रतलाम। महापौर रेस में भाजपा के प्रह्लाद पटेल और कांग्रेस के मयंक जाट के बीच कांटे की टक्कर है, राजनीतिक गलियारों के विशेषज्ञ मतगणना के अंतिम दिन तक भी दोनों में से किसी एक की जीत पता नहीं लगा पा रहे हैं. यहां 50-50 के हालात अभी तक बने हुए हैं. प्रदेश के सर्वाधिक 62% मतदान रतलाम में हुआ था, ऐसे में बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को दोनों ही पार्टी अपने पक्ष में बता रही है, हालांकि पिछली बार 59% मतदान हुआ था जो इस बार केवल 3% ही बड़ा है. भाजपा पिछले तीन निकाय चुनाव में लगातार लीड हासिल करते हुए सत्ता पर बनी हुई थी, इस बार चुनाव में पहली बार कांग्रेस को मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारा है इसलिए भाजपा को इस बार काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा है. नतीजतन रतलाम में अब कोई स्थिति स्पष्ट अभी तक नहीं है.
क्या कहता है रतलामी माहौल: रतलाम में जनता के विश्लेषण में अब तक 2 सीटें आई है, वह कांग्रेस के पाले में जाती दिखाई दे रही है, इसके अलावा हाल ही में आए मध्य प्रदेश के 11 निकायों के परिणाम में भाजपा की बढ़त ने रतलाम में असमंजस पैदा कर दिया है, मुकाबला बराबरी का बन गया है. अस्पष्ट आंकड़ों के अनुसार वोट बैंक का अनुपात लगाया जाए तो रतलाम में 35 हजार के लगभग मुस्लिम वोटर हैं, 55 हजार के लगभग ब्राह्मण वोटर हैं, वही 31000 वोटर जैन हैं. इनके अलावा 80 हजार के लगभग अन्य समाज के मतदाता हैं, इसमें एक लाख युवा वोटर्स भी हैं. मतदान केवल 150000 लोगों ने किया है, ऐसे में अब मुस्लिम वोट का एकतरफा कांग्रेस में गिरना तय है. इसका प्रतिशत भी बढ़कर ही सामने आएगा.
कांग्रेस के मयंक के खाते में जाएंगे वोटर्स: बात की जाए ब्राह्मण वोट की तो 50% ब्राह्मण वोट भी कांग्रेस के मयंक के सनातनी सेक्टर को पसंद करते हुए उसके खाते में जाते दिखाई दे रहे हैं, युवाओं के मतदान की बात करें तो युवाओं में मयंक का काफी क्रेज दिख रहा है, जिससे युवाओं को एकतरफा रुझान भी कांग्रेस के खाते में जाते दिखाई दे रहा है. वहीं जैन वोटर्स की बात करें तो व्यापारिक पृष्ठभूमि रखने वाले जैन समाज भाजपा को पसंद करता आ रहा है, लेकिन मुख्य बाजारों के खस्ताहाल से यह अंदेशा है कि इस बार व्यापारिक वोट भी भाजपा से कन्नी काट बैठा है. इसके अलावा अन्य वोटर्स जो सनातनी वोट बैंक कहे जाते हैं, वह भी अभी आधे-आधे बटे हुए हैं, इसलिए रुझान एक तरफ से कांग्रेस के मयंक को आगे लाकर रख रखा है.
कैसी होगी भाजपा की जीत: शहर में भाजपा की पिछली नगर सरकार के निराशाजनक प्रदर्शन को देखकर यह जनता ने मतदान किया होगा तो निश्चित रूप से कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा, लेकिन भाजपा के साइलेंट वोटर इस गणित को बदल भी सकते हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार भाजपा जीतेगी भी तो ज्यादा अंतर से नहीं जीत पाएगी, वहीं कांग्रेस के लिए यह मौके पर चौका लगाने जैसा समय था, जिसका पूरा फायदा पार्टी ने उठाया भी.
रतलाम में मतदान का गणित: रतलाम में कुल 214,337 मतदाता है, जिनमें से 150,073 लोगों ने अपने मत का उपयोग किया है. रतलाम में मध्य प्रदेश की 16 नगर निगम में सर्वाधिक 70% मतदान हुआ है, अब देखना होगा जनता किसका साथ देकर जीत का ताज उसके सिर करती है.