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जबलपुर के पानी में अकोला और कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, हाईकोर्ट ने निगम से मांगा जवाब

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Published : Nov 23, 2019, 11:06 PM IST

जबलपुर में पीने के पानी में ईकोलाई और कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया पाए जाने पर हाईकोर्ट में दो याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नगर-निगम जबलपुर से जबाव मांगा है.

जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर। संस्कारधानी में पीने के पानी के खिलाफ हाईकोर्ट में दो याचिका दायर की गई थी. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस एके मित्तल ने इन दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए जबलपुर शहर के नगर निगम कमिश्नर और जिला कलेक्टर से एक एक्शन प्लान की मांग की है. जिसमें जबलपुर शहर के वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ड्रेनेज सिस्टम वाटर सप्लाई सिस्टम सीवर लाइन जैसे मुद्दों पर जानकारी मांगी गई है.

जबलपुर हाईकोर्ट


बीते दिनों जबलपुर के दमोह नाका इलाके के एक परिवार में अजीब सी समस्या सामने आई थी. जहां परिवार के बच्चे को खूनी पेचिश हो गई. जिस पर डॉक्टरों का कहना था कि बच्चे ने जो पानी पिया है उसमें ईकोलाई और कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया थे. इसी की वजह से बच्चे को यह तकलीफ हुई. उसके तुरंत बाद एक कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा की मदद से इस परिवार ने पानी के सेंपल की जांच करवाई. पानी के इस सैंपल में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया 25 सौ गुना ज्यादा पाए गए.


इस घटना के बाद कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा ने जबलपुर शहर के लगभग 150 पानी के सैंपल की जांच करवाई इनमें से 135 जगहों पर गंदा पानी पाया गया. इसके बाद कांग्रेस ने नगर निगम में हंगामा किया लेकिन पानी की स्थिति नहीं सुधरी इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई.


इसके अलावा 2017 में जबलपुर के हालात पर हाईकोर्ट ने एक सोमोटो पेटीशन भी दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि जबलपुर का विकास जिस गति से होना चाहिए था. उस गति से हुआ नहीं था. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस ए के मित्तल ने दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए जबलपुर नगर-निगम से पूरी जानकारी मांगी है. इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की गई है जब जबलपुर के अधिकारी अपना जवाब लेकर हाई कोर्ट में पेश होंगे.

जबलपुर। संस्कारधानी में पीने के पानी के खिलाफ हाईकोर्ट में दो याचिका दायर की गई थी. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस एके मित्तल ने इन दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए जबलपुर शहर के नगर निगम कमिश्नर और जिला कलेक्टर से एक एक्शन प्लान की मांग की है. जिसमें जबलपुर शहर के वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ड्रेनेज सिस्टम वाटर सप्लाई सिस्टम सीवर लाइन जैसे मुद्दों पर जानकारी मांगी गई है.

जबलपुर हाईकोर्ट


बीते दिनों जबलपुर के दमोह नाका इलाके के एक परिवार में अजीब सी समस्या सामने आई थी. जहां परिवार के बच्चे को खूनी पेचिश हो गई. जिस पर डॉक्टरों का कहना था कि बच्चे ने जो पानी पिया है उसमें ईकोलाई और कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया थे. इसी की वजह से बच्चे को यह तकलीफ हुई. उसके तुरंत बाद एक कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा की मदद से इस परिवार ने पानी के सेंपल की जांच करवाई. पानी के इस सैंपल में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया 25 सौ गुना ज्यादा पाए गए.


इस घटना के बाद कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा ने जबलपुर शहर के लगभग 150 पानी के सैंपल की जांच करवाई इनमें से 135 जगहों पर गंदा पानी पाया गया. इसके बाद कांग्रेस ने नगर निगम में हंगामा किया लेकिन पानी की स्थिति नहीं सुधरी इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई.


इसके अलावा 2017 में जबलपुर के हालात पर हाईकोर्ट ने एक सोमोटो पेटीशन भी दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि जबलपुर का विकास जिस गति से होना चाहिए था. उस गति से हुआ नहीं था. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस ए के मित्तल ने दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए जबलपुर नगर-निगम से पूरी जानकारी मांगी है. इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की गई है जब जबलपुर के अधिकारी अपना जवाब लेकर हाई कोर्ट में पेश होंगे.

Intro:एक बार फिर जबलपुर के विकास की कमान हाईकोर्ट के हाथों में हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी में कहा भोपाल और इंदौर की तर्ज पर विकसित नहीं हुआ जबलपुर


Body:जबलपुर जबलपुर शहर का विकास जैसा होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ इस बात को जबलपुर का आम आदमी महसूस करता है इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भोपाल और इंदौर जबलपुर से कहीं आगे निकल गए इन दोनों ही शहरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सीवर लाइन वाटर सप्लाई जैसी बुनियादी सुविधाएं जबलपुर से कहीं बेहतर हैं आम आदमी लगातार इस मुद्दे को राजनीतिक मंचों तक पहुंचाता रहा लेकिन आम आदमी की बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया

बीते दिनों जबलपुर के दमोह नाका इलाके के एक परिवार में अजीब सी समस्या हुई और उनके बच्चे को खूनी पेचिश हो गई डॉक्टरों का कहना था कि बच्चे ने जो पानी पिया है उसमें ईकोलाई और कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया थे इसी की वजह से बच्चे को यह तकलीफ हुई उसके तुरंत बाद एक कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा की मदद से इस परिवार ने पानी के सेंपल की जांच करवाई पानी के इस सैंपल में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया 25 सौ गुना ज्यादा पाए गए उसके बाद सौरभ शर्मा ने जबलपुर शहर के लगभग 150 पानी के सैंपल की जांच करवाई इनमें से 135 जगहों पर गंदा पानी पाया गया इसके बाद कांग्रेस ने नगर निगम में हंगामा किया लेकिन पानी की स्थिति नहीं सुधरी इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई

इसके अलावा 2017 में जबलपुर के हालात पर हाईकोर्ट ने एक सोमोटो पेटीशन भी दायर की गई थी मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नए चीफ जस्टिस ए के मित्तल ने इन दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए जबलपुर शहर के नगर निगम कमिश्नर और जिला कलेक्टर से एक एक्शन प्लान की मांग की है जिसमें जबलपुर शहर के वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ड्रेनेज सिस्टम वाटर सप्लाई सिस्टम सीवर लाइन जैसे मुद्दों पर जानकारी मांगी गई है और चीफ जस्टिस ने इस बात पर हैरानी जताई है कि आखिर जबलपुर विकास की दौड़ में कैसे पिछड़ गया


Conclusion:इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की गई है जब जबलपुर के अधिकारी अपना जवाब लेकर हाई कोर्ट में पेश होंगे
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