जबलपुर। बुरहानपुर में साइड रोड व नाले -नालियों का निर्माण के टेंडर होने व बिना काम के करोड़ों का भुगतान किये जाने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पूर्व में दिये गये रिकार्ड पेश करने के मामले में अनावेदकों को दो सप्ताह की मोहलत प्रदान करते हुए मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को निर्धारित की है.
अफसरों की मिलीभगत का आरोप : बुरहानपुर निवासी समाजसेवी बालचंद्र शिंदे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि नगर पालिका बुरहानपुर ने सड़क निर्माण सहित नाले नालियों के निर्माण के लिये टेंडर निकाले थे. आरोप है कि उक्त कार्य पूरा हुए बगैर ही ठेकेदार कंपनियों को करीब 18 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया. उक्त पूरे मामले में नपा अधिकारियों की भी साठगांठ है. आवेदक का कहना है कि मामले की शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से लोकायुक्त में की गई, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण ली गई.
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सीएस, कलेक्टर व लोकायुक्त को पक्षकार बनाया : मामले में मप्र शासन के मुख्य सचिव, बुरहानपुर कलेक्टर, नगर पालिका आयुक्त, मेसर्स फलौदी कंस्ट्रक्शन, मेसर्स वैभव कंस्ट्रक्शन, ईई नपा बुरहानपुर व लोकायुक्त भोपाल सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है. मामले की पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने राज्य सरकार व नपा को रिकार्ड पेश करने के निर्देश दिये थे. आगे हुई सुनवाई पर न्यायालय ने दो सप्ताह की मोहलत दी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हरीशचंद्र कोहली ने पैरवी की. (Burhanpur municipality paid 18 crores without work) (Paid 18 crores to contractor without work)