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जबलपुर में आवारा कुत्तों का आतंक, अस्पताल प्रबंधन नहीं दे पा रहा रेबीज वैक्सीन

जबलपुर में अवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. आवारा कुत्ते अब तक कई लोगों को काट चुके हैं. आलम यह है कि कुत्ते के काटने से अस्पतालों में रैबीज टीका लगवाने के लिए मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिससे अस्पतालों में रैबीज इंजेक्शन कमी होने लगी है. जिससे लोग परेशान हो रहे हैं.

अस्पताल प्रबंधन नहीं दे पा रहा रेबीज वैक्सीन
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Published : Aug 17, 2019, 9:26 PM IST

जबलपुर। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार जारी है. इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर है कि रोजाना दर्जनों लोग इनका शिकार हो रहे हैं. कुत्तो के काटने से रैबीज टीका लगवाने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. जिला अस्पताल में रोज लगभग 70 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. लेकिन अस्पताल में मरीजों को इंजेक्शन तक नहीं मिल पा रहे हैं.

अस्पताल प्रबंधन नहीं दे पा रहा रेबीज वैक्सीन

शनिवार को भी रैबीज का टीका लगवाने के लिए कई मरीज जिला अस्पताल पहुंचे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इंजेक्शन नहीं होने की बात कहकर मरीजों को इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया. रैबीज इंजेक्शन नहीं लगने से नराज मरीज और उनके परिजनों ने सिविल सर्जन के दफ्तर का घेराव कर दिया. आनन-फानन में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ डीपी गुर्जर मौके पर पहुंचे और इंजेक्शन लगाने के लिए नर्स को निर्देशित किया. तब जाकर मरीजों का गुस्सा शांत हुआ.

मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन उन्हें भटका रहा है. बहरहाल प्रभारी सिविल सर्जन के निर्देश पर आखिरकार मरीजों को इंजेक्शन लगा तब जाकर मामला शांत हुआ। गौरतलब है कि जबलपुर में इन दिनों आवारा कुत्तों का इस कदर आतंक है कि रोजाना दर्जनों लोग इनका शिकार हो रहे हैं।

जबलपुर। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार जारी है. इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर है कि रोजाना दर्जनों लोग इनका शिकार हो रहे हैं. कुत्तो के काटने से रैबीज टीका लगवाने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. जिला अस्पताल में रोज लगभग 70 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. लेकिन अस्पताल में मरीजों को इंजेक्शन तक नहीं मिल पा रहे हैं.

अस्पताल प्रबंधन नहीं दे पा रहा रेबीज वैक्सीन

शनिवार को भी रैबीज का टीका लगवाने के लिए कई मरीज जिला अस्पताल पहुंचे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इंजेक्शन नहीं होने की बात कहकर मरीजों को इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया. रैबीज इंजेक्शन नहीं लगने से नराज मरीज और उनके परिजनों ने सिविल सर्जन के दफ्तर का घेराव कर दिया. आनन-फानन में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ डीपी गुर्जर मौके पर पहुंचे और इंजेक्शन लगाने के लिए नर्स को निर्देशित किया. तब जाकर मरीजों का गुस्सा शांत हुआ.

मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन उन्हें भटका रहा है. बहरहाल प्रभारी सिविल सर्जन के निर्देश पर आखिरकार मरीजों को इंजेक्शन लगा तब जाकर मामला शांत हुआ। गौरतलब है कि जबलपुर में इन दिनों आवारा कुत्तों का इस कदर आतंक है कि रोजाना दर्जनों लोग इनका शिकार हो रहे हैं।

Intro:जबलपुर
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार जारी है।आलम यह है कि जिला अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन के लिए रोजाना 70 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं पर अपनी लापरवाही के लिए विख्यात जिला अस्पताल जबलपुर रैबीज पीड़ित मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहा है।


Body:आज भी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए कई मरीज जिला अस्पताल पहुंचे पर अस्पताल प्रबंधन ने यह कहकर मरीजों को इंजेक्शन के लिए मना कर दिया कि अभी इंजेक्शन खत्म हो गए हैं।जैसे ही मरीजों को जानकारी लगी कि रैबीज इंजेक्शन मरीजों को नहीं लग रहे हैं नाराज मरीजों के परिजनों ने सिविल सर्जन के दफ्तर का घेराव कर दिया।आनन-फानन में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ डीपी गुर्जर मौके पर पहुंचे और इंजेक्शन लगाने के लिए नर्स को निर्देशित किया तब जाकर मरीजों का गुस्सा शांत हुआ।


Conclusion:मरीजों के परिजनों की मानें तो रैबीज के इंजेक्शन होने के बाद भी जिला अस्पताल प्रबंधन उन्हें भटका रहा है।कई मासूम बच्चे तक इंजेक्शन के लिए परेशान हो रहे हैं।बहरहाल प्रभारी सिविल सर्जन के निर्देश पर आखिरकार मरीजों को इंजेक्शन लगा तब जाकर मामला शांत हुआ। गौरतलब है कि जबलपुर में इन दिनों आवारा कुत्तों का इस कदर आतंक है कि रोजाना दर्जनों लोग इनका शिकार हो रहे हैं।
बाईट.1-सुहेल कुरैशी.... मरीज के परिजन
बाईट.2-रवि वंशकार....मरीज
बाईट.3-डॉ डी पी गुर्जर......प्रभारी,सिविल सर्जन
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