जबलपुर। जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशल्टी हॉस्पिटल अग्निकांड के बाद प्रशासन ने लापरवाह अस्पतालों पर सख्ती दिखाई है. जिले के स्वास्थ्य विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर संचालित किए जा रहे 12 निजी हॉस्पिटल को नोटिस देकर उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं.इसके अलावा भी अन्य अस्पतालों को नोटिस दिए जा रहे हैं. विभाग की टीमें, फायर, सैनेट्री और निगम अधिकारियों के साथ निजी हॉस्पिटलों की जांच कर रही हैं. सभी अस्पतालों की जांच 2 दिन में पूरी कर ली जाएगी. जिसके बाद लापरवाही से संचालित किए जा रहे और भी हॉस्पिटलों की लाइसेंस निरस्त किए जा सकते हैं.
43 डाक्टरों की कमेटी का हुआ गठन: जबलपुर जिले में नर्सिंग कॉलेजों समेत 150 के करीब निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं. इन तमाम अस्पतालों और नर्सिंग संस्थानों की जांच के लिए 43 डॉक्टरों की कमेटी का गठन कर दिया गया है. शुरुआती जांच के बाद 12 अस्पतालों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं. 2 दिनों के भीतर सभी अस्पतालों की जांच पूरी होने के बाद अन्य निजी हॉस्पिटल पर भी लापरवाही मिलने पर ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी.
इन अस्पतालों के लाइसेंस हुए निरस्त: यह है वह अस्पताल जिनके लाइसेंस निरस्त किए गए हैं.
-जगदीश चिल्ड्रन हॉस्पिटल
-जीवन ज्योति हॉस्पिटल (डॉ. ए.के.जैन)
- डॉ. कावेरी शॉ विजया वूमेन क्लीनिक एण्ड हॉस्पिटल, प्राची नर्सिंग होम
- कुमार हॉस्पिटल (डॉ. कपिल कुमार )
- स्टार हॉस्पिटल
-निर्मल हॉस्पिटल, शाफिया हॉस्पिटल, अभिनंदन हॉस्पिटल
- आदर्श हॉस्पिटल, कामाख्या हॉस्पिटल एवं सरकार हॉस्पिटल शामिल है
मापदंड पूरे करने पर ही हो सकेगा संचालन:
संभाग के क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ संजय मिश्रा के मुताबिक कलेक्टर के निर्देश पर तमाम एहतियात बरतते हुए निजी अस्पतालों पर सख्ती की जा रही है. शुरूआती जांच में 12 अस्पतालों में खामियां मिलीं जिनके लाइसेंस निरस्त किए गए हैं. लाइसेंस अधिनियम के तमाम मापदंडो को पूरा करने के बाद ही ही निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति दी जाएगी.