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MP High Court ओबीसी आरक्षण मामले में अंतिम सुनवाई जारी, पांचवें दिन भी जारी रहेगी, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का दिया हवाला

ओबीसी आरक्षण के संबंध में दायर 64 याचिकाओं पर लगातार चौथे दिने भी सुनवाई जारी रही. न्यायालीन समय समाप्त होने के कारण हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेंन्द्र सिंह की युगलपीठ ने अंतिम सुनवाई पांचवें दिन भी जारी रखने के आदेश जारी किये. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने युगलपीठ के सामने अपने तर्क रखे. Final hearing continues High Court, Petitions regarding OBC reservation, Demand reservation 27 percent

Final hearing continues High Court
ओबीसी आरक्षण मामले में सुनवाई
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Published : Aug 25, 2022, 7:36 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट में आशिता दुबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ तथा पक्ष में 64 याचिकाएं दायर की गयी गयी हैं. हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत दिये जाने पर रोक लगा दी थी. सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने आवेदन दायर किया गया था. हाईकोर्ट ने सितम्बर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए संबंधित याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये थे.

ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के आदेश हुए थे : प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा अगस्त 2021 को दिये अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20 पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती छोड़कर अन्य विभाग में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत दिये जाने के आदेश जारी कर दिये. उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के चौथे दिन ओबीसी आरक्षण 27 किये प्रतिशत किये जाने के खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रखा गया.

MP High Court ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने के लिए 64 याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया : याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इंद्रा साहनी, मराठा आरक्षण, एम नागराज, एम आर बालाज के संबंध में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत वैधानिक है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिये तथा जातिगत गणना के हिसाब से आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. महाजन आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाये गये. न्यायालीन समय समाप्त होने के कारण युगलपीठ ने पांचवें दिन भी सुनवाई जारी रखने के निर्देश दिये हैं. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता सुयश मोहन ने पक्ष रखा. सरकार की तरफ से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह उपस्थित हुए.

जबलपुर। हाईकोर्ट में आशिता दुबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ तथा पक्ष में 64 याचिकाएं दायर की गयी गयी हैं. हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत दिये जाने पर रोक लगा दी थी. सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने आवेदन दायर किया गया था. हाईकोर्ट ने सितम्बर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए संबंधित याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये थे.

ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के आदेश हुए थे : प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा अगस्त 2021 को दिये अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20 पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती छोड़कर अन्य विभाग में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत दिये जाने के आदेश जारी कर दिये. उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के चौथे दिन ओबीसी आरक्षण 27 किये प्रतिशत किये जाने के खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रखा गया.

MP High Court ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने के लिए 64 याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया : याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इंद्रा साहनी, मराठा आरक्षण, एम नागराज, एम आर बालाज के संबंध में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत वैधानिक है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिये तथा जातिगत गणना के हिसाब से आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. महाजन आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाये गये. न्यायालीन समय समाप्त होने के कारण युगलपीठ ने पांचवें दिन भी सुनवाई जारी रखने के निर्देश दिये हैं. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता सुयश मोहन ने पक्ष रखा. सरकार की तरफ से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह उपस्थित हुए.

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