीब आधा सैकड़ा मवेशियों के फंसे होने की घटना सामने आई है. नहर में पानी भरा होने के बावजूद असामाजिक तत्वों ने गौवंशों को नहर में धकेल दिया. इसकी सूचना THC पॉवर प्लांट के कर्मचारियों ने सामाजिक कार्यकर्ता को दी और गोवंशों को बाहर निकालने का मदद मांगी. सामाजिक कार्यकर्ता ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को घटना से अवगत कराया है. जिसके बाद नहर का पानी कम करके गोवंशों को राहत दी गई.
गोवंशों को राहत देने नहर का पानी कम करवाया: सतना जिले में स्थित वकिया बराज की रीवा जिले में स्थित नहर में गुरुवार को आधा सैकड़ा से अधिक मवेशी फंस गए. जिसकी जानकारी पॉवर प्लांट के अधिकारियों ने सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को दी. सामाजिक कार्यकर्ता ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी तब कही जाकर गोवंशों को राहत देने के के लिए नहर का पानी कम करवाया गया. इसके बाद गुरुवार रात तक सभी गौवंश नहर में फंसे रहे. बताया जा रहा है की रात होने के चलते प्रशानिक टीम द्वारा रेस्क्यू अभियान शुरू नहीं हो पाया है. आज शुक्रवार सुबह गोवंशों को नहर से बाहर निकला जाएगा.
फसल बचाने असमाजिक तत्त्वों ने की क्रूरता की हदें पार: बताया जा रहा है कि फसल नष्ट होने के डर से असामाजिक तत्वों के द्वारा मवेशियों को नहर के अंदर धकेला गया है. जिसके कारण करीब आधा सैकड़ा से अधिक मवेशी नहर में फंसे हुए हैं. बता दें मवेशियों को नहर में धकेलने की रीवा जिले की यह पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी आवारा मवेशी होने के चलते खेती में कोई नुकसान न हो इसके लिए असामाजिक तत्वों ने कई बार मवेशियों को नहर में धकेला गया था.
सतना और रीवा जिला प्रशासन पर आरोप: मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप हैं की रीवा जिले में सेमरिया और सिरमौर क्षेत्र से होकर बकिया बराज नहर गुजरती है. बकिया बराज नहर में असामाजिक तत्वों द्वारा लगभग एक सैकड़ा गौवंशों को पानी से भरे 30 फीट गहरे नहर में धकेल दिया गया. उन सभी गोवंशों का जीवन संकट में है. गोवंशों को नहर में धकेलने वाले असमाजिक तत्वों के विरुद्ध आज तक न तो सतना जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई की और न ही रीवा जिला प्रशासन ने. जबकि इन पर मध्यप्रदेश गोवंश अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. नहर में गोवंशों को राहत देने के लिए नहर का पानी कम किया गया है. लेकिन अब तक किसी प्रकार का रेस्क्यू शुरू नहीं किया गया और न ही उनके खाने की कोई व्यवस्था की गई.
(Atrocities on Cows in MP) (Cows Thrown into Canal in Rewa) (Allegations Against Satna Rewa administration)