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आदिवासी संगठनों ने उठाई भील प्रदेश की मांग, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन - भील प्रदेश मांग रतलाम

मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के आदिवासी संगठनों ने अब भील प्रदेश बनाए जाने की मांग उठाई है. आदिवासी संगठन भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने रतलाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई की पृथक भील प्रदेश बनाया जाए.

Tribal organizations raised demand for Bhil Pradesh
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा
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Published : Jul 15, 2020, 5:37 PM IST

रतलाम। भील जनजाति एक अलग प्रदेश की मांग कर रही है. भील प्रदेश की मांग भील बाहुल्य राज्य गुजरात , राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से उठ रही है. भील जनजाति चाहती है कि देश में अलग "भील प्रदेश" राज्य बने जहां की सरकार आदिवासियों की बने, क्योंकf भारत की आजादी के बाद भील और अन्य आदिवासियों का विकास सही मायने में नहीं हो पाया है. इसी मांग को लेकर रतलाम कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.

आदिवासी संगठनों ने उठाई भील प्रदेश की मांग

भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों के अनुसार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में ग्राम स्तर पर इस आंदोलन को खड़ा करने की शुरूआत की जा रही है, जिसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न आदिवासी संगठनों का समर्थन भी पृथक भील प्रदेश के आंदोलन को मिल रहा है.

भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने आदिवासियों को भारत के मूल वंशी बताते हुए भील समाज की संस्कृति, बोली और जंगल की संपदा संरक्षित करने के लिए भील प्रदेश बनाए जाने की मांग की है. रतलाम ही नहीं आदिवासी संगठनों ने मध्य प्रदेश राजस्थान और महाराष्ट्र के आदिवासी बाहुल्य जिलों में अलग-अलग ज्ञापन देकर भील प्रदेश की मांग की है.

रतलाम। भील जनजाति एक अलग प्रदेश की मांग कर रही है. भील प्रदेश की मांग भील बाहुल्य राज्य गुजरात , राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से उठ रही है. भील जनजाति चाहती है कि देश में अलग "भील प्रदेश" राज्य बने जहां की सरकार आदिवासियों की बने, क्योंकf भारत की आजादी के बाद भील और अन्य आदिवासियों का विकास सही मायने में नहीं हो पाया है. इसी मांग को लेकर रतलाम कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.

आदिवासी संगठनों ने उठाई भील प्रदेश की मांग

भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों के अनुसार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में ग्राम स्तर पर इस आंदोलन को खड़ा करने की शुरूआत की जा रही है, जिसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न आदिवासी संगठनों का समर्थन भी पृथक भील प्रदेश के आंदोलन को मिल रहा है.

भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने आदिवासियों को भारत के मूल वंशी बताते हुए भील समाज की संस्कृति, बोली और जंगल की संपदा संरक्षित करने के लिए भील प्रदेश बनाए जाने की मांग की है. रतलाम ही नहीं आदिवासी संगठनों ने मध्य प्रदेश राजस्थान और महाराष्ट्र के आदिवासी बाहुल्य जिलों में अलग-अलग ज्ञापन देकर भील प्रदेश की मांग की है.

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