जबलपुर। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav 2022) को लेकर गांवों में चर्चाओं का दौर है. दावेदारों को लेकर वोटों का गुणाभाग जारी है. गांवों के विकास का मुद्दा भी बैठकों में उठाया जा रहा है. भावी उम्मीदवार चुनाव लड़ने की भूमिका बांध रहे हैं. वोटरों को साधने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जबलपुर की शहपुरा जनपद की बिजौरी ग्राम पंचायत (Jabalpur Bijori Gram Panchayat) में मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों की समस्या का कोई समाधान होते नहीं दिखाई दे रहा है. (Jabalpur Bijori Gram Panchayat deprived of basic facilities)
नल जल योजना का ग्रामीणों को नहीं मिला फायदा: शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण इलाके सभी जगह पानी के लिए त्राहिमाम मचा है. जिले के ज्यादातर गांवों में नल जल योजना के काम शुरू हुए हैं, लेकिन पूरे नहीं हो पाए हैं. इससे वहां रहने वालों को पानी की किल्लत (water crisis in Jabalpur) का सामना करना पड़ रहा है. जहां पानी की टंकियां बन गईं हैं, वहां गांव के सरपंच और सचिव की लापरवाही की वजह से ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है. बरगी विधानसभा के अंतर्गत बिजौरी ग्राम पंचायत में भी यही समस्या लंबे समय से बनी हुई है. करीब 12 सौ आबादी वाले इस गांव में नल जल योजना के तहत पानी की टंकी बनाई गई है.
पानी के लिए परेशान महिलाएं: गांव के ज्यादातर घरों में पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन भी डाल दी गई है, लेकिन अभी भी पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है. पानी की टंकी से पानी की सप्लाई करने के लिए और उसे बंद करने के लिए कोई भी कर्मचारी नियुक्त नहीं है. गांव की महिलाएं खुद अपनी जरूरत के हिसाब से मशीन चालू-बंद करती हैं. दूसरी तरफ गांव में नल भी है, लेकिन अधिकांश खराब पड़े हैं और एक नल का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इससे पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है. (Jabalpur villagers craving water)
जल संकट बना जीवन का संकट: गांव की महिलाओं की शिकायत है कि सरपंच और सचिव पानी की समस्या को हल करने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे, कई बार शिकायत करने के बाद भी उनकी तरफ से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया. भीषण गर्मी के दौरान भी गांव की महिलाओं को पीने के लिए गांव से काफी दूर जाना पड़ता है, तब जाकर परिवार के उपयोग के लिए पानी एकत्रित कर पाती हैं. बिजौरी गांव की तरह जिले के कई ऐसे गांव हैं जो इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं, जहां जल संकट जीवन का संकट बना हुआ है. इसके अलावा गांव में सड़क और नालियों की हालत भी बद से बदतर है. गांव के कई हिस्सों में सड़कें नहीं बनीं है. वहीं जहां सड़क और नाली बनाया गया है वहां सफाई नहीं करवाई गई है.