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आठ माह बाद हाई कोर्ट के कोर्ट रूम में हुई सुनवाई

आज से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की दो अदालतों के कोर्ट रूम में सुनवाई शुरू हो चुकी है. एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सुजय पाल की कोर्ट में आज सुनवाई हुई है.

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Published : Dec 3, 2020, 3:45 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 10:43 PM IST

आठ माह बाद हाई कोर्ट के कोर्ट रूम में हुई सुनवाई

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगभग आठ माह बाद कोर्ट परिसर में सुनवाई शुरू की गई है. प्रयोग के तौर पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव की कोर्ट और जस्टिस सुजय पॉल की कोर्ट में पहले दो मामलों को कोर्ट रूम में ही सुना जा रहा है, ये दोनों मालमों की अंतिम सुनावाई है. बाकी मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुना जाएगा.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट

कोरोना गाइडलाइन के चलते कोर्ट रूम में बंद हुई थी सुनवाई

दरअसल, कोरोनावायरस की गाइडलाइन के चलते मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कोर्ट परिसर में सुनवाई बंद कर दी गई थी और बीते आठ माह से कोर्ट पूरी तरह से बंद था, जिन मामलों की सुनवाई हो रही थी वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुने जा रहे थे. उनमें वकील कोर्ट परिसर में नहीं आते थे, लेकिन जब धीरे-धीरे अनलॉक में दूसरी गतिविधियों को खोला जा रहा है, इसी के चलते अब कोर्ट को भी खोलने की तैयारी की जा रही है, और प्रयोग के तौर पर आज दो अदालतों में कुछ मामलों को प्रत्यक्ष सुनवाई के जरिए सुना जा रहा है, आज से यह प्रक्रिया शुरू हो रही है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की मांग

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष रमन पटेल का कहना है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायिक प्रक्रिया सही ढंग से अंजाम नहीं दी जा रही है. मामले के सभी पक्षों को सही ढंग से ना तो पटल पर रखा जाता है. ना ही पर्याप्त समय अदालतें दे रही हैं. इस वजह से न्याय नहीं मिल पा रहा है. जबलपुर जैसे शहर में जहां हर माह एक हजार से ज्यादा मामले अदालतों में आते हैं. वहां यदि प्रक्रिया को सामान्य ढंग से अंजाम नहीं दिया गया तो बहुत सारे लोग न्यायिक प्रक्रिया में फंस जाएंगे. जो या तो थानों के चक्कर काट रहे होंगे या अदालतों के या फिर जेल में होंगे. इसलिए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कहते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया को पुराने तरीके से ही चालू कर दिया जाना चाहिए.

Hearing held in court room of High Court
अधिवक्ता संघ

हाईकोर्ट में पेंडेंसी की ताजा स्थिति

अक्टूबर 2020 की स्थिति में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 3,79,764 मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं. इनमें से 2,34,949 सिविल मामले हैं और 1, 44, 815 क्रिमिनल मामले हैं, यह पेंडेंसी लगातार बढ़ती चली जा रही है, क्योंकि अदालतें सही ढंग से काम नहीं कर पा रही हैं. यदि कोरोना गाइडलाइन के चलते अदालतें इसी ढंग से चलती रहीं तो बहुत सारे लोगों को न्यायिक राहत नहीं मिल पाएगी.

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगभग आठ माह बाद कोर्ट परिसर में सुनवाई शुरू की गई है. प्रयोग के तौर पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव की कोर्ट और जस्टिस सुजय पॉल की कोर्ट में पहले दो मामलों को कोर्ट रूम में ही सुना जा रहा है, ये दोनों मालमों की अंतिम सुनावाई है. बाकी मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुना जाएगा.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट

कोरोना गाइडलाइन के चलते कोर्ट रूम में बंद हुई थी सुनवाई

दरअसल, कोरोनावायरस की गाइडलाइन के चलते मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कोर्ट परिसर में सुनवाई बंद कर दी गई थी और बीते आठ माह से कोर्ट पूरी तरह से बंद था, जिन मामलों की सुनवाई हो रही थी वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुने जा रहे थे. उनमें वकील कोर्ट परिसर में नहीं आते थे, लेकिन जब धीरे-धीरे अनलॉक में दूसरी गतिविधियों को खोला जा रहा है, इसी के चलते अब कोर्ट को भी खोलने की तैयारी की जा रही है, और प्रयोग के तौर पर आज दो अदालतों में कुछ मामलों को प्रत्यक्ष सुनवाई के जरिए सुना जा रहा है, आज से यह प्रक्रिया शुरू हो रही है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की मांग

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष रमन पटेल का कहना है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायिक प्रक्रिया सही ढंग से अंजाम नहीं दी जा रही है. मामले के सभी पक्षों को सही ढंग से ना तो पटल पर रखा जाता है. ना ही पर्याप्त समय अदालतें दे रही हैं. इस वजह से न्याय नहीं मिल पा रहा है. जबलपुर जैसे शहर में जहां हर माह एक हजार से ज्यादा मामले अदालतों में आते हैं. वहां यदि प्रक्रिया को सामान्य ढंग से अंजाम नहीं दिया गया तो बहुत सारे लोग न्यायिक प्रक्रिया में फंस जाएंगे. जो या तो थानों के चक्कर काट रहे होंगे या अदालतों के या फिर जेल में होंगे. इसलिए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कहते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया को पुराने तरीके से ही चालू कर दिया जाना चाहिए.

Hearing held in court room of High Court
अधिवक्ता संघ

हाईकोर्ट में पेंडेंसी की ताजा स्थिति

अक्टूबर 2020 की स्थिति में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 3,79,764 मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं. इनमें से 2,34,949 सिविल मामले हैं और 1, 44, 815 क्रिमिनल मामले हैं, यह पेंडेंसी लगातार बढ़ती चली जा रही है, क्योंकि अदालतें सही ढंग से काम नहीं कर पा रही हैं. यदि कोरोना गाइडलाइन के चलते अदालतें इसी ढंग से चलती रहीं तो बहुत सारे लोगों को न्यायिक राहत नहीं मिल पाएगी.

Last Updated : Dec 3, 2020, 10:43 PM IST
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