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राकेश सिंह की राह नहीं है आसान, बागी बिगाड़ सकते हैं जीत का 'गणित' - बागी नेता

बीजेपी उम्मीदवार राकेश सिंह की जीत इतनी आसान भी नहीं है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दो बागी प्रत्याशी भरत सिंह यादव और धीर पटेरिया ने भाजपा का खेल बिगाड़ा था. भरत सिंह यादव को पनागर विधानसभा क्षेत्र से 42,500 वोट मिले थे, जबकि जबलपुर उत्तर विधानसभा से धीरज पटेरिया ने 29,400 वोट खींचे थे. यदि इन दोनों बागी उम्मीदवारों को वोटों को जोड़ा जाए तो 72,000 का आंकड़ा होता है, जो बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ डाले गये थे.

राकेश सिंह, बीेजपी प्रदेश अध्यक्ष
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Published : Mar 25, 2019, 8:35 AM IST

जबलपुर। जबलपुर लोकसभा सीट पर भले ही बीजेपी ने मजबूत प्रत्याशी राकेश सिंह को मैदान में उतारा है, लेकिन इस बार उनकी राह आसान नहीं है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के सामने बागियों से निपटने की चुनौती है. अगर वह बागियों को नहीं साध पाये तो उन्हें तकरीबन 40 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ सकता है.

वीडियो

साल 2018 के अंत में हुये विधानसभा चुनाव में वोटों के गणित पर नजर दौड़ाएं तो जबलपुर लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी को 5,67,506 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 5,35,665 लोगों ने वोट दिया था. अगर लोकसभा चुनाव में भी लोग इसी तरह वोट करते हैं तो बीजेपी प्रत्याशी राकेश सिंह लगभग 31,800 वोटों से जीत जाएंगे.

बीजेपी उम्मीदवार राकेश सिंह की जीत इतनी आसान भी नहीं है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दो बागी प्रत्याशी भरत सिंह यादव और धीर पटेरिया ने भाजपा का खेल बिगाड़ा था. भरत सिंह यादव को पनागर विधानसभा क्षेत्र से 42,500 वोट मिले थे, जबकि जबलपुर उत्तर विधानसभा से धीरज पटेरिया ने 29,400 वोट खींचे थे. यदि इन दोनों बागी उम्मीदवारों को वोटों को जोड़ा जाए तो 72,000 का आंकड़ा होता है, जो बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ डाले गये थे.

लोकसभा चुनाव में भी जबलपुर के मतदाता इसी तरीके से वोट करते हैं तो बीजेपी प्रत्याशी लगभग 40,207 वोटों से हार सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि पार्टी ने बागी नेताओं को अब तक ना तो मनाने की पहल की न वापस बुलाया, जबकि विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह भी स्पष्ट हो गया था कि जबलपुर की एक विधानसभा सीट बीजेपी बागी प्रत्याशी की वजह से ही हार गई थी.

धीरज पटेरिया लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी का खेल बिगाड़ा था. वह जबलपुर की उत्तर मध्य विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे, इसी वजह से बीजेपी के प्रत्याशी शरद जैन को हार का सामना करना पड़ा था. अब धीरज पटेरिया लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी की मुश्किल बढ़ सकती है. बीजेपी के बागी नेता धीरज पटेरिया का कहना है कि पार्टी ने उनके प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और न ही वापस बुलाने के प्रयास किये. इसलिये वह बीजेपी में जाने की नहीं सोच रहे.

जबलपुर। जबलपुर लोकसभा सीट पर भले ही बीजेपी ने मजबूत प्रत्याशी राकेश सिंह को मैदान में उतारा है, लेकिन इस बार उनकी राह आसान नहीं है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के सामने बागियों से निपटने की चुनौती है. अगर वह बागियों को नहीं साध पाये तो उन्हें तकरीबन 40 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ सकता है.

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साल 2018 के अंत में हुये विधानसभा चुनाव में वोटों के गणित पर नजर दौड़ाएं तो जबलपुर लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी को 5,67,506 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 5,35,665 लोगों ने वोट दिया था. अगर लोकसभा चुनाव में भी लोग इसी तरह वोट करते हैं तो बीजेपी प्रत्याशी राकेश सिंह लगभग 31,800 वोटों से जीत जाएंगे.

