जबलपुर(Jabalpur)। सरकार ने शराब दुकान संचालकों (Wine Shop Operator) के लिए तमाम नियम बनाए हैं. जिसके तहत उपभोक्ताओं को बिल देना अनिवार्य है. लेकिन इसके बाद भी कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां दुकानदार बिल देने से मना कर देते हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि कई बार बिल मांगने पर दुकान संचालक शराब भी नहीं देते हैं. ऐसे में वह बिना बिल लिए शराब खरीद लेते हैं. वहीं मामले की जानकारी के बाद आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
शराब में बिल हुआ अनिवार्य
एमआरपी से ज्यादा दाम पर बिक रही शराब को देखते हुए शासन ने सभी ठेकेदारों को निर्देश दिए हैं कि उनकी दुकानों में न सिर्फ बिल देना अनिवार्य होगा, बल्कि शराब के दामों की लिस्ट भी टंगी होनी चाहिए. इधर शराब उपभोक्ताओं का आरोप है कि मांगने पर भी दुकानदारों के द्वारा बिल नहीं दिया जा रहा है. वहीं बिल मांगने पर दुकानदार शराब देने से इनकार कर देते हैं. एक शराब उपभोक्ता ने बताया कि एमआरपी अगर किसी शराब का 170 रुपए है, तो दुकानदार 200 रुपए ले रहा है.
शराब विक्रेताओं के लिए यह नियम
आबकारी आयुक्त ने मध्यप्रदेश के सभी शराब ठेकेदारों को न सिर्फ शराब खरीदते समय बिल देना जरूरी किया है. इसके अलावा निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी विक्रेता शासन के नियम के विरुद्ध जाते हुए शराब खरीदने वाले से अधिक पैसे लेता है, तो न सिर्फ ठेकेदार बल्कि शराब दुकानदार के खिलाफ भी कार्यवाही होगी. आबकारी आयुक्त के निर्देशानुसार सभी दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर आबकारी अधिकारी का मोबाइल नंबर लिखना जरूरी है.
करीब 145 शराब दुकानों का संचालन
जबलपुर शहर में अंग्रेजी और देशी शराब की करीब 145 दुकानें वर्तमान में संचालित हो रही हैं. जिसमें अंग्रेजी शराब की 52 तो देशी शराब की 92 दुकाने हैं. जिन्हें शराब बेचते समय शासन के आदेशों का पालन करना है.