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खटुआ मर्डर केस में आया नया मोड़, अब फॉरेन्सिक की टीम सुलझायेगी गुत्थी - खटुआ मर्डर केस

गन कैरिज फैक्ट्री में पदस्थ जूनियर वर्क्स मैनेजर शारदा चरण उर्फ एससी खटुआ हत्याकांड में आया नया मोड़ है. अब एसआईटी की टीम और फॉरेन्सिक लीगल एक्सपर्ट की टीम मिलकर केस की गुत्थी सुलझायेंगी.

Khatua Murder Case
जबलपुर खटुआ मर्डर केस
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Published : Feb 7, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Feb 7, 2022, 5:29 PM IST

जबलपुर। गन कैरिज फैक्ट्री में पदस्थ जूनियर वर्क्स मैनेजर शारदा चरण उर्फ एससी खटुआ की फरवरी 2019 में पाटबाबा की पहाड़ी स्थित जंगल मे खून से सनी लाश मिली थी. हत्याकांड को 3 साल से अधिक बीत गए हैं, बावजूद इसके हत्यारे अभी भी फरार हैं. कहानी में अब नया मोड़ आया है, जिसमें एसआईटी की टीम के साथ अब फॉरेन्सिक लीगल एक्सपर्ट की टीम केस से जुड़े तथ्यों की जाँच करेगी.

जबलपुर खटुआ मर्डर केस

जबलपुर पहुँची टीम
पुलिस ने भी हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए पूरी ताकत लगा दी, एसआईटी भी दो बार इसकी जाँच कर चुकी पर हत्यारे अभी भी पहुंच से दूर हैं. जिसके बाद अब फॉरेन्सिक लीगल एक्सपर्ट की टीम भी इस केस में जाँच करेगी. इसके लिए एक्सपर्ट, डॉ डीके सतपति की टीम आज जबलपुर पहुँची.

फिर से होगी जांच
टीम आज सबसे पहले उस स्थान पर गई जहाँ, एससी खटुआ की हत्या हुई थी. करीब 2 घंटे तक फॉरेन्सिक लीगल एक्सपर्ट की टीम मौके पर मौजूह रही और हत्या का रीक्रिएशन किया. इस दौरान डॉ सतपति ने कहा कि, सभी तथ्यों की एक बार फिर से जांच की जाएगी. इसके अलावा जिन डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया था उनसे भी पूछताछ होगी. इसके अलावा डॉ सतपति पुलिस अधिकारियों से भी हत्याकांड के विषय में चर्चा करेंगे.

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यह है पूरा मामला
गन कैरिज फैक्ट्री में पदस्थ जूनियर मैनेजर एस.सी खटुआ धनुष तोप मामले में संदेही थे, जिसकी जाँच सीबीआई कर रही थी. 17 जनवरी 2019 को जब खटुआ घर से निकले तो लौट कर वापस नहीं आए. जिसके बाद परिजनों ने काफी तलाश किया. लेकिन वह लापता रहे. बाद में 5 फरवरी 2019 को खटुआ का शव जंगल से बरामद हुआ था.

मृतक खटुआ थे संदिग्ध
बताया जा रहा है कि, जीसीएफ फैक्ट्री द्वारा निर्मित धनुष आर्टलरी गन 155mm में चायनीज वायर लैस रोलिंग बैरिंग का इस्तेमाल किया गया था. चूंकि डिफेंस सेक्टर में चीन के माल का उपयोग किया जाना प्रतिबंधित है. मामले में दिल्ली सीबीआई ने जून 2017 में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. शुरुआती जांच में वायरलेस रोलिंग बेरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्धि सेल्स कंपनी को दिया गया था. यह कंपनी ने चाइना मेड बैरिंग पर मेड इन जर्मन की सील लगाकर सप्लाई कर दिया. जिसकी जांच को लेकर सीबीआई मृतक खटुआ को दिल्ली भी बुलाया था.