बीजेपी उम्मीदवार राकेश सिंह की जीत इतनी आसान भी नहीं है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दो बागी प्रत्याशी भरत सिंह यादव और धीर पटेरिया ने भाजपा का खेल बिगाड़ा था. भरत सिंह यादव को पनागर विधानसभा क्षेत्र से 42,500 वोट मिले थे, जबकि जबलपुर उत्तर विधानसभा से धीरज पटेरिया ने 29,400 वोट खींचे थे. यदि इन दोनों बागी उम्मीदवारों को वोटों को जोड़ा जाए तो 72,000 का आंकड़ा होता है, जो बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ डाले गये थे.

लोकसभा चुनाव में भी जबलपुर के मतदाता इसी तरीके से वोट करते हैं तो बीजेपी प्रत्याशी लगभग 40,207 वोटों से हार सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि पार्टी ने बागी नेताओं को अब तक ना तो मनाने की पहल की न वापस बुलाया, जबकि विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह भी स्पष्ट हो गया था कि जबलपुर की एक विधानसभा सीट बीजेपी बागी प्रत्याशी की वजह से ही हार गई थी.

धीरज पटेरिया लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी का खेल बिगाड़ा था. वह जबलपुर की उत्तर मध्य विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे, इसी वजह से बीजेपी के प्रत्याशी शरद जैन को हार का सामना करना पड़ा था. अब धीरज पटेरिया लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी की मुश्किल बढ़ सकती है. बीजेपी के बागी नेता धीरज पटेरिया का कहना है कि पार्टी ने उनके प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और न ही वापस बुलाने के प्रयास किये. इसलिये वह बीजेपी में जाने की नहीं सोच रहे.

Intro:बागी फिर बिगाड़ सकते हैं बीजेपी का खेल विधानसभा चुनाव में जबलपुर लोक सभा 40000 मतों से हारी थी भारतीय जनता पार्टी बागियों को वापस लाने के लिए तैयार नहीं है पार्टी


Body:जबलपुर से राकेश सिंह को एक बार फिर लोक सभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है लेकिन इस बार राकेश सिंह की राह आसान नहीं है यदि सांसद राकेश सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के बागियों को नहीं मनाया तो सांसद राकेश सिंह कांग्रेस से लगभग 40000 वोटों से हार जाएंगे

विधानसभा में वोटों का गणित
2018 के विधानसभा चुनाव में जबलपुर लोक सभा में भारतीय जनता पार्टी को 567506 वोट मिले थे वहीं कांग्रेस को 535665 वोट मिले इस हिसाब से भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से 31841 वोट ज्यादा पाने में सफल रही मतलब स्पष्ट है कि यदि विधानसभा चुनाव के आधार पर चुनाव होते हैं और यदि वोटर इसी तरीके से वोट डालता है तो भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी 31800 वोटों से जीत जाएगा लेकिन बीजेपी के प्रत्याशी की जीत इतनी सरल नहीं है क्योंकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दो बागी प्रत्याशी भारत सिंह यादव को पनागर विधानसभा में 42500 वोट मिले थे और जबलपुर की उत्तर विधानसभा में बीजेपी के बागी नेता धीरज पटेरिया को 29400 वोट मिले थे और यदि इन दोनों बागी उम्मीदवारों के वोट मिला लिए जाएं तो लगभग 72000 वोट होते हैं जो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ डाले गए थे और इस तरीके से यदि कांग्रेस के कुल वोटों से इनको जोड़ दिया जाए तो भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा प्रत्याशी इस चुनाव में 40207 वोट से हार जाएगा

अब तक नहीं मनाया बागियों को
विधानसभा चुनाव के परिणामों के साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया था की जबलपुर की एक विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी बागी प्रत्याशी की वजह से हार गई और कुल मिलाकर लगभग 80,000 मत बागियों की वजह से बीजेपी को कम मिले लेकिन इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने अब तक रूठे हुए नेताओं को पार्टी में वापस नहीं बुलाया

धीरज पटेरिया फिर लड़ सकते हैं चुनाव
युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विधानसभा चुनाव में जबलपुर की उत्तर मध्य विधानसभा से चुनाव लड़े और इनकी वजह से बीजेपी के प्रत्याशी शरद जैन हार गए यदि एक बार फिर धीरज पटेरिया लोक सभा चुनाव में खड़े होते हैं इसका असर भी बीजेपी के लिए खतरनाक होगा धीरज का कहना है उन्हें पार्टी में वापस लेने का अभी कोई गंभीर प्रयास नहीं हुआ इसलिए वह फिलहाल बीजेपी में वापस जाने की नहीं सोच रहे हैं




Conclusion:बाइट धीरज पटेरिया पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा
बाइट शेख हिदायतुल्ला प्रदेश प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी
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