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MP Jabalpur: बिजली कंपनियों की हालत हुई खराब, कर्मचारियों को त्यौहारों पर देने के लिए नहीं है पैसा, आखिर क्या है वजह?

MP में बिजली कंपनी खस्ता हालत में पहुंच गई हैं. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, कि कंपनी के पास त्यौहारों के सीजन में भी रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने तक के पैसे नहीं है. कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि, एमपीपीटीसीएल को ट्रांसमिशन शुल्क बिलों की बढ़ी हुई राशि के मुकाबले बहुत कम रुपये प्राप्त हुए हैं. इसलिए कंपनी पेंशन का भुगतान करने में असमर्थ हैं.

bad condition of power companies in MP
मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों की स्थिति बेहद खराब
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Published : Oct 2, 2022, 10:48 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों की स्थिति बेहद खराब हो गई है. स्थिति ये है कि, शारदीय नवरात्रि और अन्य त्योहारों के दौरान कंपनी के पास सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन देने के लिए भी पैसे नहीं है. प्रदेश की बिजली कंपनियों के कार्मिकों के पेंशन फंड को संचालित करने वाली मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने एक आदेश निकाल कर पेंशनरों को सितंबर माह की पेंशन देने में असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं.

पत्र लिखकर पेंशन का भुगतान करने में जताई असमर्थता: पावर ट्रांसमिशन कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर की ओर से अन्य सभी बिजली कंपनियों के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर्स को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि, सितंबर 2022 माह की पेंशन के भुगतान के संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि, एमपीपीटीसीएल को सितंबर 2022 (अगस्त 2022 के लिए) में ट्रांसमिशन शुल्क बिलों की बढ़ी हुई राशि 392.99 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 35 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने कहा कि, उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, हम टर्मिनल बेनिफिट ट्रस्ट को तब तक पेंशन का भुगतान करने में असमर्थ हैं, जब तक कि कंपनी को डिस्कॉम से पर्याप्त धन प्राप्त नहीं हो जाता.

पेंशन न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी: पावर ट्रांसमिशन कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर की ओर से जारी पत्र के सामने आते ही मध्य प्रदेश यूनाईटेड फोरम के संयोजक वी.केएस परिहार एवं मध्य प्रदेश विद्युत कंपनी तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार एवं विद्युत कंपनी प्रबंधन से विद्युत पेंशनरों को अतिशीघ्र पेंशन प्रदान करने की मांग की है. अन्यथा की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों की स्थिति बेहद खराब हो गई है. स्थिति ये है कि, शारदीय नवरात्रि और अन्य त्योहारों के दौरान कंपनी के पास सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन देने के लिए भी पैसे नहीं है. प्रदेश की बिजली कंपनियों के कार्मिकों के पेंशन फंड को संचालित करने वाली मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने एक आदेश निकाल कर पेंशनरों को सितंबर माह की पेंशन देने में असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं.

पत्र लिखकर पेंशन का भुगतान करने में जताई असमर्थता: पावर ट्रांसमिशन कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर की ओर से अन्य सभी बिजली कंपनियों के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर्स को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि, सितंबर 2022 माह की पेंशन के भुगतान के संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि, एमपीपीटीसीएल को सितंबर 2022 (अगस्त 2022 के लिए) में ट्रांसमिशन शुल्क बिलों की बढ़ी हुई राशि 392.99 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 35 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने कहा कि, उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, हम टर्मिनल बेनिफिट ट्रस्ट को तब तक पेंशन का भुगतान करने में असमर्थ हैं, जब तक कि कंपनी को डिस्कॉम से पर्याप्त धन प्राप्त नहीं हो जाता.

पेंशन न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी: पावर ट्रांसमिशन कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर की ओर से जारी पत्र के सामने आते ही मध्य प्रदेश यूनाईटेड फोरम के संयोजक वी.केएस परिहार एवं मध्य प्रदेश विद्युत कंपनी तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार एवं विद्युत कंपनी प्रबंधन से विद्युत पेंशनरों को अतिशीघ्र पेंशन प्रदान करने की मांग की है. अन्यथा की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है.

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