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Madhya Pradesh High Court का लोक सेवा आयोग के सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेजा नोटिस

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट(Madhya Pradesh High Court) ने एक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षा (high court gives notice to principal secretary)विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा लोक सेवा आयोग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को होगी.

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
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Published : Dec 13, 2021, 10:05 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के चीफ जस्सिट अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस सुनीता यादव की युगलपीठ ने एक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के (high court gives notice to principal secretary) प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा लोक सेवा आयोग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को होगी.

दिव्यांगों को लक्ष्य से अधिक आरक्षण का लाभ

सिंगरौली निवासी याचिकाकर्ता दिनेश कुमार सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 2017-18 में विभिन्न विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था. जिसमें दिव्यांगों को निर्धारित कोटे से अधिक आरक्षण का लाभ दिया गया. इसी के खिलाफ उन्होंने पूर्व में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल 2020 को जारी आदेश में कहा था कि दिव्यांगजनों को निर्धारित आरक्षण का लाभ देते हुए एक माह में पुनरीक्षित सूची जारी करें. हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन नहीं किये जाने के खिलाफ उक्त अवमानना याचिका दायर की गई है. याचिका की सुनवाई करते हुए बेंच ने उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के चीफ जस्सिट अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस सुनीता यादव की युगलपीठ ने एक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के (high court gives notice to principal secretary) प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा लोक सेवा आयोग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को होगी.

दिव्यांगों को लक्ष्य से अधिक आरक्षण का लाभ

सिंगरौली निवासी याचिकाकर्ता दिनेश कुमार सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 2017-18 में विभिन्न विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था. जिसमें दिव्यांगों को निर्धारित कोटे से अधिक आरक्षण का लाभ दिया गया. इसी के खिलाफ उन्होंने पूर्व में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल 2020 को जारी आदेश में कहा था कि दिव्यांगजनों को निर्धारित आरक्षण का लाभ देते हुए एक माह में पुनरीक्षित सूची जारी करें. हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन नहीं किये जाने के खिलाफ उक्त अवमानना याचिका दायर की गई है. याचिका की सुनवाई करते हुए बेंच ने उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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