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अंधेरे में डूबे आदिवासी : शिवराज सिंह के तानाशाह अफसर! पूरे गांव की काटी बिजली - आदिवासी गांव की काटी बिजली

जबलपुर के आदिवासी गांव पिछले एक महीने से अंधेरे में डूबे हैं. बिजली विभाग ने पूरे गांव की बिजली काट दी है. कोई भी इनकी फरियाद सुनने को तैयार नहीं है

tribals in darkness
अंधेरे में डूबे आदिवासी
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Published : Oct 18, 2021, 9:47 AM IST

Updated : Oct 18, 2021, 11:12 AM IST

जबलपुर। कोल क्राइसिस का असर मध्यप्रदेश में देखने को मिलने लगा है. यहां शहपुरा जनपद के चरगवां से लगे आदिवासी गांव अमझर और जमन्हा ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बिजली कटौती से परेशान हो गए हैं. आलम यह है कि गांव में अगर किसी को अपना मोबाइल फोन तक चार्ज करना हो तो उसके लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है .

batti gul
बिजली विभाग की मनमानी, पूरे गांव की बिजली काट दी

25 दिनों से अंधेरे में आदिवासी

जबलपुर के आदिवासी इलाकों में पिछले 25 दिनों से बिजली के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं . प्रदेश भर में बिजली क्राइसिस को लेकर जो बेहद गंभीर समस्या बनी हुई है, इसके ताजा उदाहरण हाल में ही देखने को मिल रहा है. जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल जमा ना करने के नाम पर पूरे गांव की बिजली काट दी गई. एक महीने से शहपुरा जनपद के इमझर, जमन्हा, चिरापोड़ी जैसे ओर भी गांव के ग्रामीण बेहद परेशान हैं. ग्रामीण गर्मी के कारण बीमार पड़े हुए हैं. अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो एम्बुलेंस को कॉल करने के लिए मोबाइल फोन भी काम नहीं करेगा, क्योंकि बिजली के बिना फोन रिचार्ज नहीं हो सके. गांव की महिलाएं शाम होने से पहले ही खाना बना लेती है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले सौ रुपये का बिजली बिल आता था, लेकिन अब हजारों में आ रहा है.

batti gul
बिजली गुल होने से किसान परेशान

तानाशाह अफसरों ने काटी पूरे गांव की बिजली

ग्रामीणों का कहना है कि बिजली अधिकारियों की तानाशाही के चलते हम अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने गांवों में जाकर देखना तक उचित नहीं समझा, कि यहां क्या हालात हैं. नवरात्र भी अंधेरे में निकल गए. जिम्मेदारों के पास तो बस एक जवाब रहता है कि वसूली नहीं हुई. गांववालों का कहना है कि जिन्होंने बिल नहीं भरा उनकी बिजली काटिए, पूरे गांव की बिजली क्यों काट दी.

batti gul
किसानों का आरोप, पहले 200-300 का बिल आता था, अब हजारों में आता है,कैसे चुकाएं बिल

कांग्रेस ने मांगा शिवराज सिंह से इस्तीफा

वरगी विधानसभा के कांग्रेस विधायक संजय ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा. विधायक का कहना है कि मध्य प्रदेश में इस समय अराजकता का माहौल है. खासकर जबलपुर की बात करें तो बरगी विधानसभा मे मटर की खेती बड़ी तादाद में होती है. जहां कोई किसान बिजली के बिल से परेशान है, तो कोई पानी से. बिजली विभाग गरीब किसानों को ज्यादा बिल देता है और जब लोग जमा नहीं कर पाते तो पूरे गांव की बिजली काट देते हैं. इस समय किसान बहुत आक्रोशित हैं. कही आने वाले समय में किसानों का यह आक्रोश कहीं किसान आंदोलन की तरह ना हो जाए.

बिजली को लेकर सुनिए ग्रामीणों का दर्द

कांग्रेस विधायक का आरोप है कि ये मध्य प्रदेश सरकार की नाकामी और बदइंतजामी है. जिस कारण किसान और आम आदमी समस्याओं से जूझ रहा है. पूरे देश में आपातकाल जैसे हालात हो चुके हैं. भाजपा सरकार चलाने में विफल हो चुकी है. इन्हें तत्काल हट जाना चाहिए क्योंकि यह सरकार जनता के कार्य करने में नाकाम हो चुकी है.

