जबलपुर। भ्रस्टाचार के आरोप में फंसे पूर्व बिशप पीसी सिंह को सीएनआई ने सभी फर्जीवाड़े का दोषी मानते हुए सभी पदों से अलग कर दिया है, यह फैसला द सिनोड ऑफ द चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया. बैठक के दौरान कमेटी ने पीसी सिंह को तत्काल प्रभाव से माडरेटर सहित सभी पदों से निलंबित किए जाने का निर्णय लिया गया, उक्त आदेश सिनोड के जनरल सेक्रेटरी डॉ. पीके सामंताराव द्वारा जारी किए गये हैं. (Jabalpur Bishop Fraud Case)
पीसी सिंह ने किया पद का दुरुपयोग: बता दें कि विशप पीसी को इससे पहले उन्हें अस्थाई तौर पर पद से हटाकर उनके स्थान पर बीके नायक को माडरेटर नियुक्त किया गया था. सूत्रों के अनुसार जारी किए गये पत्र में उल्लेखित किया गया है कि पीसी सिंह की फर्जीवाड़ा मामले में गिरफ्तारी के बाद सीएनआई द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई थी, जांच कमेटी द्वारा 118 पन्नों की रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत की गई, जिसमें इस बात का जिक्र है कि पीसी सिंह ने पद का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा किया है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अधीनस्थ संस्थाओं में नियुक्तियों, पदस्थापना और सस्पेंशन आदि मामलों में जमकर धांधली की है.(CNI action on PC Singh)
मनमाने ढंग से की नियुक्तियां: ईओडब्ल्यू की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि पीसी सिंह ने अपनी पत्नी नोरा सिंह, बेटे पियूष सहित कई अन्य लोगों की नियुक्तियां मनमाने तरीके से की थीं, पीसी सिंह के द्वारा की गईं नियुक्तियों में एक नाम और सामने आया है, जिसे तीन संस्थाओं में अलग-अलग मैनेजर नियुक्त किया गया था और उसे तीनों संस्थाओं से अलग-अलग वेतन दिया जाता था.(PC Singh was sacked from all posts)
इशारों पर नाचने को मजबूर थे सभी बिशप: सूत्रों के अनुसार सिनोड की बैठक के बाद जो पत्र जारी किया गया है उसमें बताया गया है कि बैठक में सीएनआई के अंतर्गत आने वाले 23 बिशप मौजूद थे, सभी ने एकजुट होकर पीसी सिंह के कार्यकलापों को लेकर विरोध जताया. उनका कहना था कि पीसी सिंह के मॉडरेटर रहते हुए सभी को उनके इशारे पर कार्य करना पड़ता था.