जबलपुर। मूल्यवान जमीनों की खरीद फरोख्त के लिए पुराने स्टांप का उपयोग कर जाली दस्तावेजों को तैयार करने वाला एक गिरोह लंबे समय से काम कर रहा था. जिसका हाल ही में जबलपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने एक स्टैंप वेंडर को गिरफ्तार कर उसके पास से कई पुराने स्टैंप, सील और जाली दस्तावेज बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक स्टांप विक्रेता दिनेशचंद्र जैन कई सालों से दस्तावेज में पुरानी डेट का फर्जी स्टैंप लगाकर खरीद-बिक्री के लिए तैयार करता था.
स्टांप पेपर की होती है महत्वपूर्ण भूमिका
चाहे बैंक से लोन के लिए शपथ पत्र हो या फिर जमीन खरीदने के लिए पंजीयन विभाग में पेश करने वाले दस्तावेज. इन सभी में स्टांप की आवश्यकता होती है. ऐसे में लोग पुराने फर्जी स्टांप का उपयोग कर न सिर्फ बैक डेट में जाली दस्तावेज बनाते हैं, बल्कि शासन को भी फीस से महरूम रखते हैं.
पंजीयन विभाग की लापरवाही भी इस फर्जीवाड़े की वजह
पंजीयन विभाग स्टांप वेंडरों को स्टांप बेचने का लाइसेंस तो जारी कर देता है, लेकिन ये देखने की जहमत नही उठाता है कि उनके स्टांप वेंडर कुछ फर्जीवाड़ा तो नहीं कर रहे. हाल ही में पुलिस ने जब जाली दस्तावेज के लिए पुराने स्टैंप का उपयोग करते हुए दिनेशचंद्र जैन को गिरफ्तार किया और पूछताछ की तो पता चला कि यह काम उसका कई सालों से चल रहा है. इधर पंजीयन विभाग के अधिकारी का कहना है कि जब कभी इस तरह की जानकारी मिलती है तो न सिर्फ उस स्टांप विक्रेता का लाइसेंस निरस्त किया जाता है, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाती है.
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200 से ज्यादा स्टैंप विक्रेता गोरखधंधे में शामिल
जबलपुर में करीब 200 से ज्यादा स्टांप विक्रेता हैं, जो पंजीयन विभाग से लाइसेंस लेकर स्टांप विक्रय का काम कर रहे हैं. बहरहाल जिस तरह से दिनेशचंद्र जैन पुरानी डेट में स्टांप जारी करते हुए पकड़ा गया है, हो सकता है और भी कई ऐसे स्टांप वेंडर हों जो कि कानूनी रूप से गलत काम कर रहे हैं. इनको लेकर भी अभियान चलाने की बात की जा रही है.