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मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू, लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति दिखा रहे रुझान

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रदेश के शहरों में ईको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्तियां उपयोग करने की मुहिम चलाई जा रही है.

मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू
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Published : Aug 31, 2019, 10:35 PM IST

डिंडौरी/रतलाम/शहडोल। देशभर में ईको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्तियां उपयोग करने की मुहिम चलाई जा रही है. इसी क्रम में डिंडौरी नगर के मेकलसुता महाविद्यालय में 50 छात्र छात्राओं ने नर्मदा समग्र टीम से ईको फ्रेंडली गणेश बनाने का तरीका सीखा. रतलाम में एक समाजसेवी महिला पिछले 12 वर्षों से ईको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्तियां बना रही है. शहडोल में भगवान गणेशजी की ईको फ्रेंडली मूर्तियां मार्केट में सजने के लिए तैयार हैं.

डिंडौरी में छात्रों ने सीखा ईको फ्रेंडली गणेशजी की बनाना
डिंडौरी में नर्मदा समग्र की टीम ने ईको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्ति बनाने का तरीका बच्चों को सिखाया. उन्होंने इस तरीके को 9 वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व अनिल माधव दवे की प्रेरणा से सीखा था, जो नर्मदा और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे थे. शहर के मेकलसुता महाविद्यालय में लगभग 50 छात्र छात्राओं को नर्मदा समग्र की टीम के द्वारा ईको फ्रेंडली गणेश बनाने की विधि बताई गई.

मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू

रतलाम में एक समाजसेवी महिला बना रही ईको फ्रेंडली गणेश
रतलाम की महिला आर्टिस्ट भी घरेलू उपयोग की वस्तुओं का इस्तेमाल कर गणेशजी की सुंदर मूर्तियां बना रही है. समाजसेवी महिला उषा कश्यप नारियल और खाने की सुपारी के ऊपर मिट्टी का प्रयोग कर गणेशजी की सुंदर मूर्तियां बना रही है. यही नहीं उषा कश्यप स्कूली बच्चों को भी मिट्टी के गणेश जी बनाना सिखा रही है. नारियल और सुपारी पर बनाए गए गणेशजी की मूर्तियों की डिमांड मुंबई और बेंगलुरु के श्रद्धालु भी कर रहे हैं.

मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू

शहडोल में भी सजने लगे बप्पा के पांडाल
वहीं हर बार की तरह इस बार भी शहडोल में लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. भगवान गणेश की मूर्तियों से बाज़ार सज चुके हैं. इस बार भी गणपति की प्रतिमा स्थापित करने के लिए लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. इसके अलावा मूर्तिकार भी मूर्तियों को आखिरी स्वरूप देने में लगे हुए हैं.

मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू

डिंडौरी/रतलाम/शहडोल। देशभर में ईको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्तियां उपयोग करने की मुहिम चलाई जा रही है. इसी क्रम में डिंडौरी नगर के मेकलसुता महाविद्यालय में 50 छात्र छात्राओं ने नर्मदा समग्र टीम से ईको फ्रेंडली गणेश बनाने का तरीका सीखा. रतलाम में एक समाजसेवी महिला पिछले 12 वर्षों से ईको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्तियां बना रही है. शहडोल में भगवान गणेशजी की ईको फ्रेंडली मूर्तियां मार्केट में सजने के लिए तैयार हैं.

डिंडौरी में छात्रों ने सीखा ईको फ्रेंडली गणेशजी की बनाना
डिंडौरी में नर्मदा समग्र की टीम ने ईको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्ति बनाने का तरीका बच्चों को सिखाया. उन्होंने इस तरीके को 9 वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व अनिल माधव दवे की प्रेरणा से सीखा था, जो नर्मदा और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे थे. शहर के मेकलसुता महाविद्यालय में लगभग 50 छात्र छात्राओं को नर्मदा समग्र की टीम के द्वारा ईको फ्रेंडली गणेश बनाने की विधि बताई गई.

मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू

रतलाम में एक समाजसेवी महिला बना रही ईको फ्रेंडली गणेश
रतलाम की महिला आर्टिस्ट भी घरेलू उपयोग की वस्तुओं का इस्तेमाल कर गणेशजी की सुंदर मूर्तियां बना रही है. समाजसेवी महिला उषा कश्यप नारियल और खाने की सुपारी के ऊपर मिट्टी का प्रयोग कर गणेशजी की सुंदर मूर्तियां बना रही है. यही नहीं उषा कश्यप स्कूली बच्चों को भी मिट्टी के गणेश जी बनाना सिखा रही है. नारियल और सुपारी पर बनाए गए गणेशजी की मूर्तियों की डिमांड मुंबई और बेंगलुरु के श्रद्धालु भी कर रहे हैं.

मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू

शहडोल में भी सजने लगे बप्पा के पांडाल
वहीं हर बार की तरह इस बार भी शहडोल में लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. भगवान गणेश की मूर्तियों से बाज़ार सज चुके हैं. इस बार भी गणपति की प्रतिमा स्थापित करने के लिए लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. इसके अलावा मूर्तिकार भी मूर्तियों को आखिरी स्वरूप देने में लगे हुए हैं.

मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू
Intro:एंकर _ देश मे 2 सितंबर को घर घर भगवान श्री गणेश विराजमान होंगे। भगवान श्री गणेश की स्थापना को लेकर लोग जोर शोर से तैयारियों में लगे हुए है। वही डिंडौरी नगर के मेकलसुता महाविद्यालय में 50 छात्र छात्राओं ने नर्मदा समग्र टीम से ईको फ्रेंडली गणेश बनाने का तरीका सीखा।नर्मदा समग्र की टीम ने इस तरीके को 9 वर्ष पूर्व स्व अनिल माधव दवे की प्रेरणा से सीखा था जो नर्मदा और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे थे। महाविद्यालय में लगभग 50 से ज्यादा छात्र छात्राये अपने हाथों से मिट्टी से बनाये ईको फ्रेंडली गणेश को अपने घर पर विराजमान करेंगे।




Body:वि ओ 01 डिंडौरी नगर के मेकलसुता महाविद्यालय में लगभग 50 छात्र छात्राओं को नर्मदा समग्र की टीम के द्वारा ईको फ्रेंडली गणेश बनाने की विधि बताई गई।वही नर्मदा समग्र टीम ने ईको फ्रेंडली गणेश को मिट्टी से बनाने को तरीका बताया।मिट्टी से बने गणेश को अपने घर पर विराजमान करने के बाद उसे घर पर ही विसर्जन कर उस मिट्टी से एक पौधा लगाए जिससे नर्मदा प्रदूषित होने से बचेंगी तो वही पौधा लगाने से पर्यावरण धीरे धीरे सुरक्षित होगा।मेकलसुता महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को यह तरकीब बेहद कारगार लगी जिसको उन्होंने आगे भी अपनाने का प्रण लिया।

बिस्मिल्ला परवीन ने बनाया ईको फ्रेंडली गणेश _ नर्मदा समग्र टीम द्वारा मिट्टी से गणेश बनाने की विधि को मेकलसुता महाविद्यालय की छात्रा बिस्मिल्ला परवीन ने सीखा और ईटीवी भारत को बताया कि इससे नर्मदा साफ रहेगी और उसमें रहने वाले जीव जंतु भी नष्ट नही होंगे।वही पर्यावरण भी संग्रक्षित होगा।बिस्मिल्ला परवीन ने न सिर्फ अपने हाथों से मिट्टी के गणेश बनाया बल्कि लोगो को इसके लिए प्रेरित भी किया।

नर्मदा समग्र 9 वर्षों से कर रही काम _ टीम के सदस्य लाला राम चक्रवर्ती ने बताया कि मध्यप्रदेश में स्व अनिल माधव दवे पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने पीओपी पर चिंता कर इसका तोड़ निकाला था।उन्ही के नेतृत्व में वर्ष 2011 में प्रदेश में नर्मदा समग्र टीम को ईको फ्रेंडली गणेश बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी और अब यह टीम एक मुहिम के तहत बीते 9 सालों से काम कर रही है।अब लगभग सभी जगह नर्मदा और पर्यावरण को सुरक्षित करने के मकसद से एक मुहिम के तहत मिट्टी के गणेश स्थापित किये जा रहे है।


Conclusion:बाइट 01 प्रियंका महोबिया,छात्रा, मेकलसुता महाविद्यालय डिंडौरी
बाइट 02 बिस्मिल्ला परवीन,छात्रा, मेकलसुता महाविद्यालय
बाइट 03 लाला राम चक्रवर्ती,नर्मदा समग्र टीम
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