जबलपुर। मध्यप्रदेश में खुले आसमान के नीचे पड़े अनाज को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को सरकार को नोटिस जारी किया है और अहम दिशा निर्देश भी दिए हैं.
अधिवक्ता गुलाब सिंह की ओर से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश में लाखों टन अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, जो बारिश के चलते खराब हो रहा है, लेकिन सरकार इस अनाज की चिंता नहीं कर रही है.
याचिका में कहा गया है कि पिछले 2 महीनों में मध्य प्रदेश सरकार ने 1975 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रदेश में 170 लाख टन गेहूं की खरीद की है. वही जबलपुर, रीवा और शहडोल संभाग में ही 10 लाख टन से ज्यादा अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा है. लिहाजा सरकार अनाज को सुरक्षित रखने के लिए जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाए.
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मामले पर अगली सुनवाई 23 जून को
याचिका में दिए गए तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर यह आदेश भी दिया है कि सरकार प्रदेश के सभी कलेक्टरों के माध्यम से जिलों में एक सर्वे कराए और यह पता लगाएं कि कितना अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है. साथ ही जहां भी अनाज खुले में पड़ा हुआ है, उसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाए. अनाज को सुरक्षित रखने के लिए सरकार हर तरह के संसाधन का इस्तेमाल करे. मामले पर अगली सुनवाई 23 जून को नियत की गई है.