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Sawan Somvar: जबलपुर में है भगवान शिव की 76 फीट ऊंची प्रतिमा, सावन माह में दर्शन के लिए भक्तों का लगता है मेला, जानिये महत्व

सावन मास भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना है. वैसे तो देश में भगवान शिव के कई मंदिर और मूर्तियां हैं. लेकिन जबलपुर में सबसे बड़ी प्रतिमा मौजूद है. जिसकी ऊंचाई करीब 76 फीट है. जो पूरे भारत में मशहूर है. आईये जानते हैं इस इस मंदिर के बारे में. (Sawan Third Somwar) (76 feet high Shiva statue in Jabalpur)

76 feet high Shiva statue in Jabalpur
कचनार सिटी में है 76 फीट ऊंची महादेव की प्रतिमा
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Published : Aug 1, 2022, 6:56 AM IST

Updated : Aug 1, 2022, 7:29 AM IST

जबलपुर। आज सावन का तीसरा सोमवार है. इस महीने की वेद पुराणों में एक अलग ही महिमा है. कहते हैं सावन माह भगवान शिव को अधिक प्रिय है. सावन का महीना आते हैं हर तरफ भोलेनाथ के जयकारे लगने लगते हैं. क्‍या घर क्‍या श‍िवालय हर जगह वातावरण भक्तिमय हो जाता है. जितनी वर्षा होती है, उतनी ही भगवान की कृपा मानी जाती है. शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजन का यह महीना बेहद खास होता है. सावन माह के आखिरी सोमवार को संस्कारधानी यानी जबलपुर चारों तरफ शिवमय दिखाई दे रहा है. बड़ी संख्या में भक्त पूजन अर्चन के लिए शिव मंदिर पहुंच रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में अलौकिक है.

कचनार सिटी में है 76 फीट ऊंची महादेव की प्रतिमा

भोलेनाथ की 76 फीट ऊंची प्रतिमा: भगवान शिव की अब तक आपने अनेक मूर्तियां देखी होंगी. लेकिन ऐसी आसमान छूती प्रतिमा नहीं देखी होंगी. जबलपुर शहर में महादेव की एक ऐसी प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई करीब 76 फीट है. आसमान छूती इस प्रतिमा को देखने को लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां भगवान शिव कर्पूरगौरं रूप में पद्मासन की मुद्रा में ध्यान करते हुए दिखते हैं. भगवान शिव का यह रूप मन मोह लेने वाला है. प्रतिमा के नीचे एक गुफा भी बनाई गई है. जहां भोलेनाथ का दिव्य स्वरूप देखने मिलता है. यह प्रतिमा भारत में मौजूद महादेव की सर्वाधिक ऊंची प्रतिमाओं में शामिल है.

Sawan Third Somwar
76 फीट ऊंची है महादेव की प्रतिमा
76 feet high Shiva statue in Jabalpur
भोलेनाथ के सामने ही नंदी के भी दर्शन होते हैं

प्रतिमा बनाने में लगे कई साल: जबलपुर विजयनगर की कचनार सिटी में स्थित इस प्रतिमा की ऊंचाई 76 फीट है. इतनी ऊंची प्रतिमा बनाने में कारीगर को अनेक वर्ष लगे. पीछे हिमालय पर्वत का भी दृश्य नजर आता है. जो कि दूर से देखने पर असली के समान ही प्रतीत होता है. भोलेनाथ के सामने ही कुछ दूरी पर नंदी के भी दर्शन होते हैं. प्रतिमा की भव्यता शहर में ही नहीं लगभग पूरे भारत में फैल चुकी है. यही वजह है कि अब यहां महाशिवरात्रि पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन बड़ी संख्या में लोग यहां जुटते हैं और विशेष पूजन का आयोजन भी किया जाता है.

Sawan Third Somwar
सावन माह में दर्शन के लिए भक्तों का लगता है मेला

Sawan Third Somvar: सावन के तीसरे सोमवार को बन रहा खास संयोग, ये तीन काम करने से पूरी होगी मनोकामना

भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन मास: यह है पंडित राम शरण शास्त्री बताते हैं कि ''सावन मास की एक अलग ही महिमा है. मंगलवार को मंगला गौरी के नाम से जाना जाता है. इस दिन मंगल ग्रह के शांति के निमित्त एवं मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना एवं व्रत किया जाता है''. शिव को सावन मास इसलिए अधिक प्रिय है क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार जब सनद कुमारों ने महादेव से उनसे सावन मास प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योग शक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण लिया था. अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती रूप में हिमालय राज के घर में जन्म लिया. पार्वती ने युवावस्था के सावन मास में निराहार रहकर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया. जिसके बाद से ही महादेव के लिए सावन मास विशेष प्रिय हो गया. इस माह पूर्णमा के दिन श्रवण नक्षत्र विद्दमान रहता है. इसी कारण इस माह का नाम सावन पड़ा. सावन मास का प्रत्येक दिन शिव पूजा के लिए विशिष्ट है.

