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ये है मां काली का ऐसा मंदिर, जहां AC बंद होते ही माता को आता है पसीना - जबलपुर एसी वाली माता काली

आज हम आपको देवी मां काली के एक ऐसे चमत्कारिक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर विराजमान मां काली की मूर्ति को पसीना आता है. जी हां, भले ही आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा भी मंदिर है जहां एसी बंद होते ही देवी मां को भी पसीना आता है. (Jabalpur Maa Kali Temple)

Jabalpur Maa Kali Temple
जबलपुर एसी वाली माता काली
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Published : Apr 4, 2022, 11:04 PM IST

जबलपुर। क्या मनुष्य,जीव-जन्तु की तरह भगवान को भी गर्मी लगती होगी, क्या माता को भी पसीना आता है, ऐसे में भक्तों ने माता को गर्मी से निजात दिलाने के लिए क्या व्यवस्था की होगी, अगर इस तरह के सवाल आपके मन में आ रहे हैं तो आप भी आए मध्यप्रदेश के जबलपुर में जहां मां काली के लिए भक्तों ने गर्मी से निजात दिलाने के लिए ए.सी लगवाया है. मां काली के इस सिद्ध धाम को कहा जाता है AC वाली माता जी. दरअसल, गर्मी के दिनों में माता को पसीना निकलता है जिसके चलते भक्तों द्वारा गर्मी के दिनों में मां काली के मंदिर में 24 घण्टे ए.सी चलाने की व्यवस्था की गई है.(Jabalpur Maa Kali Temple)

जबलपुर एसी वाली माता काली

500 साल पुराना है मंदिर: देश में कई देवी दरबार हैं, जिनका अपना-अपना वैभव है, जो अपने आप में बहुत सिद्ध है जहां आस्था प्रकट करने का अलग तरीका है. ऐसे ही जबलपुर के कैंट स्थित सदर में मां काली का ऐसा मंदिर है जहां, गर्मी के दिनों में मूर्ति को भी भी पसीना आता है. लिहाजा भक्तों ने मां काली के लिए ए.सी लगवा रखा है. यह मंदिर 500 साल पुराना है, जिसे देश भर में 'ए.सी वाली माता काली' के नाम से जाना जाता है. AC यानि एयर कंडीशन, जो केवल माता के लिए ही लगाया गया है, वहीं भक्तों की आस्था माता के प्रति इतनी है कि दूर दूर से लोग दर्शन और पूजन के लिए आते हैं.

Jabalpur Maa Kali Temple
जबलपुर एसी वाली माता काली का मंदिर

देवी मां का अनोखा मंदिर है जहां फूल-प्रसाद नहीं बल्कि ,चढ़ते हैं जूते, चप्पल और चश्मे

क्या है मंदिर का इतिहास: मंदिर के जानकर बताते हैं कि इसका इतिहास 500 साल पुराना है, कहा जाता है कि गौंड़ रानी दुर्गावती के शासनकाल में खानाबदोश बंजारे यहां-वहां घूमते थे. तब कुछ दिन के लिए वह लोग भी यहां आकर रुके, उन्होंने पास ही एक झोपड़ी बना ली और कुछ दिन रुके रहे. उस समय यहां घना जंगल हुआ करता था, जंगली जानवर भी यहां पर आते थे. कुछ दिन रुकने के बाद जब बंजारों की टीम यहां से जाने लगी तब उन्होंने माता काली की इस प्रतिमा को उठाकर ले जाने का प्रयास किया, हालांकि वह लोग उसे उठाने में सफल नहीं रहे. थक हराकर बंजारे माता की मूर्ति को यही छोड़कर आगे बढ़ गए और तब से लेकर आज तक माता के इस स्थल का विकास होता गया. आज यहां एक विशाल मां काली का मंदिर बन गया है.

Jabalpur Maa Kali Temple
AC बंद होते ही माता को आता है पसीना

एसी बंद होते ही जाग जाती है माता: लोग बताते हैं कि आम दिनों में तो सब ठीक रहता है पर गर्मी में माता को पसीना खूब निकलता था, जब कभी माता के वस्त्र बदले जाते थे तो वह गर्मी के कारण भीगे हुए होते थे. जिसके बाद भक्त समझे कि मां को गर्मी लगती है, इसलिए उनको पसीना निकल रहा है. बाद में भक्तों ने तुरंत ही माता के पास कूलर रखा और फिर ठंडक के लिए एसी लगवा दिया, जिसके बाद से एसी माता के पास ही लगा हुआ है और 24 घंटे चलता रहता है. कहा जाता है कि जब कभी एसी बन्द हो जाता है तो माता के शरीर से पसीना निलकने लगता है और वह जाग जाती है.

भारत ही नहीं विदेश से भी दर्शन करने आते हैं भक्त: मंदिर के प्रधान पुजारी नाथ महाराज बताते हैं कि माता का यह मंदिर बहुत ही सिद्ध है इसलिए 12 माह यहां भारत के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. इतना ही नहीं माता का जो भक्त भारत से बाहर अमेरिका-इंग्लैंड या किसी अन्य देश में होता है तो वह फोन कर के मन्नत के अनुरूप पूजा करवाता है. इसके साथ ही भक्तों का कहना है कि माता के दरबार से आज तक कोई खाली हाथ नहीं गया.

