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High Court News: सिविल जज परीक्षा में उचित है इंटरव्यू में न्यूनतम अंक का निर्धारण, नियम को सही करार देते हुए याचिका खारिज - mandatory to get 20 marks out of 50 in civil judge exam interview

जबलपुर हाईकोर्ट ने सिविल जज परीक्षा में इंटरव्यू में न्यूनतम अंक निर्धारण के नियमों को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. युगलपीठ ने याचिका को खाजिर करते हुए अपने आदेश में कहा है कि, सिविल जज की परीक्षा के नोटिफिकेशन के दौरान ही इंटरव्यू तथा निर्धारित अंक का उल्लेख किया गया है. साथ ही पारिवारिक जानकारी इसलिए मांगी जाती है कि, अभ्यार्थी की पृष्ठभूमि की जानकारी हो सके.

Determination of minimum marks in interview in Civil Judge Examination
सिविल जज परीक्षा में इंटरव्यू में न्यूनतम अंक का निर्धारण
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Published : Jul 31, 2022, 5:37 PM IST

जबलपुर। सिविल जज परीक्षा के इंटरव्यू में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम अंक निर्धारित किये जाने तथा परीक्षा फार्म में रिश्तेदारों के ज्यूडिशियल सर्विस में होने की जानकारी मांगे जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने चयन के लिए निर्धारित नियम को सही करार देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

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इंटरव्यू में 50 में से 20 अंक प्राप्त करना अनिवार्य: याचिकाकर्ता आनंद कुमार लोवांशी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि, एमपी ज्यूडिशियल सर्विस रूल्स 1994 के तहत हाईकोर्ट द्वारा सिविल जज कनिष्ट स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाता है. प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के बाद चयनित अभियार्थियों का इंटरव्यू लिया जाता है. इंटरव्यू में 50 में से 20 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है, इंटरव्यू में निर्धारित अंक नहीं मिलने के कारण याचिकाकर्ता सिविल जज बनने से वंचित हो गया है. याचिका में हिमानी मल्होत्रा के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश व शेट्टी कमीशन की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था. याचिका में कहा गया था कि, परीक्षा फार्म में परिवारिक सदस्य तथा रिश्तेदार का ज्यूडिशियल सर्विस में होने की जानकारी देना अनिर्वाय है.

परीक्षा नोटिफिकेशन के दौरान इंटरव्यू तथा निर्धारित अंक का उल्लेख: युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खाजिर करते हुए अपने आदेश में कहा है कि, हिमानी मल्होत्रा के मामले में नोटिफिकेशन के दौरान इंटरव्यू प्रक्रिया का उल्लेख नहीं किया गया था. सिविल जज की परीक्षा के नोटिफिकेशन के दौरान ही इंटरव्यू तथा निर्धारित अंक का उल्लेख किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने के मंजूश्री के मामले में इंटरव्यू के लिए अंक अनिर्धारित किये जाने को सही ठहराया है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि, पारिवारिक जानकारी इसलिए मांगी जाती है कि, अभ्यार्थी की पृष्ठभूमि की जानकारी मिले सके.

जबलपुर। सिविल जज परीक्षा के इंटरव्यू में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम अंक निर्धारित किये जाने तथा परीक्षा फार्म में रिश्तेदारों के ज्यूडिशियल सर्विस में होने की जानकारी मांगे जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने चयन के लिए निर्धारित नियम को सही करार देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

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इंटरव्यू में 50 में से 20 अंक प्राप्त करना अनिवार्य: याचिकाकर्ता आनंद कुमार लोवांशी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि, एमपी ज्यूडिशियल सर्विस रूल्स 1994 के तहत हाईकोर्ट द्वारा सिविल जज कनिष्ट स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाता है. प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के बाद चयनित अभियार्थियों का इंटरव्यू लिया जाता है. इंटरव्यू में 50 में से 20 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है, इंटरव्यू में निर्धारित अंक नहीं मिलने के कारण याचिकाकर्ता सिविल जज बनने से वंचित हो गया है. याचिका में हिमानी मल्होत्रा के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश व शेट्टी कमीशन की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था. याचिका में कहा गया था कि, परीक्षा फार्म में परिवारिक सदस्य तथा रिश्तेदार का ज्यूडिशियल सर्विस में होने की जानकारी देना अनिर्वाय है.

परीक्षा नोटिफिकेशन के दौरान इंटरव्यू तथा निर्धारित अंक का उल्लेख: युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खाजिर करते हुए अपने आदेश में कहा है कि, हिमानी मल्होत्रा के मामले में नोटिफिकेशन के दौरान इंटरव्यू प्रक्रिया का उल्लेख नहीं किया गया था. सिविल जज की परीक्षा के नोटिफिकेशन के दौरान ही इंटरव्यू तथा निर्धारित अंक का उल्लेख किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने के मंजूश्री के मामले में इंटरव्यू के लिए अंक अनिर्धारित किये जाने को सही ठहराया है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि, पारिवारिक जानकारी इसलिए मांगी जाती है कि, अभ्यार्थी की पृष्ठभूमि की जानकारी मिले सके.

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