कटनी। देश में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा फहराए जाने का अभियान चल रहा है. इस दौरान मध्य प्रदेश के कटनी जिले को खास तौर पर याद किया जा रहा है, क्योंकि आजादी से पहले यहां हर घर और दुकान पर आम लोगों ने तिरंगा फहराया था. ऐतिहासिक तथ्य इस बात की गवाही दे रहे हैं कि देश के आजाद होने के पहले ही कटनी जिले के नागरिकों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के प्रति अगाध प्रेम, राष्ट्रीयता और देशभक्ति का जज्बा दिखाते हुए यहां के हर घर, हर दुकान और प्रतिष्ठान में तिरंगा फहरा दिया था. इतिहास में दर्ज 26 जनवरी 1930 की तारीख. इस दिन कटनीवासियों ने संपूर्ण स्वराज के संकल्प का ऐलान कर गली-चौराहों में जुलूस निकाला था. (Har Ghar Tiranga Abhiyan) (Indian Flag Hoisted In MP)
92 साल पहले फहराया था तिरंगा: आजादी के 75वें वर्ष अमृत महोत्सव में 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने का हर कोई संकल्प ले रहा है. आज से करीब 92 साल पहले भी कटनीवासियों ने 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वाधीनता के संकल्प के साथ हर घर, हर दुकान में राष्ट्रीय तिरंगा फहराया था. इस दौरान जुलूस निकाला गया था और जुलूस में शामिल हर देशभक्त के हाथ में आन-बान और शान का प्रतीक तिरंगा लहरा रहा था. इसी जोश और जज्बे के साथ एक बार फिर कटनीवासी 'हर घर तिरंगा' अभियान में हर घर, हर संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की तैयारी में है.
तिरंगा अभियान का हिस्सा बनने का संकल्प: इस मौके पर स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थानों सहित निजी प्रतिष्ठानों व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने भी आजादी के 75वें वर्ष के इस अनूठे अभियान में सहभागी बनकर हर घर तिरंगा अभियान का हिस्सा बनने का संकल्प लिया है. मौजूदा तथ्य इस बात की गवाही देते हैं कि समूचे देश के साथ कटनी में भी 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. कटनी, सिहोरा, सिलौडी़, उमरियापान, विजयराघवगढ़ आदि स्थानों पर तिरंगा फहराकर और जुलूस निकाल कर आजादी के दीवानों ने पूर्ण स्वाधीनता का संकल्प लिया था. उस दिन कटनी तहसील (मुड़वारा) में विशाल जुलूस निकाला गया, हर व्यक्ति के हाथ में तिरंगा था.
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जनता को स्वाधीनता का संकल्प दिलाया: जुलूस की समाप्ति पर शहर के जवाहर चौक में एक आमसभा हुई थी, जिसमें बड़ी ही ओजस्वी वाणी में स्वाधीनता का घोषणा-पत्र पढ़कर जन-समूह को सुनाया गया था. साथ ही जनता को स्वाधीनता का संकल्प भी दिलाया गया था.
कई शहीद सेनानी गुमनाम: स्थानीय लोग बताते हैं कि आजादी के प्रति कटनी की जनता को जागरूक और प्रेरित करने में बाबू हनुमंत राव, राधेश्याम, पं. गोविंद प्रसाद खम्परिया, नारायण दत्त शर्मा, ईश्वरी प्रसाद खंपरिया, अमरनाथ पांडे, पूरनचंद्र शर्मा, भैया सिंह ठाकुर, पं. नारायण प्रसाद तिवारी और खुशालचंद्र बिलैया की महती भूमिका रही थी. अंग्रेजी हुकूमत की दमनकारी नीतियों की वजह से कटनी के कई सेनानी शहीद होने और अंग्रेजों की प्रताड़ना झेलने के बाद भी गुमनाम रह गए.
(Azadi Ka Amrit Mahotsav) (Tricolor 1st hoisted in katni) (Indian Flag Hoisted In MP)