जबलपुर। शहर से लगे चूल्हा गोलाई पहाड़ी पर तेंदुआ देखे जाने की खबर से आस-पास के क्षेत्र में एक बार फिर हड़कंप मच गया है, जहां करीब 5 से 6 तेंदुए देखे जाने का दावा किया जा रहा है. कई दिनों बाद तेंदुआ देखे जाने की खबर के बाद लोगों अनावश्यक घर से निकलना बंद कर दिया है. फिलहाल दहशत में आए रहवासियों ने इसकी सूचना वन विभाग को भी दे दी है. जानकारों के मुताबिक अभी कुछ दिनों तक तेंदुआ की चहलकदमी बंद थी, लेकिन अचानक तेंदुआ देखे जाने पर यह संभावना जताई जा रही है कि तेंदुए ने फिर से पहाड़ी को बसेरा बना लिया है.Leopard in Jabalpur
फिर वापस लौट रहे तेंदुए: दरअसल जबलपुर नागपुर हाईवे पर स्थित चूल्हा-गोलाई के आसपास का एरिया तेंदुओं का पिछ्ले 15 दिनों से नया डेरा बन गया है, यहां बीते 15 दिनों में अलग-अलग जगहों पर 6 से अधिक तेंदुओं को मूवमेंट करते हुए देखे गए हैं. हाल ही में चूल्हा गोलाई के नारायणपुर गांव में एक गाय पर तेंदुए के हमले के बाद वन विभाग की टीम द्वारा किए गए निरीक्षण में ये बात सामने आई है, हालांकि ये इलाका बरगी और बरेला के जंगलों से लगा हुआ है, जो हमेशा से ही तेंदुओं का बसेरा रहा है. लेकिन नया हाईवे बनने के दौरान चले निर्माण कार्य के कारण तेंदुए इस जगह को छोड़कर चले गए थे, अब हाईवे तैयार होने के बाद तेंदुए इस जगह पर लौट आए हैं.
अलावदा खेड़ी में तेंदुए की दहशत में ग्रामीण, वन विभाग के अमले ने केवल पिंजरा लगाकर की खानापूर्ति
वन्य प्राणियों को दी गई अंडरग्राउंड पासिंग: वन विभाग के अनुसार चूल्हा गोलाई के आसपास बनाए गए रास्ते में वन्य प्राणियों की आवाजाही के लिए कई स्थानों पर अंडरग्राउंड पासिंग भी दी गई है, जिससे तेंदुओं के साथ दूसरे सभी वन्य प्राणियों के लिए ये स्थान सुरक्षित है. बरगी बरेला से कान्हा बांधवगढ़ के साथ डुमना के जंगल का कॉरिडोर भी जुड़ा हुआ है, इसलिए वन्य प्राणियों को मौसम और परिस्थितियों के हिसाब से जगह बदलने में कोई दिक्कत नहीं होती.