जबलपुर। ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट से फिर झटका लगा है.हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने एमबीबीएस कोर्स में ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत से ज्यादा(mbbs course obc reservation high court ) आरक्षण नहीं देने के निर्देश जारी किये हैं.
14 फीसदी से ज्यादा ओबीसी आरक्षण नहीं
पन्ना निवासी छात्र शुभम पांडे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि 12वीं क्लास उत्तीर्ण करने के बाद वह नीट की परीक्षा में शामिल हुआ था. नीट की परीक्षा में उसे 720 में से 563 अंक प्राप्त हुए थे. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस कोर्स के दाखिले में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का नोटिफिकेशन जारी किया है. सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है (supreme court order obc reservation) कि आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. (not more than 14 percent obc reservation)इसके अलावा दस प्रतिशत EWS आरक्षण भी प्रदान किया जायेगा.
MBBS Course में OBC को 14 प्रतिशत से ज्यादा Reservation पर रोक
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि पीजी मेडिकल कोर्स में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने पर हाईकोर्ट पूर्व में रोक लगा रखी है. जिन मामले में ओबीसी आरक्षण पर रोक(obc reservation in mp) लगी है,उसे हटाने के लिए सरकार की तरफ से हाईकोर्ट मेें आवेदन पेश किया था. जिसे खारिज करते हुए युगलपीठ ने सभी संबंधित याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये हैं.
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जूनियर से जांच क्यों
हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के दो प्राध्यापकों के खिलाफ चल रही जांच कनिष्ठों से कराये जाने के मामले को गंभीरता से लिया. जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मामले में सरकार से पूछा है कि किन परिस्थितियों में याचिककर्ता प्राध्यापकगण के विरुद्ध की जा रही जांच उनसे कनिष्ट आधिकारिायों से करायी जा रही है. एकलपीठ ने इस संबंध में जानकारी लेकर न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश देेते हुए मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है.