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पत्नी का आरोप
एससी खटुआ के हत्यारों को जब 2 साल तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई तो मामले में मृतक खटुआ की पत्नी मौसमी खटुआ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच की मांग की थी. जिस पर फिलहाल सुनवाई जारी है. साथ ही, हाल ही में मौसमी ने पुलिस पर आरोप लगाए थे कि, उन पर याचिका वापस लेने के लिए पुलिस द्वारा दवाब बनाया जा रहा है.

जबलपुर। गन कैरिज फैक्ट्री में पदस्थ जूनियर वर्क्स मैनेजर शारदा चरण उर्फ एससी खटुआ की फरवरी 2019 में पाटबाबा की पहाड़ी स्थित जंगल मे खून से सनी लाश मिली थी. हत्याकांड को 3 साल से अधिक बीत गए हैं, बावजूद इसके हत्यारे अभी भी फरार हैं. कहानी में अब नया मोड़ आया है, जिसमें एसआईटी की टीम के साथ अब फॉरेन्सिक लीगल एक्सपर्ट की टीम केस से जुड़े तथ्यों की जाँच करेगी.

जबलपुर खटुआ मर्डर केस

जबलपुर पहुँची टीम
पुलिस ने भी हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए पूरी ताकत लगा दी, एसआईटी भी दो बार इसकी जाँच कर चुकी पर हत्यारे अभी भी पहुंच से दूर हैं. जिसके बाद अब फॉरेन्सिक लीगल एक्सपर्ट की टीम भी इस केस में जाँच करेगी. इसके लिए एक्सपर्ट, डॉ डीके सतपति की टीम आज जबलपुर पहुँची.

फिर से होगी जांच
टीम आज सबसे पहले उस स्थान पर गई जहाँ, एससी खटुआ की हत्या हुई थी. करीब 2 घंटे तक फॉरेन्सिक लीगल एक्सपर्ट की टीम मौके पर मौजूह रही और हत्या का रीक्रिएशन किया. इस दौरान डॉ सतपति ने कहा कि, सभी तथ्यों की एक बार फिर से जांच की जाएगी. इसके अलावा जिन डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया था उनसे भी पूछताछ होगी. इसके अलावा डॉ सतपति पुलिस अधिकारियों से भी हत्याकांड के विषय में चर्चा करेंगे.

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यह है पूरा मामला
गन कैरिज फैक्ट्री में पदस्थ जूनियर मैनेजर एस.सी खटुआ धनुष तोप मामले में संदेही थे, जिसकी जाँच सीबीआई कर रही थी. 17 जनवरी 2019 को जब खटुआ घर से निकले तो लौट कर वापस नहीं आए. जिसके बाद परिजनों ने काफी तलाश किया. लेकिन वह लापता रहे. बाद में 5 फरवरी 2019 को खटुआ का शव जंगल से बरामद हुआ था.

मृतक खटुआ थे संदिग्ध
बताया जा रहा है कि, जीसीएफ फैक्ट्री द्वारा निर्मित धनुष आर्टलरी गन 155mm में चायनीज वायर लैस रोलिंग बैरिंग का इस्तेमाल किया गया था. चूंकि डिफेंस सेक्टर में चीन के माल का उपयोग किया जाना प्रतिबंधित है. मामले में दिल्ली सीबीआई ने जून 2017 में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. शुरुआती जांच में वायरलेस रोलिंग बेरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्धि सेल्स कंपनी को दिया गया था. यह कंपनी ने चाइना मेड बैरिंग पर मेड इन जर्मन की सील लगाकर सप्लाई कर दिया. जिसकी जांच को लेकर सीबीआई मृतक खटुआ को दिल्ली भी बुलाया था.

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पत्नी का आरोप
एससी खटुआ के हत्यारों को जब 2 साल तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई तो मामले में मृतक खटुआ की पत्नी मौसमी खटुआ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच की मांग की थी. जिस पर फिलहाल सुनवाई जारी है. साथ ही, हाल ही में मौसमी ने पुलिस पर आरोप लगाए थे कि, उन पर याचिका वापस लेने के लिए पुलिस द्वारा दवाब बनाया जा रहा है.

Last Updated : Feb 7, 2022, 5:29 PM IST
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