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प्रशासन की लापरवाही के चलते खुले में पड़ा धान, पोर्टल लॉक होने से तुलाई ठप, किसानों ने किया हंगामा

सरकारी धान खरीदी केंद्रों में अब तक पड़ा है, पोर्टल लॉक होने की वजह से किसानों की धान तुलाई हो जाने के बाद भी धान केन्द्रों में ही रखा है, नहीं किया गया किसानों को भुगतान

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Published : Mar 16, 2019, 12:12 PM IST

खुले में पड़ा धान

कटनी। जिला प्रशासन की नाकामी के चलते सरकारी धान खरीदी केंद्रों में अब तक पड़ा है. खरीदी केंद्र के प्रभारियों की लापरवाही और बारदाने की कमी के चलते केन्द्रों में धान के ढेर लगे हैं. पोर्टल लॉक होने की वजह से किसानों की धान तुलाई हो जाने के बाद भी धान केन्द्रों में ही रखा है, जिसका भुगतान भी दो महीने से नहीं किया गया है, जिससे वे परेशान हैं.

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बकलेहटा उपार्जन केंद्र में कुछ किसान धान न तौले जाने के चलते परेशान हैं. वहीं धान तौलवाने और धान को ऑनलाइन किए जाने की मांग को लेकर खरीदी केंद्र पर किसान नारेबाजी कर रहे हैं. किसानों ने टोकन लेकर 2 माह पहले धान खरीदी केंद्र में इस उम्मीद में तुलाई थी कि जल्द ही उनके खाते में राशि आ जायेगी, लेकिन करीब दो माह पूर्व तौल हो जाने के बाद भी उनके धान खरीदी केंद्रों में खुले में पड़े हैं और भुगतान भी नहीं किया गया है. साथ ही मौसम के बदले मिजाज और बारिश होने से हजारों बोरी धान बर्बाद हो रहा है.

खुले में पड़ा धान

किसानों का कहना है कि उनके साथ धोखा किया गया है, सिर्फ अपने चहेतों का धान ही भिजवाया गया और उनका धान यहीं छोड़ दिया गया. उनका आरोप है कि उनकी अच्छी फसलों को भेज दी गई और खराब हो चुकी फसलों को छोड़ दिया गया है और अब उन्हें मजबूर किया जा रहा है कि वे अपना धान ले जायें. वहीं, प्रभारी बृजेश पटेल का कहना है कि कलेक्टर बताएंगे कि आगे क्या करना है.

हंगामे की सूचना मिलते ही कटनी पंजीयक अधिकारी अरुण कुमार मसराम अपनी टीम के साथ खरीदी केंद्र पहुंचे. जहां किसानों ने अधिकारी को बताया कि संस्था के ऑपरेटर देवराज पटेल ने उनके साथ विश्वासघात किया है और हमेशा शराब के नशे में रह कर काम करता है. किसानों की समस्या को लेकर समिति प्रबंधक भवानी प्रसाद पटेल से बात की गई तो उन्होंने इस विषय में बात करने से साफ मना कर दिया.

कटनी। जिला प्रशासन की नाकामी के चलते सरकारी धान खरीदी केंद्रों में अब तक पड़ा है. खरीदी केंद्र के प्रभारियों की लापरवाही और बारदाने की कमी के चलते केन्द्रों में धान के ढेर लगे हैं. पोर्टल लॉक होने की वजह से किसानों की धान तुलाई हो जाने के बाद भी धान केन्द्रों में ही रखा है, जिसका भुगतान भी दो महीने से नहीं किया गया है, जिससे वे परेशान हैं.

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बकलेहटा उपार्जन केंद्र में कुछ किसान धान न तौले जाने के चलते परेशान हैं. वहीं धान तौलवाने और धान को ऑनलाइन किए जाने की मांग को लेकर खरीदी केंद्र पर किसान नारेबाजी कर रहे हैं. किसानों ने टोकन लेकर 2 माह पहले धान खरीदी केंद्र में इस उम्मीद में तुलाई थी कि जल्द ही उनके खाते में राशि आ जायेगी, लेकिन करीब दो माह पूर्व तौल हो जाने के बाद भी उनके धान खरीदी केंद्रों में खुले में पड़े हैं और भुगतान भी नहीं किया गया है. साथ ही मौसम के बदले मिजाज और बारिश होने से हजारों बोरी धान बर्बाद हो रहा है.

खुले में पड़ा धान

किसानों का कहना है कि उनके साथ धोखा किया गया है, सिर्फ अपने चहेतों का धान ही भिजवाया गया और उनका धान यहीं छोड़ दिया गया. उनका आरोप है कि उनकी अच्छी फसलों को भेज दी गई और खराब हो चुकी फसलों को छोड़ दिया गया है और अब उन्हें मजबूर किया जा रहा है कि वे अपना धान ले जायें. वहीं, प्रभारी बृजेश पटेल का कहना है कि कलेक्टर बताएंगे कि आगे क्या करना है.

हंगामे की सूचना मिलते ही कटनी पंजीयक अधिकारी अरुण कुमार मसराम अपनी टीम के साथ खरीदी केंद्र पहुंचे. जहां किसानों ने अधिकारी को बताया कि संस्था के ऑपरेटर देवराज पटेल ने उनके साथ विश्वासघात किया है और हमेशा शराब के नशे में रह कर काम करता है. किसानों की समस्या को लेकर समिति प्रबंधक भवानी प्रसाद पटेल से बात की गई तो उन्होंने इस विषय में बात करने से साफ मना कर दिया.

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