जबलपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस पी. के. कौरव की युगलपीठ ने मध्य प्रदेश में संचालित सभी 453 नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट 24 घंटे में पेश करने का निर्देश दिया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अल्प समय में नोटिस सर्व नहीं होने का हवाला देते हुए युगलपीठ से निरीक्षण रिपोर्ट पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय प्रदान करने का आग्रह किया गया था. इस पर युगलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए खुली अदालत में कहा कि- " नोटिस सर्व करने घोड़े पर चढ़कर जाओगे, ई-मेल के मध्यम से कुछ पलों में नोटिस सर्व हो जाता है." युगलपीठ ने याचिका अगली सुनवाई 11 मई को निर्धारित की है.
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने नर्सिंग कॉलेज की मान्यता पर उठाये थे सवाल: लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गयी थी. ये मान्यता मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने निरीक्षण के बाद इन कॉलजों को दी थी. जबकि, वास्तविकता ये है कि कॉलेज सिर्फ कागज पर संचालित हो रहे हैं. ऐसा कोई कॉलेज नहीं है जो निर्धारित मापदंड को पूरा करता है.
कई नर्सिंग कॉलेज कार शोरूम और बारात घरों में संचालित हो रहे हैं: याचिका में कहा गया कि अधिकांश कॉलेज की निर्धारित स्थल पर बिल्डिंग तक नहीं है. कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं. ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है. बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. एसोसिएशन का दावा है कि प्रदेश में कई नर्सिंग कॉलेज कार शोरूम और बारात घरों में संचालित हो रहे हैं. याचिका में साक्ष्य के रूप में इसके फोटोग्राफ भी पेश किए गए हैं. लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने याचिका में आगे कहा कि नर्सिंग कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता दिये जाने के आरोप में मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के रजिस्ट्रार को पद से हटा तो दिया गया था, लेकिन फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित होने के संबंध में शिकायत की गई थी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में उक्त याचिका दायर करनी पड़ी है.
मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल का जवाब: याचिका की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल की तरफ से पेश किये गये जवाब में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने 55 कॉलेजों से सिर्फ सात कॉलेजों को अनावेदक बनाया है. याचिकाकर्ता को अपनी आपत्ति काउसिंल के समक्ष प्रस्तुत करनी थी, परंतु उसने ऐसा नहीं किया. पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये थे. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान काउसिंलिंग की तरफ से निरीक्षण रिपोर्ट पेश करने में समय प्रदान करने का आग्रह किया गया, जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए युगलपीठ ने 24 घंटो में रिपोर्ट पेश करने निर्देश जारी कर दिया. समय बढ़ाये जाने का आग्रह करने पर युगलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए आदेश का पालन नहीं होने पर प्रतिकूल आदेश पारित करने की चेतावनी दी है. (MP Nursing college case )(MP High Court News)