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Betul Panchayat Elections: प्रमाण पत्र वितरण में लापरवाही, बिना चुनाव लड़े प्रमाण-पत्र मिलने से नहीं रहा आश्चर्य का ठिकाना

एमपी अजब है, एमपी गजब है. ये नाम ऐसे ही नहीं पड़ा है. बैतूल में पंचायत चुनाव (Betul Panchayat Elections) में प्रमाण-पत्र वितरण के दौरान हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां की हसलपुर पंचायत में आधिकारिक रूप से घोषणा कर एक ही वार्ड से-2 प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए. इतना ही नहीं जो प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ा था उसे भी जीत का प्रमाण-पत्र दे दिया गया, लेकिन अब-तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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Published : Jul 21, 2022, 8:57 PM IST

betul Panchayat Elections
बैतूल पंचायत हसलपुर

बैतूल। पंचायत चुनाव (Betul Panchayat Elections) की मतगणना के बाद जनपद मुख्यालयों में विजयी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने के साथ ही प्रमाण-पत्र वितरित किए गए. हालांकि मतदान दिवस पर पोलिंग बूथों पर बैठे प्रत्याशी के एजेंटों के सामने मतों की गिनती की गई थी. इसके बाद आंतरिक रूप से जीत हार की जानकारी पहले ही प्रत्याशी को मिल चुकी थी, लेकिन पंचायत चुनाव में मतगणना के बाद विजयी प्रत्याशियों को दिए जाने वाले प्रमाण पत्र में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. हसलपुर पंचायत में एक पंच का प्रमाण पत्र उस व्यक्ति को दे दिया गया जो चुनाव मैदान से काफी दूर था. मामला प्रकाश में आने के बाद जिम्मेदारों ने टाइपिंग मिस्टेक होना बताया है.

एक वार्ड से 2 प्रमाण पत्र: हसलपुर ग्राम पंचायत के वार्ड क्र-3 से पंच के लिए 2 प्रत्याशियों के नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए थे. यहां से नेहरू उइके और अमित बलवंत द्वारा नाम निर्देशन किए गए थे. बाद में किन्हीं कारणों से नाम वापसी की आखिरी तारीख के पहले ही अमित बलवंत द्वारा अपना नाम विधिवत चुनाव से वापस ले लिया था. ऐसे में नेहरू उइके इस वार्ड से निर्विरोध पंच निर्वाचित हो गए. इसके बाद अधिकारियों ने अमित बलवंत को भी पंच पद पर जीत हासिल करने का प्रमाण-पत्र दे दिया.

आश्चर्य का नहीं रहा ठिकाना: अमित के पिता बलवंत ने बताया कि, उन्हें वार्ड क्र-3 हसलपुर पंचायत से निर्विरोध पंच निर्वाचित होने का प्रणाम पत्र रिटर्निंग अधिकारी आमला सुधीर कुमार जैन के हस्ताक्षर द्वारा दिया गया. प्रमाण पत्र को देखकर उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा. क्योंकि वह तो पहले ही अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुके थे.

पंचायत चुनाव रद्द होने के बावजूद बैतूल की पंचायत में आम सहमति से हुआ सरपंच का चयन, कोविड से डरकर उठाया कदम

जिम्मेदारों की दलील: मुलताई एसडीएम राज नंदिनी शर्मा का कहना है कि, प्रमाण पत्र टाइपिंग मिस्टेक से बन गया था, लेकिन उन्हें प्रदान नहीं किया गया था. इसके बाद दूसरा प्रमाण-पत्र बनाकर वास्तविक में जीते प्रत्याशी को दे दिया गया है. साथ ही प्रारूप 24 में भी सुधार कर दिया गया है. हसलपुर पंचायत सचिव राजेंद्र गंगारे ने इस मामले में गलती होना स्वीकर किया है.

बैतूल। पंचायत चुनाव (Betul Panchayat Elections) की मतगणना के बाद जनपद मुख्यालयों में विजयी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने के साथ ही प्रमाण-पत्र वितरित किए गए. हालांकि मतदान दिवस पर पोलिंग बूथों पर बैठे प्रत्याशी के एजेंटों के सामने मतों की गिनती की गई थी. इसके बाद आंतरिक रूप से जीत हार की जानकारी पहले ही प्रत्याशी को मिल चुकी थी, लेकिन पंचायत चुनाव में मतगणना के बाद विजयी प्रत्याशियों को दिए जाने वाले प्रमाण पत्र में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. हसलपुर पंचायत में एक पंच का प्रमाण पत्र उस व्यक्ति को दे दिया गया जो चुनाव मैदान से काफी दूर था. मामला प्रकाश में आने के बाद जिम्मेदारों ने टाइपिंग मिस्टेक होना बताया है.

एक वार्ड से 2 प्रमाण पत्र: हसलपुर ग्राम पंचायत के वार्ड क्र-3 से पंच के लिए 2 प्रत्याशियों के नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए थे. यहां से नेहरू उइके और अमित बलवंत द्वारा नाम निर्देशन किए गए थे. बाद में किन्हीं कारणों से नाम वापसी की आखिरी तारीख के पहले ही अमित बलवंत द्वारा अपना नाम विधिवत चुनाव से वापस ले लिया था. ऐसे में नेहरू उइके इस वार्ड से निर्विरोध पंच निर्वाचित हो गए. इसके बाद अधिकारियों ने अमित बलवंत को भी पंच पद पर जीत हासिल करने का प्रमाण-पत्र दे दिया.

आश्चर्य का नहीं रहा ठिकाना: अमित के पिता बलवंत ने बताया कि, उन्हें वार्ड क्र-3 हसलपुर पंचायत से निर्विरोध पंच निर्वाचित होने का प्रणाम पत्र रिटर्निंग अधिकारी आमला सुधीर कुमार जैन के हस्ताक्षर द्वारा दिया गया. प्रमाण पत्र को देखकर उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा. क्योंकि वह तो पहले ही अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुके थे.

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जिम्मेदारों की दलील: मुलताई एसडीएम राज नंदिनी शर्मा का कहना है कि, प्रमाण पत्र टाइपिंग मिस्टेक से बन गया था, लेकिन उन्हें प्रदान नहीं किया गया था. इसके बाद दूसरा प्रमाण-पत्र बनाकर वास्तविक में जीते प्रत्याशी को दे दिया गया है. साथ ही प्रारूप 24 में भी सुधार कर दिया गया है. हसलपुर पंचायत सचिव राजेंद्र गंगारे ने इस मामले में गलती होना स्वीकर किया है.

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