(Sawan Third Somwar) (76 feet high Shiva statue in Jabalpur) (Importance of lord Shiva Pujan) (Jabalpur Shiv devotees Fair)

जबलपुर। आज सावन का तीसरा सोमवार है. इस महीने की वेद पुराणों में एक अलग ही महिमा है. कहते हैं सावन माह भगवान शिव को अधिक प्रिय है. सावन का महीना आते हैं हर तरफ भोलेनाथ के जयकारे लगने लगते हैं. क्‍या घर क्‍या श‍िवालय हर जगह वातावरण भक्तिमय हो जाता है. जितनी वर्षा होती है, उतनी ही भगवान की कृपा मानी जाती है. शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजन का यह महीना बेहद खास होता है. सावन माह के आखिरी सोमवार को संस्कारधानी यानी जबलपुर चारों तरफ शिवमय दिखाई दे रहा है. बड़ी संख्या में भक्त पूजन अर्चन के लिए शिव मंदिर पहुंच रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में अलौकिक है.

कचनार सिटी में है 76 फीट ऊंची महादेव की प्रतिमा

भोलेनाथ की 76 फीट ऊंची प्रतिमा: भगवान शिव की अब तक आपने अनेक मूर्तियां देखी होंगी. लेकिन ऐसी आसमान छूती प्रतिमा नहीं देखी होंगी. जबलपुर शहर में महादेव की एक ऐसी प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई करीब 76 फीट है. आसमान छूती इस प्रतिमा को देखने को लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां भगवान शिव कर्पूरगौरं रूप में पद्मासन की मुद्रा में ध्यान करते हुए दिखते हैं. भगवान शिव का यह रूप मन मोह लेने वाला है. प्रतिमा के नीचे एक गुफा भी बनाई गई है. जहां भोलेनाथ का दिव्य स्वरूप देखने मिलता है. यह प्रतिमा भारत में मौजूद महादेव की सर्वाधिक ऊंची प्रतिमाओं में शामिल है.

Sawan Third Somwar
76 फीट ऊंची है महादेव की प्रतिमा
76 feet high Shiva statue in Jabalpur
भोलेनाथ के सामने ही नंदी के भी दर्शन होते हैं

प्रतिमा बनाने में लगे कई साल: जबलपुर विजयनगर की कचनार सिटी में स्थित इस प्रतिमा की ऊंचाई 76 फीट है. इतनी ऊंची प्रतिमा बनाने में कारीगर को अनेक वर्ष लगे. पीछे हिमालय पर्वत का भी दृश्य नजर आता है. जो कि दूर से देखने पर असली के समान ही प्रतीत होता है. भोलेनाथ के सामने ही कुछ दूरी पर नंदी के भी दर्शन होते हैं. प्रतिमा की भव्यता शहर में ही नहीं लगभग पूरे भारत में फैल चुकी है. यही वजह है कि अब यहां महाशिवरात्रि पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन बड़ी संख्या में लोग यहां जुटते हैं और विशेष पूजन का आयोजन भी किया जाता है.

Sawan Third Somwar
सावन माह में दर्शन के लिए भक्तों का लगता है मेला

Sawan Third Somvar: सावन के तीसरे सोमवार को बन रहा खास संयोग, ये तीन काम करने से पूरी होगी मनोकामना

भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन मास: यह है पंडित राम शरण शास्त्री बताते हैं कि ''सावन मास की एक अलग ही महिमा है. मंगलवार को मंगला गौरी के नाम से जाना जाता है. इस दिन मंगल ग्रह के शांति के निमित्त एवं मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना एवं व्रत किया जाता है''. शिव को सावन मास इसलिए अधिक प्रिय है क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार जब सनद कुमारों ने महादेव से उनसे सावन मास प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योग शक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण लिया था. अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती रूप में हिमालय राज के घर में जन्म लिया. पार्वती ने युवावस्था के सावन मास में निराहार रहकर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया. जिसके बाद से ही महादेव के लिए सावन मास विशेष प्रिय हो गया. इस माह पूर्णमा के दिन श्रवण नक्षत्र विद्दमान रहता है. इसी कारण इस माह का नाम सावन पड़ा. सावन मास का प्रत्येक दिन शिव पूजा के लिए विशिष्ट है.

(Sawan Third Somwar) (76 feet high Shiva statue in Jabalpur) (Importance of lord Shiva Pujan) (Jabalpur Shiv devotees Fair)

Last Updated : Aug 1, 2022, 7:29 AM IST
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