जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य खंडपीठ जबलपुर में है. इसे प्रदेश की संस्कारधानी के साथ न्यायाधानी भी कहा जाता है, लेकिन जबलपुर में हाईकोर्ट के अलावा एक और ऐसी अदालत है, जहां इंसान ही नहीं न्यायाधीश भी मनोकामनापूर्ण होने की याचिका लगाने आते हैं. भगवान गणेश की इस अदालत में लोगों के उन मामलों की सुनवाई होती है जिन पर देश की बड़ी बड़ी अदालतें भी कोई फैसला नहीं दे सकतीं. ये अदालत लगती है जबलपुर का सिद्ध गणेश मंदिर में जिसके जज होते है प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गजानन, देखिए ETV भारत की एक खास रिपोर्ट
जानें कब लगाई गई पहली अर्जी: हाथों में फाइलों की जगह नारियल, वकील की जगह पुजारी, जज के स्थान पर भगवान श्री गणेश और अदालत की जगह मंदिर जबलपुर का यह सिद्ध गणेश मंदिर किसी अदालत से कम नहीं हैं. यहां फैसला खुद भगवान गणपति करते हैं. इस सिद्धि गणेश मंदिर के अदालत बनने की कहानी भी बड़ी खास है. भगवान गणेश के सामने पहली अर्जी मंदिर निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए लगाई गई थी.वह बाधा दूर होने के साथ ही मंदिर में मनोकामनापूर्ण होने के लिए अर्जी लगाने का सिलसिला शुरू हुआ.
गणेशोत्सव के दौरान लगाई जाती हैं सबसे ज्यादा अर्जियां: गणेश उत्सव के दौरान तो सिद्ध मंदिर में विराजे गणपति के पास बिल्कुल भी समय नहीं रहता, उनका पूरा दिन दीन-दुखियों की अर्जियों को सुनने में ही बीत जाता है. लोग सुबह से लेकर रात तक भगवान गणेश की अदालत में अपनी मनोकामना की अर्जी लगाते हैं. मान्यता है कि 10 दिनों तक चलने वाले भगवान विनायक के जन्मोत्सव के दौरान भक्त उनसे जो भी मनोकामना करते है वो जरुर पूरी होती है.
पुजारी भगवान को पढ़कर सुनाते हैं अर्जी: यहाँ भक्त अपनी हर तरह कि मनोकामना के लिए एक रजिस्टर में अपनी अर्जी लिखवाते हैं. जिसे मंदिर के पुजारी भगवान गणेश के सामने पढ़ कर सुनाते है. जिसके बाद अर्जी पर फैसला भगवान गणेश देते हैं. गणेश मंदिर में कोर्ट फीस के रूप में एक नारियल भेंट किया जाता है. सिद्ध गणेश मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर में मजदूर से लेकर जज तक और देश से लेकर विदेश तक के भक्त अर्जी लगाने आ चुके हैं. कोई नौकरी के लिए अर्जी लगाता है तो कोई संतान प्राप्ति के लिए. यहां कई लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण हुई हैं. पुजारी बताते हैं कि वैसे तो मंदिर में सालभर अर्जियां लगाई जाती हैं, लेकिन गणेशोत्सव के दौरान अर्जियों की संख्या बढ़ जाती है.
अभी लग चुकी हैं 1 लाख अर्जियां: प्रधान पुजारी बताते है कि मंदिर में अबतक एक लाख से ज्यादा अर्जियां आ चुकी हैं. इनका पूरा लेखा जोखा मंदिर के पास सुरक्षित है. लोगों का कहना है कि भगवान गणेश की उन पर ऐसी कृपा रही कि हर काम सिद्ध होते गए, ऐसी ही मान्यताओं के चलते मंदिर की प्रसिद्धी भी दिनों दिन बढ़ रही है,मंदिर में बप्पा के दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते हैं.
हर दिन अलग श्रृंगार, अलग भोग: श्री सिद्ध गणेश मंदिर में पूरे साल भगवान गणेश का विशेष पूजन अर्चन होता है, और रोजाना है कि यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन गणेश उत्सव के दौरान मंदिरों में हजारों की संख्या में भक्त आते है, गणेश मंदिर में भगवान का जन्मोत्सव 10 दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, प्रतिदिन गणेश जी का अलग-अलग स्वरुप में श्रृंगार करके उन्हें उसी के अनुसार भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी को मनोकामना के लिए रखे लाखों नारियलों का हवन भी किया जाता है.