जबलपुर। कोरोना महामारी का डेल्टा प्लस वेरियंट मध्यप्रदेश में फिर से दस्तक देने लगा है. जबलपुर में छह कोरोना मरीजों में डेल्टा प्लस वेरियंट (Delta Plus Variant Patients) की पुष्टि हुई है लेकिन अच्छी खबर यह है कि सभी मरीज जिनमें यह वेरियंट पाया गया था पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. इससे पहले इंदौर में भी दो मरीज मिले थे जिनमें डेल्टा प्लस वेरियंट वाले लक्षण मिले हैं. इनके सैंपल जीनोम सिक्वेसिंग के लिए दिल्ली भेजी गई रिपोर्ट में इन मरीजों में भी डेल्टा प्लस वेरियंट मिलने की पुष्टि हुई है.
सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग
डेल्टा प्लस वेरियंट के जो ताजा मामले सामने आए हैं उनमें अच्छी बात यह है कि सभी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन नए केसों के सामने आने के बाद सतर्क हो गया है. आपको बता दें कि 2 महीने पहले भी जबलपुर में डेल्टा प्लस वेरियंट की एक महिला मरीज मिली थी. दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने तक सभी मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके थे.
17 जुलाई को भेजे गए थे सैंपल
जिन मरीजों में कोरोना के डेल्टा वेरियंट के पुष्टि हुई है उन लोगों के सैंपल जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब से 17 जुलाई को दिल्ली भेजे गए थे. जिन मरीजों केे सैंपल भेजे गए थे उनमें 1 सैंपल डिंडोरी के कोरोना पॉजिटिव मरीज का, चार नमूने जिला जबलपुर जिला अस्पताल और एक नमूना मिलेट्री हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित का था. रिपोर्ट आने से पहले ये सभी 6 मरीज ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं, लेकिन सतर्कता बरतते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी मरीजों से संपर्क कर उनकी दोबारा से स्वास्थ्य जांच करेंगी. मेडिकल कॉलेज से 29 जुलाई और 16 अगस्त को भी छह-छह कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है.
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इन मरीजों के भेजे जाते हैं सैंपल
जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए जिन मरीजों के सैंपल भेजे गए हैं उनमें यह देखा गया है कि इनमें कोरोना संक्रमण के जो लक्षण पाए गए हैं वे सामान्य लक्षणों से अलग हों या फिर ऐसे मरीज जो वैक्सीन लगाने के बाद संक्रमित हुए हैं.इन मरीजों के सैंपल दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल भेजे जाते हैं. प्रदेश सरकार ने भी अति गंभीर मरीजों के नमूने की एहतियातन जीनोम सिक्वेसिंग कराने का निर्णय किया हुआ है.
30 सितंबर तक सबको लग जाएगा टीका
मध्य प्रदेश में 30 सितंबर तक 18 वर्ष से ऊपर की आयु के शत-प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन का पहला डोज लगा दिया जाएगा. प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण महा अभियान (Vaccination Maha Abhiyan) चलाया गया था, जिसके पहले दिन 23 लाख 50 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण (Record Vaccination) किया गया था. वहीं दूसरे दिन भी 16 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया गया, इससे पहले 21 जून को प्रदेश में एक ही दिन में 17 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाकर एमपी ने रिकॉर्ड बनाया था. दूसरा डोज लगवाने वालों का आंकड़ा भी 1 करोड़ से ऊपर हो चुका है. ऐसे में एक तरफ जहां ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन से कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी तेजी से की जा रही है तो दूसरी तरफ कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के नए मामलों के सामने आने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. स्वास्थ्य विभाग जहां ऐसे मामलों में सतर्कता बरत रहा है वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दावा किया है कि 30 सितंबर तक प्रदेश के सभी पात्र लोगों को टीके का पहला डोज लगा दिया जाएगा.