जबलपुर। किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ फूलों की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा सकता है. गेंदे के फूल की खेती ऐसी फसल है जिससे साल भर किसान मुनाफा ले सकते हैं. बस उनके पास सिंचाई के पर्याप्त साधन होना चाहिए. देश में साल भर तक फूलों की डिमांड बनी रहती है. त्योहार और शादी-विवाह के मौसम में इसकी मांग और भी बढ़ जाती है. किसानों को 10 से 60 रुपए प्रति किलो का भाव आसानी से मिल जाता है. (marigold flower in jabalpur)
किसान कैसे करें गेंदे के फूल की खेती: जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए के नायडू बताते है कि प्रगतिशील किसान अपनी खेती के एक हिस्से में फूलों की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. फूलों की खेती कई तरह से होती है. पानी की सुविधा हो तो खेत के कुछ हिस्से में फूल लगाकर लगातार किसान कमाई कर सकते हैं. वहीं बाजार में पूजा, त्योहार और शादी-विवाह के सीजन में फूलों की मांग और अधिक बढ़ जाती है, इसके अनुसार ही किसानों और फूल विक्रेताओं को इसकी कीमत मिलती है.
कई किस्म के होते हैं गेंदे के फूल: गेंदे के फूलों की कई किस्में होती हैं. क्षेत्र के अनुसार नारंगी और पीले रंग वाली गेंदे का चुनाव भी किया जा सकता हैं. किस्म ऐसा चुने, जो कम बीमारी वाला हो और वहां की मिट्टी को सूट करता हो. सिंचाई के लिए ड्रिप मेथड का उपयोग करना चाहिए. इससे पूरा कंट्रोल अपने हाथ में रहता है. पानी और खाद का प्रयोग एक तय मानक के अनुसार कर आप उत्पादन बढ़ा सकते हैं.
ऐसे करें गेंदे के पौधे की रोपाई: जब पौधा 10-15 सेंटीमीटर और 3-4 पत्तियों का हो जाए, तब इसकी रोपाई करें. 25-30 दिन में पौधा रोपाई के लायक हो जाता है. रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें. गेंदे के पौधे को 45 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपें. एक हेक्टेयर में रोपाई करने के लिए 50 से 60 हजार पौधे की जरूरत पड़ेगी. गेंदे के फूल की खेती प्लास्टिक शीट लगाकर करें इसका दोहरा फायदा है. पहला कि इससे कचरा नहीं होता, दूसरा रिवर्स हीट से कीड़े नहीं लगते हैं ये फसल का भी बचाव करता है.
पूरे साल कभी भी करें खेती: गेंदे की फसल 15 मई से लेकर साल भर कभी भी कर सकते हैं. गेंदे में 35 से 40 दिन में फूल आने लगते हैं. डॉक्टर नायडू ने आधा एकड़ खेत में गेंदे का फूल लगाया है. अभी तक एक तोड़ाई हुई है, जिसमें दो क्विंटल फूल निकले हैं. इन फूलों से 6 हजार रुपए की कमाई हुई है. एक पौधे में 25 से 30 बार फूलों की तोड़ाई होती है. मेडिकल प्लांट होने की वजह से इसमें कीड़े भी कम लगते हैं. दूसरी स्वाइल बार्न डिजीज भी इससे चेक होती है. इसे फसल के बीच में भी लगा सकते हैं.
कृषि विभाग का किसानों को प्रोत्साहन: कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ विभाग भी किसानों को फूलों की, खास तौर पर गेंदे की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. कृषि विभाग के उप संचालक डॉ निगम बताते है कि जबलपुर में 70 प्रतिशत स्थानों में धान-गेहूं की खेती होती है, लेकिन अब किसानों में बदलाव आ गया है. वह सब्जियों और फूलों की खेती की तरफ भी जा रहा है जो कि अच्छा संकेत है. शासन की मंशा भी यही है कि किसान इस तरह की व्यावसायिक फसल लगाकर खुद सक्षम बने.
कैसे करें फूल उगाने की तैयारी: गेंदे के फूल की खेती से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए. इसके बाद प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद का प्रयोग करें. फिर 50 किलो नाइट्रोजन, 200 किलो फास्फोरस, 200 किलो पोटाश को मिट्टी में मिला सकते हैं. रोपाई के बाद टपक विधि से पानी के साथ खाद दे सकते हैं, गेंदा हर मौसम में उगाया जा सकता है. इस कारण सर्दी में 8 से 10 दिन और गर्मी में पांच से 7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें. फूल आने पर सिंचाई करते रहें. पानी की कमी से फूल का उत्पादन प्रभावित होगा. (jabalpur marigold farming profitable for farmers)