जबलपुर। मध्य प्रदेश के सतना जिले में जबलपुर EOW ने भ्रष्टाचार के मामले में तीन तहसीलदारों, पटवारी सहित 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. मामला आदिवासियों की जमीन बेचने से जुड़ा हुआ है. EOW के एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत ने बताया कि बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में एक शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि तहसीलदार और पटवारी ने आपस में मिलकर आदिवासियों को शासन से प्राप्त 54 एकड़ अहस्तांतरित शासकीय जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को कौड़ियों के दाम बेच दिया. जिससे प्रशासन को करोड़ों रुपयों के नुकसान हुआ है. जिसकी जांच सब इंस्पेक्टर फरजाना परवीन से कराई गई थी.
जांच और कलेक्टर की अनुमति के बिना नामांतरण पारित: जांच के दौरान जांच अधिकारी फरजाना परवीन ने पाया कि टॉप ग्रेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रतिनिधि रमेश सिंह ने तहसील बरही में पदस्थ तत्कालीन तहसीलदारों एवं पटवारियों की मिलीभगत से ग्राम करौंदी कुठीया महगवां एवं गढ़ौहा की लगभग 54 एकड़ भूमि को मामूली रकम देकर वर्ष 2008 में क्रय किया था. जिसमें तहसीलदार एसके गर्ग, आरपी अग्रवाल तथा आरबी द्विवेदी ने अभिलेखों की जांच और कलेक्टर की अनुमति के बिना शासकीय भूमि में नामांतरण पारित किया था.
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दस्तावेजों में नए भूस्वामी का नाम दर्ज: पटवारी नत्थूलाल रावत, संतोष दुबे जूनियर पटवारी, संतोष दुबे सीनियर पटवारी एवं सुखदेव सिंह भवेदी ने शासकीय दस्तावेजों में नए भू-स्वामी का नाम दर्ज कर दिया था. तहसीलदार एवं पटवारी के द्वारा षड्यंत्र एवं छलपूर्वक दस्तावेज तैयार कर लाभ पहुंचाने के नीयत से जमीन का विक्रय और नामांतरण किया था. जिससे सरकार को करोड़ों की क्षति पहुंची है. रमेश सिंह, प्रतिनिधि टॉप ग्रेन मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, एस के गर्ग तहसीलदार, आर.पी. अग्रवाल तहसीलदार, आर बी द्विवेदी तहसीलदार, नत्थूलाल रावत पटवारी, संतोष दुबे जूनियर पटवारी, संतोष दुबे सीनियर पटवारी एवं सुखदेव सिंह भवेदी पटवारी दोषी मानते हुए सभी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भारतीय दंड विधान एवं 7 सी भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम, 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
(Jabalpur EOW Action) (Allegations of grabbing land of tribals) (FIR against 8 people including tehsildars and patwaris)