जबलपुर। जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर धनपुरी गांव है, इस गांव में सड़क से लगभग 1 किलोमीटर भीतर एक खूबसूरत झरना है. यहां एक छोटी सी नदी बहती है जिसका नाम रानवे है. इसी पर पत्थरों के बीच से पानी कुछ इस तरीके से गिरता है की झरने की शक्ल बन जाती है और झरना इस तारतम्य में पत्थरों पर गिरता है कि दूर से सुनो तो कभी नगाड़े तो कभी बर्तनों की खड़कने की आवाज आती है. भ्रांति है कि एक जमाने में यहां के कुंड में बारात समा गई थी तब से ही यहां से ऐसे आवाज आती है.
यहां बनी थी अंग्रेजी चौकियां
बुजुर्ग ने बताया कि इस झरने के आस-पास कई अंग्रेजी चौकिया भी थी, जो अब धीरे-धीरे नष्ट हो गई. चौकिया अंग्रेज सैनिक यहीं आया करते थे इसके अलावा कई बार अंग्रेज अफसर भी इसकी खूबसूरती के कारण यहां अपना मन बहलाने आया करते थे. बुजुर्ग ने बताया की पहले के जमाने में सड़क से दूर और जंगल में होने के कारण यह युद्ध काल और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे लड़कों के झुपने का भी अच्छा स्थान था. सायद इसी लिए यहां चौकिया बनाई गई होंगी.
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग
गांव के लोगों का कहना है यह जगह बहुत खूबसूरत है यदि इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाता है तो लोगों के लिए सुकून पहचाने वाली एक अच्छी जगह बन सकती है. शहर की दौड़ भाग भरी जिंदगी से दूर प्रकृति की गोद में आदमी जाना चाहता है, ऐसे में जबलपुर से नजदीक ही धनपुरी गांव में यह रानवे नदी का झरना लोगों को वास्तव में सुकून के कुछ पल दे सकता है. यदि इन पर थोड़ा सा भी सरकार ध्यान दे दे तो इस सुंदर झरने का दीदार और भी लोग कर सकते हैं.