रतलाम। मध्य प्रदेश में कोरोना कहर बरपा रहा है, तो इस महामारी से निपटने के लिए प्रदेश का प्रशासन भी एकजुट होकर जुटा हुआ है. महिला अधिकारी भी इस मुहिम में बढ़ चढ़कर अपना योगदान दे रही है, जिसका उदाहरण है रतलाम जिले में पदस्थ 5 महिला अफसर. जिनमें कलेक्टर रुचिका चौहान, एडीएम जमुना भिड़े, एसडीएम लक्ष्मी गामड़ और डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन, ये दिन रात मेहनत कर जिले की व्यस्थाएं देख रही हैं. तो रतलाम रेंज की नवागत डीआईजी महिला आईपीएस अधिकारी रुचिवर्धन मिश्र ने भी रतलाम पहुंचकर कोरोना की इस जंग में अपना योगदान देना शुरू कर दिया है.
इन महिला अधिकारियों के कुशल नेतृत्व और मेहनत का ही नतीजा है कि जिले में अब तक लॉकडाउन का सफलतापूर्वक पालन करवाया जा सका. जिले में अब तक कोरोना वायरस का कोई भी पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया. क्योंकि ये महिला अधिकारी अपने कर्तव्यों पर डटी हुई हैं और 18 घंटे से भी ज्यादा ड्यूटी कर रही हैं. महिला अधिकारी कुछ इस तरह निभा रहीं हैं अपना फर्ज
रुचिका चौहान, कलेक्टर, रतलाम
रतलाम जिले की कलेक्टर रुचिका चौहान के नेतृत्व में ही जिले की महिला अधिकारी और प्रशासनिक अमला लॉकडाउन का सफलतापूर्वक पालन करवा रही हैं. जिले में लॉक डाउन के दौरान निराश्रित और गरीब वर्ग के लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था का कार्य सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है. कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर ही पैदल पलायन कर रहे श्रमिकों को उनके स्थानों तक सुरक्षित तरीके से पहुंचाया गया. कलेक्टर रुचिका चौहान पर अपने 5 वर्षीय पुत्र की देखरेख की जिम्मेदारी होने के बावजूद वो दिन-रात मेहनत कर इस जंग में एक योद्धा बनकर जिले का नेतृत्व कर रही हैं.
जमुना भिड़े, एडीएम
रतलाम जिले की एडीएम भी एक महिला अधिकारी हैं, जिनका जमुना भिड़े है. वो लगातार अपनी ड्यूटी से भी ज्यादा वक्त तक काम में जुटी रहती हैं. पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद कोरोना संकट में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और वितरण में अपना अहम योगदान दे रही हैं. जिले की व्यवस्थाओं सुदृढ़ बनाए रखने के लिए इस संकट के दौर में वो अपना पूरा योगदान दे रही हैं.
लक्ष्मी गामड़, एसडीएम
रतलाम शहर की एसडीएम लक्ष्मी गामड़ शहर में लॉकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपना सहयोग प्रदान कर रही हैं. मधुमेह की पेशेंट होने के बाद भी वो कोरोना को हराने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का बखूभी निर्वाहन कर रही है. लक्ष्मी गामड़ 16 से 18 घंटे तक अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है.
शिराली जैन, डिप्टी कलेक्टर
रतलाम की डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन जिला अस्पताल की प्रभारी हैं. वो कोरोना संकट के मद्देनजर जिला अस्पताल की सभी व्यवस्थाओं की निगरानी में जुटी हुई हैं. लगातार 15 घंटे तक ड्यूटी में जुटी रहती हैं. रतलाम का जिला अस्पताल मालवाचंल का बड़ा अस्पताल माना जाता है. ऐसे में यहां मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है. जिसके चलते डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन की जिम्मेदारियां इस संकट के समय में बढ़ी हुई हैं. जिन्हे वो बखूभी निभा रही हैं.
रुचि वर्धन मिश्र, डीआईजी, रतलाम रेंज
रतलाम रेंज की नवागत DIG रूचि वर्धन मिश्र ने भी जिले में आते ही अपनी जिम्मेदारियां संभाल लीं. रतलाम सहित मंदसौर और नीमच जिले की जिम्मेदारी भी रुचि वर्धन मिश्र के कंधों पर है. जहां वो पूरी तत्परता से जुटी हुई हैं. तीनों जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कोरोना संकट और लॉकडाउन पर जिलों में की जा रही तैयारियों की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं.
बहरहाल कोरोना संकट के दौरान रतलाम जिले की ये महिला अधिकारी दिन रात मेहनत कर अब तक जिले की कोरोना वायरस से रक्षा करने में सफल रही है. उम्मीद है कि आगे भी इनकी डूयूटी बढ़ने वाली हैं.