जबलपुर। क्या मनुष्य,जीव-जन्तु की तरह भगवान को भी गर्मी लगती होगी, क्या माता को भी पसीना आता है, ऐसे में भक्तों ने माता को गर्मी से निजात दिलाने के लिए क्या व्यवस्था की होगी, अगर इस तरह के सवाल आपके मन में आ रहे हैं तो आप भी आए मध्यप्रदेश के जबलपुर में जहां मां काली के लिए भक्तों ने गर्मी से निजात दिलाने के लिए ए.सी लगवाया है. मां काली के इस सिद्ध धाम को कहा जाता है AC वाली माता जी. दरअसल, गर्मी के दिनों में माता को पसीना निकलता है जिसके चलते भक्तों द्वारा गर्मी के दिनों में मां काली के मंदिर में 24 घण्टे ए.सी चलाने की व्यवस्था की गई है.(Jabalpur Maa Kali Temple)

जबलपुर एसी वाली माता काली

500 साल पुराना है मंदिर: देश में कई देवी दरबार हैं, जिनका अपना-अपना वैभव है, जो अपने आप में बहुत सिद्ध है जहां आस्था प्रकट करने का अलग तरीका है. ऐसे ही जबलपुर के कैंट स्थित सदर में मां काली का ऐसा मंदिर है जहां, गर्मी के दिनों में मूर्ति को भी भी पसीना आता है. लिहाजा भक्तों ने मां काली के लिए ए.सी लगवा रखा है. यह मंदिर 500 साल पुराना है, जिसे देश भर में 'ए.सी वाली माता काली' के नाम से जाना जाता है. AC यानि एयर कंडीशन, जो केवल माता के लिए ही लगाया गया है, वहीं भक्तों की आस्था माता के प्रति इतनी है कि दूर दूर से लोग दर्शन और पूजन के लिए आते हैं.

Jabalpur Maa Kali Temple
जबलपुर एसी वाली माता काली का मंदिर

देवी मां का अनोखा मंदिर है जहां फूल-प्रसाद नहीं बल्कि ,चढ़ते हैं जूते, चप्पल और चश्मे

क्या है मंदिर का इतिहास: मंदिर के जानकर बताते हैं कि इसका इतिहास 500 साल पुराना है, कहा जाता है कि गौंड़ रानी दुर्गावती के शासनकाल में खानाबदोश बंजारे यहां-वहां घूमते थे. तब कुछ दिन के लिए वह लोग भी यहां आकर रुके, उन्होंने पास ही एक झोपड़ी बना ली और कुछ दिन रुके रहे. उस समय यहां घना जंगल हुआ करता था, जंगली जानवर भी यहां पर आते थे. कुछ दिन रुकने के बाद जब बंजारों की टीम यहां से जाने लगी तब उन्होंने माता काली की इस प्रतिमा को उठाकर ले जाने का प्रयास किया, हालांकि वह लोग उसे उठाने में सफल नहीं रहे. थक हराकर बंजारे माता की मूर्ति को यही छोड़कर आगे बढ़ गए और तब से लेकर आज तक माता के इस स्थल का विकास होता गया. आज यहां एक विशाल मां काली का मंदिर बन गया है.

Jabalpur Maa Kali Temple
AC बंद होते ही माता को आता है पसीना

एसी बंद होते ही जाग जाती है माता: लोग बताते हैं कि आम दिनों में तो सब ठीक रहता है पर गर्मी में माता को पसीना खूब निकलता था, जब कभी माता के वस्त्र बदले जाते थे तो वह गर्मी के कारण भीगे हुए होते थे. जिसके बाद भक्त समझे कि मां को गर्मी लगती है, इसलिए उनको पसीना निकल रहा है. बाद में भक्तों ने तुरंत ही माता के पास कूलर रखा और फिर ठंडक के लिए एसी लगवा दिया, जिसके बाद से एसी माता के पास ही लगा हुआ है और 24 घंटे चलता रहता है. कहा जाता है कि जब कभी एसी बन्द हो जाता है तो माता के शरीर से पसीना निलकने लगता है और वह जाग जाती है.

भारत ही नहीं विदेश से भी दर्शन करने आते हैं भक्त: मंदिर के प्रधान पुजारी नाथ महाराज बताते हैं कि माता का यह मंदिर बहुत ही सिद्ध है इसलिए 12 माह यहां भारत के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. इतना ही नहीं माता का जो भक्त भारत से बाहर अमेरिका-इंग्लैंड या किसी अन्य देश में होता है तो वह फोन कर के मन्नत के अनुरूप पूजा करवाता है. इसके साथ ही भक्तों का कहना है कि माता के दरबार से आज तक कोई खाली हाथ नहीं गया.

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