कटनी। कोरोना का संकट अभी टला नहीं लेकिन दिवाली के मौके पर बाजार सजने लगे हैं. धनतेरस के दिन से दिवाली की शुरूआत हो गई है. इस अवसर कटनी के बाजारों में रौनक बढ़ गई है. स्थानीय बाजार में धनतेरस को लेकर स्थाई दुकानों के अलावा कई अस्थाई दुकानें सजने लगी है. कपड़े, बर्तन और ज्वेलरी के दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है. दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह की छूट और सेवा का ऑफर भी दे रहे हैं.
बाजार में बढ़ी मिट्टी के दीए की मांग
दीपावली पर लेकर चारों तरफ तैयारियों को करीब-करीब अंतिम रूप दिया जा रहा है. बाजार भी दिवाली से संबंधित वस्तुओं से पट गया है. साथ ही रंग बिरंगे बिजली के बल्बों से लेकर अन्य सजावटी सामानों की बहुतायत दिख रही है. खास बात यह कि इस बार मिट्टी के दीए पहले की अपेक्षा में ज्यादा नजर आ रहे हैं.
धनतेरस पर ये है मान्यता
धनतेरस से दीपावली पर्व की शुरुआत मानी जाती है. यह कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन सोना चांदी और बर्तन लाने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. यही कारण है कि धनतेरस के मौके पर अचानक बाजारों में चहल-पहल बढ़ जाती है.
क्या है धनतेरस की कहानी
धनतेरस के धार्मिक महत्व की बात करें तो इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का विधान है. चिकित्सा से जुड़े लोग इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं. भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन में धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे. यही कारण है कि धनतेरस के दिन धन्वंतरि की पूजा होती है.