जबलपुर। एमपी पीएससी की परीक्षा में दिव्यांगों को आरक्षण दिए जाने की प्रक्रिया को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसमें हाईकोर्ट ने एमपी पीएससी को जबाव पेश करने के आदेश दिए थे. याचिका की सुनवाई के दौरान एमपी पीएससी ने जवाब पेश किया, जिसमें कहा गया कि एमपी पीएससी वही गाइड लाइन फॉलो कर रही है जो शासन ने निर्देशित की है.
इस मामले पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद बाकी पक्षकारों को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश जारी किया है, भोपाल निवासी आदित्य खरे की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि एमपीपीएससी दिव्यांगों को दिए जाने वाले आरक्षण में कैरी फॉरवर्ड नियम का पालन कर रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक दिव्यांगों को दिए जाने वाले आरक्षण में कैरी फॉरवर्ड नियम लागू नहीं होता.
याचिका में कहा गया कि इस नियम के चलते जनरल कोटे की सीटों पर खासा असर पड़ रहा है, याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. जिसके बाद एमपीपीएससी की ओर से हाईकोर्ट में जवाब दिया गया, लेकिन बाकी पक्षकारों ने जवाब पेश नहीं किया. अब इस मामले की अगली सुनवाई में तमाम पक्षकारों से जवाब पेश करने के आदेश जारी किए गए हैं.