कांग्रेस विधायक की मांग, इस्तीफा दे शिवराज सरकार

अफसरों ने साधी चुप्पी

जब ETV भारत की टीम ने बिजली विभाग अधिकारियों से इस विषय में बात करनी चा,ही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. कोई भी अधिकारी कर्मचारी कटौती के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता.

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एक महीने से अंधेरे में डूबा है आदिवासी गांव

जबलपुर। कोल क्राइसिस का असर मध्यप्रदेश में देखने को मिलने लगा है. यहां शहपुरा जनपद के चरगवां से लगे आदिवासी गांव अमझर और जमन्हा ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बिजली कटौती से परेशान हो गए हैं. आलम यह है कि गांव में अगर किसी को अपना मोबाइल फोन तक चार्ज करना हो तो उसके लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है .

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बिजली विभाग की मनमानी, पूरे गांव की बिजली काट दी

25 दिनों से अंधेरे में आदिवासी

जबलपुर के आदिवासी इलाकों में पिछले 25 दिनों से बिजली के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं . प्रदेश भर में बिजली क्राइसिस को लेकर जो बेहद गंभीर समस्या बनी हुई है, इसके ताजा उदाहरण हाल में ही देखने को मिल रहा है. जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल जमा ना करने के नाम पर पूरे गांव की बिजली काट दी गई. एक महीने से शहपुरा जनपद के इमझर, जमन्हा, चिरापोड़ी जैसे ओर भी गांव के ग्रामीण बेहद परेशान हैं. ग्रामीण गर्मी के कारण बीमार पड़े हुए हैं. अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो एम्बुलेंस को कॉल करने के लिए मोबाइल फोन भी काम नहीं करेगा, क्योंकि बिजली के बिना फोन रिचार्ज नहीं हो सके. गांव की महिलाएं शाम होने से पहले ही खाना बना लेती है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले सौ रुपये का बिजली बिल आता था, लेकिन अब हजारों में आ रहा है.

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बिजली गुल होने से किसान परेशान

तानाशाह अफसरों ने काटी पूरे गांव की बिजली

ग्रामीणों का कहना है कि बिजली अधिकारियों की तानाशाही के चलते हम अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने गांवों में जाकर देखना तक उचित नहीं समझा, कि यहां क्या हालात हैं. नवरात्र भी अंधेरे में निकल गए. जिम्मेदारों के पास तो बस एक जवाब रहता है कि वसूली नहीं हुई. गांववालों का कहना है कि जिन्होंने बिल नहीं भरा उनकी बिजली काटिए, पूरे गांव की बिजली क्यों काट दी.

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किसानों का आरोप, पहले 200-300 का बिल आता था, अब हजारों में आता है,कैसे चुकाएं बिल

कांग्रेस ने मांगा शिवराज सिंह से इस्तीफा

वरगी विधानसभा के कांग्रेस विधायक संजय ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा. विधायक का कहना है कि मध्य प्रदेश में इस समय अराजकता का माहौल है. खासकर जबलपुर की बात करें तो बरगी विधानसभा मे मटर की खेती बड़ी तादाद में होती है. जहां कोई किसान बिजली के बिल से परेशान है, तो कोई पानी से. बिजली विभाग गरीब किसानों को ज्यादा बिल देता है और जब लोग जमा नहीं कर पाते तो पूरे गांव की बिजली काट देते हैं. इस समय किसान बहुत आक्रोशित हैं. कही आने वाले समय में किसानों का यह आक्रोश कहीं किसान आंदोलन की तरह ना हो जाए.

बिजली को लेकर सुनिए ग्रामीणों का दर्द

कांग्रेस विधायक का आरोप है कि ये मध्य प्रदेश सरकार की नाकामी और बदइंतजामी है. जिस कारण किसान और आम आदमी समस्याओं से जूझ रहा है. पूरे देश में आपातकाल जैसे हालात हो चुके हैं. भाजपा सरकार चलाने में विफल हो चुकी है. इन्हें तत्काल हट जाना चाहिए क्योंकि यह सरकार जनता के कार्य करने में नाकाम हो चुकी है.

कांग्रेस विधायक की मांग, इस्तीफा दे शिवराज सरकार

अफसरों ने साधी चुप्पी

जब ETV भारत की टीम ने बिजली विभाग अधिकारियों से इस विषय में बात करनी चा,ही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. कोई भी अधिकारी कर्मचारी कटौती के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता.

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एक महीने से अंधेरे में डूबा है आदिवासी गांव
Last Updated : Oct 18, 2021, 11:12 AM IST
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