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असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया को महिला अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में दी चुनौती, कोर्ट ने PSC से किया जवाब तलब - सुप्रीम कोर्ट ने एक केस

असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया में एक महिला अभ्यर्थी ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अनारक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवार ने अपनी याचिका में दलील दी है कि अनारक्षित वर्ग में आरक्षित महिलाओं को जो स्थान दिया गया है, वो गैरकानूनी है, हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर पब्लिक सर्विस कमीशन से जवाब तलब किया है.

हाई कोर्ट, जबलपुर
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Published : Sep 24, 2019, 10:45 PM IST

जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान आरक्षण के नियमों में स्पष्ट किया है, कि यदि किसी को कोई आरक्षण मिला हुआ है, तो उसकी प्रतिस्पर्धा केवल उसी श्रेणी के प्रतिभागियों से होगी जिस श्रेणी में उसे आरक्षण मिला हुआ है. भले ही उसने अनारक्षित श्रेणी के लोगों से ज्यादा नंबर प्राप्त किया हो. सुप्रीम कोर्ट की इस गाइडलाइन को आधार बनाकर मध्यप्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के रिजल्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती


2 दिन पहले असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का रिजल्ट निकाला गया, जिसमें 10 महिलाओं को उनके प्राप्त अंकों की वजह से अनारक्षित श्रेणी में चयन में पात्र माना गया, जबकि वे महिलाएं ओबीसी श्रेणी की हैं चुनौती देने वाली प्रतियोगी महिला का कहना है कि जब उन्हें आरक्षण मिला हुआ है, तो उन्हें आरक्षित श्रेणी में ही रखा जाना चाहिए था और उसी के आधार पर मैरिट तय होनी थी, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में रखकर मैरिट बनाना कानून के हिसाब से गलत है.


कोर्ट ने महिला वर्ग के पदों की नियुक्ति पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. अगली सुनवाई नवंबर में रखी गई है, इसमें पीएससी से जवाब मांगा गया है कि आखिर उन्होंने आरक्षण के नियमों का पालन क्यों नहीं किया.

जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान आरक्षण के नियमों में स्पष्ट किया है, कि यदि किसी को कोई आरक्षण मिला हुआ है, तो उसकी प्रतिस्पर्धा केवल उसी श्रेणी के प्रतिभागियों से होगी जिस श्रेणी में उसे आरक्षण मिला हुआ है. भले ही उसने अनारक्षित श्रेणी के लोगों से ज्यादा नंबर प्राप्त किया हो. सुप्रीम कोर्ट की इस गाइडलाइन को आधार बनाकर मध्यप्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के रिजल्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती


2 दिन पहले असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का रिजल्ट निकाला गया, जिसमें 10 महिलाओं को उनके प्राप्त अंकों की वजह से अनारक्षित श्रेणी में चयन में पात्र माना गया, जबकि वे महिलाएं ओबीसी श्रेणी की हैं चुनौती देने वाली प्रतियोगी महिला का कहना है कि जब उन्हें आरक्षण मिला हुआ है, तो उन्हें आरक्षित श्रेणी में ही रखा जाना चाहिए था और उसी के आधार पर मैरिट तय होनी थी, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में रखकर मैरिट बनाना कानून के हिसाब से गलत है.


कोर्ट ने महिला वर्ग के पदों की नियुक्ति पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. अगली सुनवाई नवंबर में रखी गई है, इसमें पीएससी से जवाब मांगा गया है कि आखिर उन्होंने आरक्षण के नियमों का पालन क्यों नहीं किया.

Intro: असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में एक बार फिर गड़बड़ी अनारक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवार पहुंची हाई कोर्ट महिला उम्मीदवारों का आरोप अनारक्षित वर्ग में आरक्षित महिलाओं को दिया गया स्थान गैरकानूनी है हाईकोर्ट ने पीएससी से मांगा जवाबBody:जबलपुर सुप्रीम कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान आरक्षण के नियमों में स्पष्ट किया है की यदि किसी को कोई आरक्षण मिला हुआ है तो उसकी प्रतिस्पर्धा केवल किस श्रेणी में उसे आरक्षण मिला हुआ है उसी आरक्षित श्रेणी के लोगों से ही मानी जाएगी भले ही उसने अनारक्षित श्रेणी के लोगों से ज्यादा नंबर प्राप्त किए हो
सुप्रीम कोर्ट की किसी गाइडलाइन को आधार बनाकर मध्यप्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के रिजल्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है दरअसल 2 दिन पहले असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का रिजल्ट निकाला गया जिसमें 10 महिलाओं को उनके नंबर की वजह से अनारक्षित श्रेणी में चयन हेतु पात्र माना गया जबकि वे महिलाएं ओबीसी श्रेणी की है
चुनौती देने वाली प्रतियोगी का कहना है कि जब उन्हें आरक्षण मिला हुआ है तो उन्हें आरक्षित श्रेणी मैं ही रखा जाना चाहिए था और उसी के आधार पर मेरिट तय होनी थी उन्हें अनारक्षित श्रेणी में रखकर मैरिड बनाना कानून के हिसाब से गलत है कोर्ट ने याचिकाकर्ता की बात मानते हुए पीएससी के महिला वर्ग के पदों की नियुक्ति पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है अगली सुनवाई नवंबर में रखी गई है इसमें पीएससी से जवाब मांगा गया है कि आखिर उन्होंने आरक्षण के नियमों का पालन क्यों नहीं किया
मध्यप्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर की लगभग 28 सौ पदों पर भर्ती की गई है भर्ती की
प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया पर फिर कानूनी दांवपेंच
MPPSC ने नियुक्ति प्रक्रिया में फिर नही किया आरक्षण नियमो का पालन
महिला वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना
महिला वर्ग के सामान्य श्रेणी में OBC महिला आवेदकों की सूची की जारी
HC ने महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण की सीटों पर जारी किया स्टे
2480 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों पर निकली थी भर्ती
200 से अधिक सीटें महिला वर्ग के लिए है आरक्षित
अन्य सीटों पर जारी रहेगी भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही
सामान्य वर्ग की महिला आवेदक ने लगाई थी याचिका
नवंबर माह में होगी अगली सुनवाईConclusion:बाइट ब्रह्मानंद पांडे एडवोकेट हाई कोर्ट
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